Fatuha Election 2020: फतुहा में राजद के रामानंद को भाजपा के सत्येंद्र की चुनौती, 60 फीसद हुआ मतदान
Fatuha Election News 2020 फतुहा विधानसभा क्षेत्र पटना जिले का हिस्सा है। यह सीट फिलहाल राजद के कब्जे में है। वह लगातार दो बार यहां से जीत चुके हैं। इससे पहले यह सीट जनता दल यूनाइटेड के पास थी। यहां 60 फीसद मतदान हुआ है।
जेएनएन, पटना : फतुहा विधानसभा क्षेत्र को पटना का औद्यौगिक इलाका के रूप में विकसित करने की परिकल्पना वर्षों से है। इस क्षेत्र पर 2010 से ही राजद का कब्जा है। इस बार भी राजद ने अपने पुराने चेहरे रामानंद यादव को ही मैदान में उतारा है। भाजपा ने रामानंद से ताल ठोकने के लिए सत्येंद्र कुमार सिंह को अखाड़े में उतारा है। 2015 में लोजपा से चुनाव लडऩे वाले सत्येंद्र कुमार सिंह तब रामानंद से 30,402 वोटों से पराजित हुए थे। 17 अन्य प्रत्याशी भी फतुहा के मैदान में हैं। 1957 में हुए यहां पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के शिव माधो प्रसाद विधायक बने। इस बार यहां 59.70 फीसद मतदान हुआ है।
प्रमुख मुद्दे
1. नलकूपों का जीर्णोद्धार : इस क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई बड़ी समस्या है। नथूपूर, सुल्तानपुर, सोनारू, रानीपुर, खिजीपुर सहित विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां वर्षों से सरकारी नलकूप बंद पड़े हुए हैं। खेतों के पटवन के लिए किसान परेशान रहते हैं।
2. जाम : क्षेत्र के लोगों के लिए जाम भी परेशानी का सबब बना हुआ है। नगर परिषद की ओर से न तो वाहन पड़ाव के लिए जगह निर्धारित है, न ही सब्जी मंडी के लिए। इससे समस्या उत्पन्न होती है।
3. श्मशान घाट नहीं बन सका मुक्ति धाम : फतुहा में मृतकों के दाह-संस्कार के लिए बने श्मशान घाट को मुक्ति धाम में परिवर्तित किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए राशि की स्वीकृति भी हुई थी। आज तक किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है।
4. ट्रामा सेंटर : फतुहा अस्पताल में ट्रामा सेंटर बनाने की मांग वर्षों से की जा रही है। एनएच और फोरलेन के करीब होने की वजह से यहां अक्सर दुर्घटनाएं होते रहती हैं। घायलों का इलाज समय रहते हो सके इसके लिए लोग लगातार ट्रामा सेंटर की मांंग कर रहे हैं।
5. अनुमंडल का दर्जा : फतुहा को अनुमंडल का दर्जा दिलाने के मांग भी स्थानीय लोग लगातार करते रहे हैं। अनुमंडल बनाने की पहल भी कुछ साल पहले की गई थी, पर संचिका अटक गई। आज भी यह मांग पूर्ववत है।
इस बार 19 प्रत्याशी हैं मैदान में
रामानंद यादव : राजद
सत्येंद्र कुमार सिंह : भाजपा
अजीत कुमार : निर्दलीय
सुधीर कुमार यादव : निर्दलीय
राजकिशोर प्रसाद : बहुजन मुक्ति पार्टी
धर्मेंद्र सिंह : भा. मोमिन फ्रंट
संजीत कुमार : निर्दलीय
विनय सिंह : संयुक्त किसान वि.पा.
धीरेंद्र कुमार : निर्दलीय
सुनील कुमार : बसपा
दीनानाथ पासवान : पीपुल्स पा. इं
श्यामकर्ण मिस्त्री : स्वाभिमान पार्टी
सचिदानंद सिंह : जाप
राकेश शर्मा : निर्दलीय
विनय कुमार : भा. पंचायत पार्टी
गजेंद्र कुमार : निर्दलीय
गजेंद्र कुमार : सं. भा. पार्टी
शक्ति पासवान : निर्दलीय
अजीत कुमार सिंह : द प्लूरल्स पार्टी
वर्ष - कौन जीता - कौन हारा
2015 - डॉ. रामानंद यादव, राजद - सत्येंद्र कुमार सिंह, लोजपा
2010 - डॉ. रामानंद यादव, राजद - अजय कुमार सिंह, जदयू
2005 नवंबर - सरयुग पासवान, जदयू - संजीव प्रसाद टोनी, कांग्रेस