Chanpatia Election 2020: इस सीट पर भितरघात की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता, दोनों गठबंधनों में यह खेल
Chanpatiya Election News 2020 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से यह सीट भाजपा के कोटे में है। सीटिंग विधायक प्रकाश राय को पार्टी ने बेटिकट कर दिया। हालांकि उन्होंने बागी तेवर नहीं अख्तियार किया। लेकिन इससे स्वाभाविक तौर पर मायूसी है।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। जिले की चनपटिया विधानसभा सीट हमेशा से सुर्खियों में रही है। यहां के वोटरों के मूड को भांपना बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों के लिए आसान काम नहीं रहा। स्थानीय वोटर ईवीएम पर अपनी पसंद का बटन दबाते वक्त क्षेत्र की ज्चलंत समस्याओं और जातीय गणित को निश्चित तौर पर दिमाग में बनाए रखते हैं। इस दफे चनपटिया विधान सभा सीट से एक दर्जन से अधिक 13 प्रत्याशी चुनावी समर में कूदे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से यह सीट भाजपा के कोटे में गई। सीटिंग विधायक प्रकाश राय को पार्टी ने बेटिकट कर दिया। हालांकि उन्होंने बागी तेवर नहीं अख्तियार किया और चुनावी मैदान में तो नहीं उतरे, लेकिन इससे स्वाभाविक तौर पर उनके समर्थकों में मायूसी और नाराजगी थी।
भाजपा ने इस बार उमाकांत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया। वैसे यहां से टिकट की खातिर भाजपा के कई शूरमा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था, लेकिन दाल नहीं गलने पर अब भितरघात की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता। महागठबंधन की ओर से यह सीट कांग्रेस को गई और पाटीं ने अभिषेक रंजन पर अपना दांव खेला। जबकि पार्टी के जिलाध्यक्ष नरेंद्र कुमार शर्मा की टिकट के लिए दावेदारी चल रही थी। जब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उनकी नाराजगी मुखर हो गई और उन्होंने कांगे्रस जिलाध्यक्ष ही नहीं बल्कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी रिजाइन कर दिया। अब देखना दिलचस्प होगा कि अपनी-अपनी पार्टियों का टिकट नहीं मिलने से नाराज लोग अपने गठबंधन की जीत-हार के प्रमुख कारक साबित होते हैं या नहीं। इसके लिए 10 का इंतजार करना होगा। यहां 64.42 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
2020 के प्रमुख प्रत्याशी :
अभिषेक रंजन (कांग्रेस)
उमाकांत सिंह (भाजपा)
संतोष गुप्ता( रालोसपा)
त्रिपुरारी तिवारी (निर्दलीय)
विपिन तिवारी (लोकतांत्रिक जन स्वराज पार्टी)
प्रमुख मुद्दे :
1. चीनी मिल : चनपटिया का बंद पड़ा चीनी मिल वोटरों के जेहन में है। इसको पुन: चालू किए जाने के वादे तो होते रहे लेकिन धरातल पर कुछ नहीं किया गया। इससे लोगों में नाराजगी है।
2. जलजमाव : नासूर बन चुकी जलजमाव की समस्या का कोई निदान होता नहीं दिखता। इससे लोगों में नाराजगी है।
3. स्टील प्रोसेसिंग यूनिट : स्टील प्रोसेसिंग यूनिट में अबतक उत्पादन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
4. बाढ़-कटाव : हर वर्ष आने वाली बाढ़ इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या रही है। वहीं बाढ़ के कारण कटाव का दर्द झेलने वाले गरीब भी हलकान हैं।