Kesariya Election 2020: पूर्वी चंपारण की केसरिया सीट बहुकोणीय मुकाबले में फंसी, अपने-अपने जनाधार को तलाश रहे प्रत्याशी
Kesariya Election News 2020 जदयू से पूर्व विधायक महेश्वर सिंह एवं राजद के निवर्तमान विधायक डॉ. राजेश कुमार को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। वहीं भाजपा से टिकट की आस लगाए लगातार रामशरण प्रसाद यादव ने भी आगे बढ़ने के लिए नई राह बना ली।
पूर्वी चंपारण,जेएनएन। केसरिया पूर्वी चंपारण जिले की एक ऐसी विधान सभा सीट है जहां से विधानसभा तक पहुंचने के लिए लड़ाई कई कोणों से लड़ी जाती रही है। अंत समय में टिकट की आस लगाए कई महारथियों को निराश भी होना पड़ा है। इनमें जदयू से पूर्व विधायक महेश्वर सिंह एवं राजद के निवर्तमान विधायक डॉ. राजेश कुमार को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। वहीं, भाजपा से टिकट की आस लगाए लगातार पांचवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे रामशरण प्रसाद यादव ने भी यह सीट जदयू के खाते में चले जाने से आगे बढ़ने के लिए नई राह बना ली। अब वे लोजपा प्रत्याशी के रूप में जोर-आजमाइश कर रहे हैं।
उधर, महेश्वर सिंह ने जदयू को छोड़ रालोसपा का दामन थाम लिया। रालोसपा की टिकट पर भाग्य आजमा रहे। जबकि निवर्तमान विधायक डॉ. राजेश कुमार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे। राजद ने इस बार चौकाने वाला निर्णय लेते हुए संतोष कुशवाहा पर भरोसा किया। इन सबके बीच पूर्व सांसद एवं भाकपा नेता स्व. कमला मिश्र मधुकर की सुपुत्री शालिनी मिश्रा को जदयू ने केसरिया से अपना उम्मीदवार बनाया। एक साथ इतने महारथियों ने केसरिया की लड़ाई को रोचक बना दिया। सभी अपनी-अपनी जीत को यकीनी मान कर आगे बढ़ रहे। उन्हें अपने-अपने जनाधार पर भरोसा भी। अन्य उम्मीदवारों में बसपा प्रत्याशी अभय कुमार सिंह एवं जनअधिकार पार्टी के रजनीश कुमार पाठक भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे। यहां 54.70 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
रालोसपा : महेश्वर सिंह (रालोसपा)
एनडीए : शालिनी मिश्र (जदयू)
महागठबंधन : संतोष कुशवाहा (राजद)
लोजपा : रामशरण प्रसाद यादव (लोजपा)
निर्दलीय : डॉ. राजेश कुमार
2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत :
1. डॉ. राजेश कुमार (राजद) : 62902
2. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता (भाजपा) : 46955
2010 विजेता उपविजेता और मिले मत
1. सचिंद्र प्रसाद सिंह (भाजपा) : 34649
2. रामशरण प्रसाद यादव (भाकपा) : 22966
2005 विजेता उपविजेता और मिले मत :
राजेश रौशन, राजद : 310112
रजिया खातून : 30112
कुल वोटर : 263260
पुरुष वोटर : 140239
महिला वोटर : 123020
ट्रांसजेंडर वोटर : 01
जीत का गणित
केसरिया विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण रंग दिखा सकता। इस क्षेत्र में राजपूत, यादव, मुस्लिम, कुशवाहा एवं ब्राह्मण वोटरों की बहुलता है। सहनी एवं भमिहार की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मगर इन सबके बीच वैश्य वोटर निर्णायक साबित हो सकते।एनडीए की बात करें तो इससे पहले यह सीट भाजपा की हुआ करती थी। इस बार जदयू के खाते में है। कई प्रत्याशियों की संबंधित पार्टी से टिकट नहीं मिलने से बदला समीकरण भी असरदार हो सकता। इस बार के चुनाव में मुस्लिम एवं वैश्य वोटर पर सबकी नजर टिकी। इस बहुकोणीय मुकाबले में जीत की राह किसी के लिए आसान नहीं।
प्रमुख मुद्दे
1. बरसात में बाढ़ एवं जलजमाव क्षेत्र की बड़ी समस्या है। गंडक नदी के किनारे स्थित तटवर्ती गांव प्रत्येक वर्ष बाढ़ एवं नदी की कटाव से त्रस्त हैं। नदी के समानांतर बना चंपारण तटबंध भी जर्जर हो चुका है। पानी के दबाव से इसके टूटने की आशंका बनी रहती है। इस बार भी संग्रामपुर में तटबंध के टूटने से भारी तबाही हुई थी।
2. सिंचाई के लिए क्षेत्र में कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। नहरों का अस्तित्व मिटता जा रहा है। ज्यादातर नलकूप निष्क्रिय हैं। आज भी पारंपरिक तरीके से खेती हो रही है।
3. केसरिया को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की अपेक्षा सबकी है। सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है। मगर उनकी कोशिश की रफ्तार धीमी है। शिकायत है कि आश्वासन के बाद भी उन्हें गति नहीं दी जा रही है।
4. रोजगार के लिए स्थानीय स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हुई है। क्षेत्र के लोगों को इसकी अपेक्षा है। रोजगार के लिए आज भी बड़ी संख्या में यहां के लोगों का दूसरे प्रदेशों में पलायन जारी है।