सुबह होते ही धान की पगडंडी हो गया उत्सवी

बांका। सुबह-सुबह अभी खेत की पंगडंडी से ओस का पानी भी कम नहीं हुआ है। किसी को घर में खाना-पीना बनाने और खाने की भी फिक्र नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 10:47 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 10:47 PM (IST)
सुबह होते ही धान की पगडंडी हो गया उत्सवी
सुबह होते ही धान की पगडंडी हो गया उत्सवी

बांका। सुबह-सुबह अभी खेत की पंगडंडी से ओस का पानी भी कम नहीं हुआ है। किसी को घर में खाना-पीना बनाने और खाने की भी फिक्र नहीं है। सात बजे सुबह गुलाबी ठंड की शुरुआत के साथ ही खेतों की पगडंडी गुलजार हो गई है। महिलाएं, बुजूर्ग, युवा सब तेज कदमों के साथ बूथ पर पहुंचने लगे थे। कई बूथ पर साइकिल, बाइक के साथ ऑटो से भी मतदाता ढोये जा रहे थे। पहले घंटे में मतदान जरूर सुस्त रहा, लेकिन आठ बजे के बाद इसने रफ्तार पकड़ ली। नौ से 11 के बीच सबसे तेज मतदान हुआ। खमारी बूथ पर सुबह 10 बजे तक ही 40 प्रतिशत से अधिक मतदान हो गया था। मतदाताओं ने बताया कि राजद का वोट एकजुट है। बांकी के वोटों में बिखराव है। ककवारा बूथ पर भी वोटों का बिखराव दिखा। 11 बजे तक 40 प्रतिशत से अधिक मत पड़ चुका था। कुकुरगोड़ा, बलियामहरा, चौबटिया आदि कई बूथ पर 12 बजे तक मतदान का प्रतिशत 50 को छूने लगा था। कटोरिया के बूढ़वाबथान बूथ पर भी वोटों का बिखराव दिखा। लेकिन मतदान प्रतिशत बढि़या था। बेलहर के केडिया, भितिया बूथ पर भी दोपहर 12 बजे तक खाली होने लगा था। मतदान का प्रतिशत 50 छू रहा था। खाली बूथ पर कुछ लोग बोगस वोटिग का प्रयास कर रहे थे। लेकिन केंद्रीय बलों की तैनाती और सख्त रूख के कारण उनका हौसला टूट जा रहा था। तीनमुंडा बूथ पर भी एक बजे तक अधिकांश मतदान हो चुका था। पुरानी रात, समता खेसर आदि बूथ पर दोपहर एक बजे भी मतदान के लिए कतार में लोग खड़े थे। राता, पाराचक, रामपुर आदि बूथ पर दो बजे के करीब इक्का दुक्का मतदाता वोट कर रहे थे। कतार सभी जगह खत्म हो गई थी। भरको बूथ के बाहर मतदाताओं ने बताया कि इस बूथ पर तीनों प्रत्याशी को बढि़या वोट मिला है। बलीकित्ता और शाहपुर के आसपास के बूथों पर भी मतदाता ने तीनों प्रत्याशी के बीच मुकाबले की बात कही। बूथ पर मतदाता नहीं दिख रहा था। शोभानपुर में अल्पसंख्यक बूथ पर अधिकांश मत पड़ चुका है। इसकी वोटिग 55 पार हो चुकी थी। इस बूथ पर वोटों की गोलबंदी दिखी। सुबह ग्रामीण इलाकों में तेज मतदान हुआ, जिससे धोरैया और कटोरिया आगे निकल गया। लेकिन बाद में शहरी आबादी वाले बांका और अमरपुर ने भी मतदान में तेजी दिखाई।

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