Motihari Election 2020: मोतिहारी में मंत्री की साख दांव पर, एनडीए व महागठबंधन में आमने सामने की लड़ाई
Motihari Election News 2020 इस चुनाव में कला-संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार की साख दांव पर लगी है। भाजपा ने इनपर भरोसा कर अपना प्रत्याशी फिर से बनाया है। वहींं महागठबंधन के राजद से ओमप्रकाश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। मोतिहारी विधानसभा भाजपा का गढ़ रहा है। पिछले कई चुनावों में भाजपा का यहा दबदबा रहा है। इस सीट पर पिछले चार बार से भाजपा यहां से जीत दर्ज करती रही है। इस चुनाव में कला-संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार की साख दांव पर लगी है। भाजपा ने इनपर भरोसा कर अपना प्रत्याशी फिर से बनाया है। वहींं महागठबंधन के राजद से ओमप्रकाश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। ओमप्रकाश चौधरी पिछले चुनाव में सुगौली विधानसभा से महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। इस बार मंत्री प्रमोद कुमार को यहां सीधा टक्कर दे रहे हैं। यह सीट 1077 से अस्तित्व में हैं। 1977 में कांग्रेस के टिकट पर प्रभावती गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। 1980 में वे दोबारा विधायक बनी। 1985, 90 एवं 95 में लगातार तीन बार सीपीआई से त्रिवेणी तिवारी यहां से विधायक रहे हैं। 2000 में इस सीट पर राजद से रमा देवी चुनाव जीती। इसके बाद इस सीट पर भाजपा का लगातार कब्जा रहा है। वोटिंग की प्रक्रिया यहां पूरी हो गई है। यहां 55.05 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है ।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
एनडीए : प्रमोद कुमार (भाजपा)
महागठबंधन : ओमप्रकाश चौधरी (राजद)
2015 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. प्रमोद कुमार (भाजपा) : 79947
2. विनोद श्रीवास्तव (राजद) : 61430
2010 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. प्रमोद कुमार (भाजपा) : 51888
2. राजेश कुमार (राजद) : 27358
2005 के विजेता, उपविजेता और मिले मत
1. प्रमोद कुमार (भाजपा) : 56119
2. रमा देवी (राजद) : 35416
कुल वोटर : 311954
पुरुष वोटर : 166263
महिला वोटर : 145689
ट्रांसजेंडर वोटर : 2
जीत का गणित
मोतिहारी विधानसभा क्षेत्र से जुड़े कई फैक्टर हैं जो चुनावी जीत-हार का कारण बन सकते हैं। क्षेत्र के मुद्दों पर लोग मुखर हैं। यह क्षेत्र भाजपा के कब्जे में लंबे समय तक रहा है। इस बार भी भाजपा के विधायक व सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार चुनाव मैदान में हैं। स्थानीय स्तर पर उन्हेंं कई स्तर पर विरोध भी झेलना पड़ रहा है। इस चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी के बीच कड़ा संघर्ष है।
प्रमुख मुद्दे
1. मोतीझील व धनौती को अतिक्रमणमुक्त करने की दिशा में लोगों की मांग अब तक पूरी नहींं हो सकी है। हालांकि इस दिशा में कई प्रयास हुए हैं, लेकिन मोतीझील व धनौती नदी की स्थिति जस की तस है।
2. स्थानीय स्तर पर शहरी क्षेत्रों के मोहल्लों की सड़कों की स्थिति बदहाल है। शहर में ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कराने की दिशा में भी ठोस पहल नहीं हुई है।
3. क्षेत्र में रोजगार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। काम की तलाश में बाहर जाने वालों का सिलसिला जारी है।