तीन पंचायतों के लोगों को है विकास का इंतजार

सदर प्रखंड मुख्यालय से महज 13 किलोमीटर की दूरी पर बसे तीन पंचायत के लोग आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 04:55 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:37 AM (IST)
तीन पंचायतों के लोगों को है विकास का इंतजार
तीन पंचायतों के लोगों को है विकास का इंतजार

छपरा डोरीगंज : सदर प्रखंड मुख्यालय से महज 13 किलोमीटर की दूरी पर गंगा सरयू और सोन नदियों से घिरा तीन पंचायत के लोग आज भी की मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और विकास की आस में हैं। गांव में न सड़क है और न शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा। सरकारी स्तर से किए गए विकास कार्य धरातल पर नहीं दिखते। यह हाल है भोजपुरी के शेक्सपियर लोक कवि भिखारी ठाकुर के गांव कुतुबपुर दियारा का। चुनाव के समय हर बार यहां पहुंचकर नेता तो वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई सुध नहीं लेता। दैनिक जागरण प्रतिनिधि ने दियारा के रायपुर बिदगावां, कोटवा पट्टी रामपुर तथा बरहरा महाजी पंचायत के गांव का जायजा लिया तो लोगों में आक्रोश दिखा। ग्रामीणों ने कहा, कवनो सरकार हो हमनी के सब लोग ठगले बा। चुनाव के समय में आके लामा लामा भाषण दे के विकास के बात करेला लोग, लेकिन चुनाव खत्म भइला पर सब लोग भुला जाला।

कब दूर होगी गांव की समस्या

तीन पंचायतों में लगभग 35 हजार आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा सरकारी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां की 90 फीसद आबादी खुले में शौच करने को विवश है। केवल 10 फीसद लोगों के घरों में शौचालय की व्यवस्था है। किसानों के लिए सिचाई की सुविधा नहीं रहने के कारण मौसम के आधार पर खेती करते हैं। खेत में बीज बो दिया, जो भी हुआ प्रकृति पर ही निर्भर है। इसके कारण प्रति वर्ष इनकी फसल अक्सर बर्बाद हो जाती है।

स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन नहीं आते डॉक्टर

गांव में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा रहने के बाद एक भी एमबीबीएस चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है। आयुष चिकित्सक के सहारे 35 हजार की आबादी निर्भर है। गांव में एक नहीं कई समस्याएं हैं। आरा-छपरा पुल बनने के बाद आज भी इन गांवों में जाने के लिए संपर्क सड़क नहीं है। नाली-गली योजना धरातल पर नहीं उतरी है। नल-जल का काम अब तक अधूरा है। कहीं वार्ड कराया है तो कहीं पीएईडी द्वारा अधूरा कार्य करा कराने के बाद छोड़ दिया गया है। लोककवि भिखारी ठाकुर आश्रम पर की भी कमोवेश यही स्थिति है।

बारिश के समय गांव से निकलना हो जाता है मुश्किल

पंचायत की अभी भी कई ग्रामीण सड़कें कच्ची रहने के कारण बारिश के समय लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। बाढ़ आने पर गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी में घिरा रहता है। श्री ठाकुर के गांव में प्राथमिक विद्यालय कुतुबपुर की स्थिति दयनीय है। बाढ़ में एक तरफ से भवन ढह गया है उसी में बच्चे पढ़ते भी हैं। अभी चुनाव है और उस विद्यालय में 4 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक अखिलेश्वर मांझी द्वारा बताया गया कि जर्जर भवन के बारे में उच्चाधिकारियों से कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। भिखारी ठाकुर के परिवार के भृगुनाथ ठाकुर, अरुण प्रसाद, राम विनोद राय, रवि, लालू, संजीत बताते हैं कि जो भी सरकार बनी उन्हें ठगने का काम किया।

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