Morwa election 2020: समस्तीपुर की इस सीट पर जदयू को अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए करनी पड़ रही कड़ी मशक्कत
Morwa election 2020 जदयू ने अपने निवर्तमान विधायक विद्यासागर निषाद पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। वहीं राजद ने रणविजय साहू को पहली बार इस क्षेत्र से प्रत्याशी बनाकर कड़ी टक्कर देने की कोशिश की। लोजपा ने भी इस बार अपना प्रत्याशी इस क्षेत्र से उतारा।
समस्तीपुर, जेएनएन। मोरवा विधानसभा सीट में मोरवा के अलावा ताजपुर और शाहपुरपटोरी के कुछ क्षेत्र आते हैं। परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर जदयू का ही कब्जा रहा है। एक बार पूर्व मंत्री वैद्यनाथ सहनी जदयू के टिकट पर इस सीट से जीते थे। तो दूसरी बार जदयू के टिकट पर विद्यासागर निषाद। हालांकि की पहले के दो चुनावों की तुलना में इस बार की लड़ाई कुछ अलग हो रही है। सभी दलों ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरी तरह ख्याल रखकर प्रत्याशी उतारे। इस सीट पर भले ही जदयू की जीत होती रही हो लेकिन, राजद का भी यह मजबूत गढ माना जाता है। इस बार के चुनाव में जदयू ने अपने निवर्तमान विधायक विद्यासागर निषाद पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा। वहीं राजद ने रणविजय साहू को पहली बार इस क्षेत्र से प्रत्याशी बनाकर कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है। लोजपा ने भी इस बार अपना प्रत्याशी इस क्षेत्र से उतारा है। लोजपा से अभय कुमार सिंह मैदान में हैं। इस बार मोरवा की लड़ाई त्रिकाेण में फंसती हुई दिख रही है। तीनों प्रत्याशियों के बीच इस बार कड़ा मुकाबला है। अब देखना है जदयू अपनी इस सीट को बचाने में कामयाब रहती है या फिर राजद और लोजपा में से कोई बाजी मारकर विधानसभा पहुंच सकता है। यहां 57.31 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी
विद्यासागर निषाद, जदयू
रणविजय साहू, राजद
अभय कुमार सिंह, लोजपा
2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत
विद्यासागर निषाद (जदयू) : 59,206
सुरेश राय (भाजपा) : 40,390
2010 विजेता उपविजेता और मिले मत
बैजनाथ सहनी (जदयू) : 40,271
अशोक सिंह (राजद) : 33,421
2005 में यह क्षेत्र सरायंजन विधानसभा क्षेत्र में था। विजेता उपविजेता और मिले मत
रामचंद्र सिंह निषाद (राजद) : 36,945
विजय कुमार चौधरी (जदयू) : 27,725
कुल वोटरः 2,66,258 लाख
पुरुष वोटरः 142072(53.358%)
महिला वोटरः 124168 (46.634%)
ट्रांसजेंडर वोटरः 18 (0.0067%)
जीत का गणित
जहां तक इस विधानसभा क्षेत्र की कुल वोटर का प्रश्न है तो करीब दो लाख छियासठ हजार से अधिक है। इसमें करीब 97.6 फीसद वोटर गांवों में रहते हैं जबकि 2.4 फीसद शहरों में। अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात क्रमशः 19.53 और 0.02 है। इस सीट पर मल्लाह, यादव, सवर्ण, वैश्य, कोईरी ओर कुर्मी जातियों का अच्छा-खासा प्रभाव है। ये जहां जाते हैं, उसकी जीत तय मानी जाती है।
प्रमुख मुद्दे
1. नून नदी नहर परियोजना - यहां के लोगों की यह वर्षों पुरानी मांग है। तत्कालीन मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर ने नून नहर नदी परियोजना की आधारशिला रखी थी। किंतु आज तक वह पूरा नही हुआ।
2. खुदनेश्वर स्थान - हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक खुदनेश्वर स्थान को पर्यटक स्थल का दर्जा देते हुए इसके विकास की घोषणा की गई थी। हालांकि मंदिर न्यास समिति के द्वारा भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है। बावजूद इसे अब तक पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल सका है।
3. उद्योग - आज यहां 100-200 लोगों को राेजगार देने लायक कोई निजी संस्थान नहीं है। ऐसे में उद्योगों का विकास होता है तो रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगीं।