Mohiuddinnagar Election 2020: समस्तीपुर की इस सीट पर आमने-सामने की टक्कर में राजद को इस बार मिली कड़ी चुनौती
Mohiuddinnagar Election News 2020 यह सीट वैसे तो राजद की परंपरागत सीट रही है लेकिन एक बार भाजपा और उससे पहले कांग्रेस ने भी यहां से जीत दर्ज की है। वर्तमान में राजद की एज्या यादव यहां से विधायक है।
समस्तीपुर, जेएनएन। मोहिउद्दीननगर विधानसभा क्षेत्र पर जिले के सभी लोगों की नजर रहती है। यह सीट वैसे तो राजद की परंपरागत सीट रही है, लेकिन एक बार भाजपा और उससे पहले कांग्रेस ने भी यहां से जीत दर्ज की है। वर्तमान में राजद की एज्या यादव यहां से विधायक है। भाजपा की ओर से राजेश कुमार सिंह उन्हेंं कड़ी टक्कर दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़े थे और द्वितीय स्थान पर रहे थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी सत्येन्द्र सिंह यहां तीसरे स्थान पर रहे। पार्टी ने इस बार राजेश कुमार सिंह को भाजपा के टिकट पर मैदान में उतार दिया है। हालांकि उन्हेंं अपनों के भीतरघात का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के लोकसभा का यह सीट है। इसलिए इस सीट से उनकी प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। वहीं पूर्व विधायक अजय कुमार बुलगानीन जाप से प्रत्याशी हैं। उनका भी यहां बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि क्या राजद अपने इस सीट को बचा पाएगी या भाजपा इस बार झटकने में कामयाब रहेगी। जाप प्रत्याशी को कमतर करके यहां नही आंका जा सकता है। यहां 55 फीसद वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी :
राजेश कुमार सिंह, भाजपा
एज्या यादव, राजद
अजय कुमार बुलगानीन, जाप
2015 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
एज्या यादव (राजद) : 47,137
राजेश कुमार सिंह (निर्दलीय) : 23,706
2010 विजेता उपविजेता और मिले मत
राणा गंगेश्वर सिंह (भाजपा) : 51,756
अजय कुमार बुलगानीन (राजद) : 37405
2005 विजेता, उपविजेता और मिले मत
अजय कुमार बुलगानीन (राजद) : 45,219
राणा गंगेश्वर सिंह (लोजपा) : 39,148
कुल वोटर : 2,62,240
पुरुष : 1,40,855 (53.71 प्रतिशत)
महिला : 1,21,375 (46.28 प्रतिशत)
ट्रांसजेंडर : 10 (0.00381 प्रतिशत)
जीत का गणित
जहां तक इस विधानसभा क्षेत्र के कुल वोटर का प्रश्न है तो दो लाख बासठ हजार से अधिक है। इसमें करीब 95 फीसद जनसंख्या गांवों में रहती है जबकि 5 फीसद शहरों में। अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमश: 19.53 और 0.02 है। इस सीट पर यादव, राजपूत, कोईरी, सवर्ण, वैश्य आदि जातियों का अच्छा-खासा प्रभाव है। खासकर यादव और राजपूत यहां निर्णायक माने जाते हैं।
प्रमुख मुद्दे :
1. आर्सनेनिक से मुक्ति नहींं : यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल बहुत बड़ी चुनौती है। गंगा से सटा इलाका पूरी तरह आर्सेनिक प्रभावित है। इस क्षेत्र का बहुत बड़ा मुद्दा आर्सेनिक जल से मुक्ति का है। वर्षों से इस पर काम चल रहा है, परंतु आज तक इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं हो पाया है।
2. हाजीपुर-बछवाड़ा सड़क का चौड़ीकरण- इस इलाके की प्रमुख सड़क हाजीपुर से बछवाड़ा जाने वाली सड़क है। यह इतनी पतली और जर्जर है कि लोगों को चलना काफी मुश्किल होता है। वाहन भी अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। इस सड़क को नेशनल हाइवे में शामिल किया गया है। परंतु अभी तक कार्य प्रारंभ नही हुआ है।
2. बाढ से परेशानी - अस क्षेत्र के लोगों को हर साल बाढ से परेशानी झेलनी पड़ती है। बहुत बड़ी आबादी इससे प्रभावित होती है। गंगा एवं नून के पानी से लोग तबाह होते रहते हैं। इसलिए बाढ का स्थायी निदान यहां के लोगों की प्रमुख मांग है।