15 वर्षो में बिहार का बजट 23 हजार से बढ़कर हुआ ढाई लाख करोड़ : नीतीश

विधानसभा क्षेत्र के नरपलिया में गुरुवार को एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी माधवी सिंह के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी सभा को संबोधित किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:23 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 02:55 AM (IST)
15 वर्षो में बिहार का बजट 23 हजार से बढ़कर हुआ ढाई लाख करोड़ : नीतीश
15 वर्षो में बिहार का बजट 23 हजार से बढ़कर हुआ ढाई लाख करोड़ : नीतीश

मांझी। विधानसभा क्षेत्र के नरपलिया में गुरुवार को एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी माधवी सिंह के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे नीतीश कुमार ने तेजस्वी के दिए बयान बेरोजगारों को 10 लाख नौकरी देने का मखौल उड़ाते हुए कहा कि जब बिहार-झारखंड एक था तब क्यों नहीं रोजगार दे सके। जब हम आए तो कई योजनाओं को शुरू किया और छह लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी। अब कह रहे हैं कि 10 लाख नौकरी दूंगा, जो कभी नहीं हो सकता। 15 वर्षो के मेरे शासनकाल में बिहार का बजट 23 हजार करोड़ से बढ़कर लगभग ढाई लाख करोड़ हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 80 फीसद लोगों को आज पेयजल उपलब्ध कराने के अलावा हर घर को बिजली तथा हर गांव को पक्की नली-गली से जोड़ने का महती कार्य एनडीए सरकार ने किया है। कुछ लोग बकवास में विश्वास करते हैं। हम तो विकास और जनता की सेवा में भरोसा रखते हैं। मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय से हाथ उठाकर अपील करते हुए कहा कि एनडीए प्रत्याशी माधवी सिंह को अपार बहुमत से विजयी बनाएं ताकि हम बिहार में विकास की एक और नई इबारत लिख सकें। शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ। हर गांव की लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहीं हैं। शिक्षा के विकास के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की, जिससे बेटियां पढ़ सके।

चुनावी सभा को सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने राजद के शासन काल को जंगलराज तथा नीतीश के शासनकाल को मंगलराज की संज्ञा दी। उन्होंने मांझी की एनडीए प्रत्याशी को दुर्गा का अवतार तथा महागठबंधन प्रत्याशी को विध्वंसक का अवतार बताया। सांसद ने इसे संत धरणी की पुण्यभूमि के लिए घातक बताया। प्रत्याशी माधवी सिंह ने कहा कि तीन अंक के मेरे नाम के सामने तीन नवंबर को ईवीएम का तीन नंबर का बटन दबाएं। सामने खड़े सभी प्रत्याशी चित हो जाएंगे। सभा को विधान पार्षद प्रो. वीरेंद्र नारायण यादव, ललन सर्राफ, जितेंद्र कुमार नीरज, वैद्यनाथ प्रसाद सिंह विकल, संतोष महतो, नजीमुल होदा, हेमनारायण सिंह, शारदा नंद सिंह, शिवाजी सिंह, प्रो ओमप्रकाश सिंह, उमाशंकर ओझा, पंकज सिंह आदि नेताओं ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता व संचालन उमेश ठाकुर ने किया।

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