Bihar Chunav 2020: अबकी बार JDU के नए स्टैंड का लिटमस टेस्ट, दूसरे चरण में प्रतिष्‍ठा दांव पर

Bihar Chunav 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में वैसे प्रत्याशी भी हैं जो चुनाव के ठीक पहले दूसरे दलों से जदयू में आए और पार्टी का टिकट पा गए। कुछ ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा और सभी को किनारे लगाकर पार्टी ने टिकट दिया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:48 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 08:45 PM (IST)
Bihar Chunav 2020: अबकी बार JDU के नए स्टैंड का लिटमस टेस्ट, दूसरे चरण में प्रतिष्‍ठा दांव पर
बिहार की सत्‍तारुढ़ पार्टी जदयू सरकार में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Chunav 2020 दूसरे चरण के लिए तीन नवंबर को होने वाले मतदान में जदयू के नए स्टैैंड का भी लिटमस टेस्ट होगा। इस चरण में वैसे प्रत्याशी भी हैैं जो चुनाव के ठीक पहले दूसरे दलों से जदयू में आए और पार्टी का टिकट पा गए। कुछ ऐसे प्रत्याशी भी हैं जिन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा और सभी को किनारे लगाकर पार्टी से टिकट पा गए।

दूसरे दल से आए और आसानी से ले लिया टिकट

दूसरे दल से आकर जदयू के टिकट पर दूसरे चरण के चुनाव में मैदान में उतरे नेताओं में चंद्रिका राय, फराज फातिमी व पंकज मिश्रा प्रमुख है। चंद्रिका राय ने 2015 का विधानसभा चुनाव राजद प्रत्याशी के रूप में छपरा के परसा विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था। इस बार उन्होंने राजद छोड़ दिया है। वे जदयू के टिकट पर मैदान में हैैं। चंद्रिका राय ने 2015 का चुनाव 32.06 प्रतिशत के मार्जिन से जीता था। उन्हें 77,211 वोट मिले थे और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी लोजपा के छोटेलाल राय को 34,876 वोट मिले थे।

फराज फातिमी भी राजद छोड़कर जदयू में आए हैैं। वह दरभंगा जिले के केवटी से व‍िधायक थे। जदयू ने उन्हें दरभंगा ग्रामीण से अपना प्रत्याशी बनाया है। पंकज मिश्रा को जदयू ने रुन्नीसैदपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है। रुन्नीसैदपुर से 2015 में राजद की मंगीता देवी ने चुनाव जीता था और तब पंकज मिश्रा बीएलएसपी के टिकट पर मैदान में थे। वह दस प्रतिशत के अंतर से चुनाव हारकर दूसरे नंबर पर थे।

स्थानीय लोगों को पता नहीं था कि कौन आ रहा चुनाव लड़ने

दूसरे चरण में जदयू के टिकट पर कई ऐसे प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैैं जिनके बारे में स्थानीय लोगों को कुछ पता तक नहीं था। इनमें गोपालगंज के भोरे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे रिटायर डीजी सुनील कुमार का नाम लिया जा सकता है। उनके भाई अनिल कुमार ने 2015 में कांग्रेस के टिकट पर भोरे से चुनाव लड़ा था। वे जीते थे। वे इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे। मधुबनी के  फूलपरास विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर लड़ रहीं शीला मंडल का मामला भी कुछ ऐसा ही है।

जदयू ने अपनी विधायक गुलजार देवी का टिकट काटकर शीला मंडल को प्रत्याशी बनाया है। केसरिया से जदयू के टिकट पर मैदान मे उतरी शालिनी मिश्रा का नाम भी इसी श्रेणी में है। बेनीपुर से अजय चौधरी व वैशाली से सिद्धार्थ पटेल का नाम भी लिया जा सकता है। राजगीर से कौशल किशोर और हिलसा से कृष्ण मुरारी भी इसी श्रेणी के प्रत्याशी हैैं।

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