Pipra Election 2020: साख को बचाने में जुटी भाजपा, जमीन तलाशने को वामपंथी दल ने लगाई ताकत

Pipra Election News 2020 पीपरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। एनडीए की साख यहां दाव पर है। वहीं महागठबंधन ने इस क्षेत्र से वामपंथी दल को उतारा है। माकपा ने इस विधानसभा में जमीन तलाशने को ताकत झोंक दी है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 09:13 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 07:52 PM (IST)
Pipra Election 2020: साख को बचाने में जुटी भाजपा, जमीन तलाशने को वामपंथी दल ने लगाई ताकत
पूर्वी चंपारण के पीपरा विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख उम्मीदवार

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। पीपरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। एनडीए की साख यहां दाव पर है। वहीं महागठबंधन ने इस क्षेत्र से वामपंथी दल को उतारा है। पूर्वी चंपारण के 12 विधानसभा क्षेत्र में माकपा ने इस विधानसभा में अपनी जमीन तलाशने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यहां कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनाव में जदयू व भाजपा अलग-अलग चुनाव मैदान में थे। इस बार गठबंधन होने के बाद यह सीट भाजपा के खाते में गई, जिसके कारण जदयू के टिकट के दावेदार बागी बन चुनाव मैदान में उतर गए। हालांकि माकपा प्रत्याशी राजमंगल प्रसाद पिछले चुनाव में भी इस विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं।

 इस बार महागठबंधन के साथ मजबूती के साथ चुनाव मैदान में हैं। पूर्व में यहां से विधायक रह चुके अवधेश कुशवाहा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वहीं भाजपा के उम्मीदवार विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव व भाकपा के प्रत्याशी राजमंगल प्रसाद की लड़ाई भी यहां रोचक रूप ले रही है। भाजपा प्रत्याशी को अपने मास वोट के साथ जातिगत वोट को लेकर उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ भाकपा को महागठबंधन के वोट के साथ खुद के कैडर वोट से उम्मीद है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी अवधेश कुशवाहा अपने पुराने कार्यकाल को आधार बनाकर इस क्षेत्र में लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे थे । वहीं दूसरी तरफ रालोसपा से सुभाष प्रसाद कुशवाहा भी पहली बार इस क्षेत्र से अपना भाग्य आजमा रहे। यहां 52.07 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

2020 के प्रमुख प्रत्याशी

एनडीए : श्यामबाबू प्रसाद यादव (भाजपा)

महागठबंधन : राजमंगल प्रसाद (भाकपा)

रालोसपा : सुभाष प्रसाद कुशवाहा

निर्दलीय : अवधेश प्रसाद कुशवाहा

2015 के विजेता उपविजेता और मिले मत

1. श्यामबाबू प्रसाद यादव (भाजपा) : 65552

2. कृष्ण चंद्र (जदयू) : 61622

3. राजमंगल प्रसाद (माकपा) : 8366

4. नोटा : 1454

2010 के विजेता उपविजेता और मिले मत

अवधेश प्रसाद कुशवाहा (जदयू) : 40099

कृष्णनंदन पासवान : 43239

सुबोध यादव (जदयू) : 28212

कुल वोटर : 336007

पुरुष वोटर : 178466

महिला वोटर : 157530

ट्रांसजेंडर वोटर : 11

जीत का गणित

इस सीट से चारों प्रमुख प्रत्याशियों में दो कुशवाहा जाति से हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी के यादव होने से उनको भाजपा के वोट के साथ अपने समाज के वोट मिलने की उम्मीद है। वहीं माकपा के प्रत्याशी इस बार महागठबंधन के साथ मजबूती के साथ लड़ाई में हैं। जदयू प्रत्याशी अवशेध कुशवाहा को टिकट नहीं मिलने से उनका निर्दलीय चुनाव मैदान में आने से एनडीए की परेशानी बढ़ा दी थी । अभी तक यहां एनडीए व महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई दिख रही है, जिसे रालोसपा व निर्दलीय प्रत्याशी त्रिकोणात्मक बनाने में जुटा था । 

प्रमुख मुद्दे :

1. बाढ़ कटाव से बचाव को लेकर तटबंध की सुदृढ़ता : प्रत्येक वर्ष सिकरहना नदी में बाढ़ आने से लोगों में दहशत का आलम रहता है। बाढ़ से बचाव के लिए बनाए गए तटबंध अब कई जगहों पर पूरी तरह जर्जर हो गया है, जिससे बाढ़ की आशंका बनी रहती है।

2. बाढ़ विस्थापितों का पुनर्वास :  प्रत्येक वर्ष सिकरहना के किनारे रहनेवाले कई कई परिवार बाढ़ व कटाव से विस्थापित होकर यत्र-तत्र रहने को विवश होते हैं। ऐसे परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था भी यहां एक प्रमुख मुद्दा है।

3. पर्यटक स्थल के रूप में पहचान देना : पीपरा में स्थित ऐतिहासिक स्थल सीताकुंड की हालत बदहाल है। इसे पुर्नजीवित कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है।

4. बाइपास रोड : शहर की सड़कें वक्त के हिसाब से काफी संकरी साबित हो रही हैं। इससे यातायात व्यवस्था पर असर पड़ता है।

5. उद्योग : यह क्षेत्र उद्योग के लिए जाना जाता था। मेहसी में सीप उद्योग से रोजगार का अवसर मिलता था। काफी प्रयास के बाद इसे जीवंत करने की दिशा में प्रयास हुआ है, पर इसे और बेहतर करने की जरूरत है।

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