Harsidhi Election 2020: हरसिद्धि में भाजपा के पुराने चेहरे की राजद के नये चेहरे से टक्कर

Harsidhi Election News 2020 पूर्वी चंपारण जिले की हरसिद्धि सीट पर राजद ने अपने विधायक राजेंद्र कुमार का टिकट काट पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष कुमार नागेंद्र बिहारी उर्फ नागेंद्र राम को चुनाव मैदान में उतारा। वहीं भाजपा ने अपने पुराने चेहरे को उतारा।

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 09:39 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 07:46 PM (IST)
Harsidhi Election 2020: हरसिद्धि में भाजपा के पुराने चेहरे की राजद के नये चेहरे से टक्कर
पूर्वी चंपारण जिले की हरसिद्धि सीट से प्रमुख उम्मीदवार

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। पूर्वी चंपारण जिले की हरसिद्धि सीट वर्ष 2010 में सुरक्षित हो गई। तब भाजपा के कृष्णनंदन पासवान ने जीत दर्ज की। 2015 में राजद के राजेंद्र कुमार ने भाजपा को हरा कर यह सीट अपने नाम की। यहां का मुकाबला इस लिए रोचक हो गया है कि राजद ने अपने विधायक राजेंद्र कुमार का टिकट काट पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष कुमार नागेंद्र बिहारी उर्फ नागेंद्र राम को चुनाव मैदान में उतारा है। वही भाजपा ने अपने पुराने चेहरे को उतारा है। नागेंद्र एक सामान्य व्यक्तित्व के हैं । वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भी है कि पार्टी ने प्रखंड अध्यक्ष को उम्मीद्वार बनाया है। यहां 50.75 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

 वहीं भाजपा से इसी जाति के वर्ष 2010 में विधायक रह चुके कृष्णनंदन पासवान पर दाव लगाया। पार्टी के नेता व कार्यकर्ता एकजुट होकर अपनी सीट वापस जीतने में लगे। वहीं रालोसपा के उम्मीद्वार रमेश कुमार लड़ाई को त्रिकोणीय बनाया । वैसे इस सीट पर 1967 से 1969 तक कम्युनिस्ट पार्टी के एसएम ओबैदुल्लाह तो 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युगल किशोर प्रसाद सिंह ने तीन वर्ष प्रतिनिधित्व किया। जबकि 1951 से 1990 तक 34 साल कांग्रेस ने यहां प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें सर्वाधिक मो. हिदायतुला खान ने 20 वर्ष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। 

2020 के प्रमुख प्रत्याशी

एनडीए : कृष्णनंदन पासवान (भाजपा)

महागठबंधन : कुमार नागेंद्र बिहारी उर्फ नागेंद्र राम (राजद) 

जीडीएसएफ : ई. रमेश पासवान (रालोसपा)

2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत

1. राजेंद्र कुमार (राजद) : 75203

2. कृष्णनंदन पासवान (भाजपा) : 64936

3. नोटा : 3,133

2010 विजेता उपविजेता और मिले मत

1. कृष्णनंदन पासवान (भाजपा) : 48130

2. सतीश पासवान (राजद) : 30066

3. विजय कुमार राम (कांग्रेस) : 6202

कुल वोटर : 265539

पुरुष वोटर : 140057

महिला वोटर : 125479

ट्रांसजेंडर वोटर : 03

जीत का गणित

सुरक्षित सीट होने के कारण यहां सभी प्रमुख प्रत्याशी महादलित हैं, जिसको लेकर इन्य जातियों की भूमिका बढ़ गई है। वैसे इस क्षेत्र में अतिपिछड़ा व सवर्ण वोटर काफी मायने रखते हैं। इनका झुकाव जिस ओर होता है उसकी जीत तय मानी जाती है। इसके अलावा महादलित मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। वही कुशवाहा, मुस्लिम, सहनी, वैश्य, यादव की भी संख्या अच्छी खासी है। यहां सुरक्षित सीट होने के कारण महादलित मतों का बंटवारा हो रहा है। 1951 से 1990 तक 40 वर्षो में 36 वर्ष कांग्रेस का प्रतिनिधित्व रहा। वर्ष 2010 में सुरक्षित सीट होने के बाद भाजपा के कृष्णनंद पासवान तो वर्ष 2015 में राजद के राजेंद्र कुमार ने जीत दर्ज की। इसके पूर्व दो बार अवधेश प्रसाद कुशवाहा तो दो बार महेश्वर सिंह ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। महादलित प्रत्याशी अपने जाति के कितने वोट अपनी ओर कर पाते है उस पर भी जीत हार तय होगी। इसके साथ कुशवाहा, सर्वण व अतिपिछड़ा जाति के वोटर यहां निर्णायक भूमिका में होंगे। 

प्रमुख मुद्दे 

1. सड़क : हरसिद्धि को गायघाट से जोडऩे वाली सड़क काफी जर्जर है। अगर इस सड़क का निर्माण हो जाए तो जिला मुख्यालय जाने वाले लोगों को आठ किलोमीटर की दूरी कम तय करनी होगी। साथ ही इसके बनने का लाभ प्रखंड के छह पंचायत के लोगों को मिल सकेगा। 

2. कृषि मंडी : इस विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक लोग खेती-किसानी से जुड़े है। किसानों का उत्पादन भी बेहतर होता है, लेकिन सरकारी मंडी नहीं होने के कारण छोटे किसान बिचौलियों के माध्यम से  अपना उत्पादन बेचने को मजबूर है। वही संपन्न किसान अपने उत्पादन यहां से दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा के अलावे नेपाल में मक्का, हल्दी, लहसुन आदि बेचते है। वही इस क्षेत्र में नकदी फसल के रूप में सब्जी की खेती करने वाले किसानों की संख्या भी है, लेकिन बाजार नहीं होने से इसकी खेती कम मात्रा में होती है। 

3. पूरी नहीं हुई आस : हरसिद्धि को नगर पंचायत बनाने के साथ गायघाट को प्रखंड बनाने की लोगों की मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। क्षेत्र के समुचित विकास के लिए यह जरूरी है और लोग इसके लिए आंदोलन भी कर चुके है। 

4. शिक्षा व रोजगार : शिक्षा के क्षेत्र में यहां सरकारी स्तर पर आइटीआइ कॉलेज की स्थापना के साथ-साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के लिए हरसिद्धि स्थित सोनबरसा मन को विकसित करने की जरूरत है। 

5. पर्यटन स्थल से नहीं जुड़ा तुरकौलिया : हरसिद्धि विधानसभा के तुरकौलिया प्रखंड स्थित गांधी घाट व निम का पेड़ सैकड़ों बार आंदोलन होने के बाद भी ना तो पर्यटन स्थल घोषित हुआ और न ही इसे गांधी सॢकट से जोड़ा गया।

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