Bihar Election: ओवैसी ने दिखाए तेवर, कहा- हम बिहार में वोट मांगने नहीं अपनी औकात बताने आए हैं

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारा गठबंधन 6 पार्टियों का है। रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हमारे मुख्यमंत्री का चेहरा है। बसपा रालोसपा सब लोग पार्टी के सारे उम्मीदवार अपने हैं। इन्हें अपना कीमती वोट देकर अपनी ताकत का एहसास कराएं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 03:46 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 11:05 PM (IST)
Bihar Election: ओवैसी ने दिखाए तेवर, कहा- हम बिहार में वोट मांगने नहीं अपनी औकात बताने आए हैं
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा 15 साल आपने एक परिवार को दिया।

शेरघाटी [कमल नयन]। जम्हूरियत मैं आवाम किसी का मोहताज नहीं है, बल्कि सियासी दल आवाम के मोहताज हैं। आज तक आपने वोट  देना सीखा है अब वोट लेना सीखिए। उक्त बातें सोमवार को रंग लाल उच्च विद्यालय के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसल मीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने  कहीं।

ओवैसी ने कहा कि हमारा गठबंधन 6 पार्टियों का है। रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हमारे मुख्यमंत्री का चेहरा है। बसपा, रालोसपा, सब लोग पार्टी के सारे उम्मीदवार अपने हैं। इन्हें अपना कीमती वोट देकर अपनी ताकत का एहसास कराएं। 15 साल आपने एक परिवार को दिया। शेष 15 साल नीतीश कुमार को दिया। हालात आप से छुपी नहीं है। राजद कांग्रेस और जदयू गठबंधन ने आप सब को धोखा दिया। उनसे सवाल पूछिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।

उन्होंने कहा कि हम बिहार में वोट मांगने नहीं अपनी औकात बताने आए हैं। आप को नेता बनाने आए। बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान के आर्टिकल के तहत आपको अधिकार दिया है उसके अंतर्गत वोट लेना सीखो। अपना मुकद्दर का फैसला खुद करो। यह बताने आए हैं।

आगामी 28 तारीख को शेरघाटी विधानसभा में 11 वह अपनी जमात के उम्मीदवार मसरूर आलम को पतंग छाप पर बटन दबाकर विजय बनाओ। उन्होंने कहा कि जब सी ए ए, एनपीआर, एनआरसी की लड़ाई चल रही थी तो बिहार के युवराज घर में दुबके थे। आज हमारी वकालत करते हैं। कहते हैं थोड़ा भी शर्म नहीं आता। आज जिसने भी एन सी आर के विरोध में सहयोग किया।

हम उन्हें सलाम करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के नाम पर युवाओं का रोजगार छीनकर युवा शक्ति को बर्बाद कर दिया है। पहले 8 दिन फिर इक्कीस दिन और फिर कई महीने। बिना काम किए भूखे, आधे पेट भोजन कर गुजारना पड़ रहा है। भारत की आर्थिक स्थिति पटरी पर नहीं आई। 

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