टूटे हाथ में प्लास्टर लगाकर पहुंची बुजुर्ग सुषमा, दूसरों का बढ़ा हौसला

सुल्तानगंज [भागलपुर] जितेंद्र सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र का रतनगंज मध्य विद्यालय। सुबह साढ़े छह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 09:04 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 09:04 AM (IST)
टूटे हाथ में प्लास्टर लगाकर पहुंची बुजुर्ग सुषमा, दूसरों का बढ़ा हौसला
टूटे हाथ में प्लास्टर लगाकर पहुंची बुजुर्ग सुषमा, दूसरों का बढ़ा हौसला

सुल्तानगंज, भागलपुर [जितेंद्र]

सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र का रतनगंज मध्य विद्यालय। सुबह साढ़े छह बजे से ही लोग वोटिंग शुरू होने का इंतजार करते दिखे। मतदाता बार-बार घड़ी देख रहे थे। सभी को घड़ी का कांटा सात पर पहुंचने का इंतजार था। वहीं, मतदान कर्मी मॉक पोल कर रहे थे। ठीक सात बजते ही अंदर से आवाज आई आप लोग बारी-बारी से मतदान करने पहुंचें। जांच प्रक्रिया के बाद वोटर कतारबद्ध हो गए। मतदान शुरू हो चुका था। इस बीच ठीक साढ़े सात बजे बेटे के साथ सुषमा देवी (67) रिक्शे से मतदान केंद्र पहुंचीं। कुछ दिन पहले ही घर में गिरने के कारण सुषमा देवी का दाहिना हाथ टूटा गया था, लेकिन वोट देने के उत्साह में वह प्लास्टर लगाकर पहुंच गईं। वृद्धा का हौसला देख दूसरे वोटर भी काफी उत्साहित हो गए।

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परिवार के साथ वोट देने पहुंचीं किरण

किरण देवी सुबह 7.30 बजे ही वोट देने के लिए लाइन में खड़ी हो गईं। एक स्कूल में दो बूथ होने के कारण भीड़ ज्यादा थी। वोट गिराने के लिए किरण की बारी आने में समय था। किरण ने बताया कि वोट देने के लिए रोज महिलाएं जागरूक कर रही थीं। इस कारण वोट देना जरूरी था। घर के सभी सदस्य वोट देने साथ आए थे। माध्यमिक स्कूल में बनाए गए दोनों बूथों पर युवाओं व बुजुर्गो की भीड़ वोट डालने के लिए जुट रही थी, ऐसे में महिलाएं क्यों पीछे रहें। युवतियों के साथ उनकी भाभी, चाची व वृद्धाएं भी चूल्हा-चौका छोड़कर बूथों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंची थीं। महिलाओं में मतदान करने के लिए खासा उत्साह देखा जा रहा था।

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नाते-रिश्तेदार भी पहुंचे वोट डालने

लोकतंत्र का पर्व कितना महत्व रखता है, यह देखने को मिला। सुल्तानगंज विधानसभा के शहरी क्षेत्र सहित अन्य इलाकों के लोगों ने वोट देने के लिए अपने नाते-रिश्तेदार को भी बुलाया था। दिल्ली, बेंग्लुरु, पूणे में पढ़ाई करने वाले बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी वोट करने पहुंची थीं। खासकर युवा मतदाताओं का उत्साह देखने योग्य था। पुरुषों की कतारों से लंबी महिलाओं की कतार दिखीं। शहरी क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में मत प्रयोग को ले होड़ लगी थी।

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