Bihar Election 2020: सीट शेयरिंग को ले सोशल मीडिया पर फर्राटा भर रहे पोस्ट, यहां भी कुछ साफ नहींं
इंटरनेट पर बिहार चुनाव को ले सीट शेयरिंग का मसला गलियों से होता हुआ सड़क में तब्दील हो गया है। वैसे इसे सड़क नहीं इसे हाईवे कहना ठीक होगा। क्योंकि पोस्ट यहां फर्राटे भर रहे हैं। जानना यही है कि कौन सी पार्टी किधर जाएगी।
पटना, जेएनएन। चुनाव बिहार विधानसभा का, नजर दिल्ली पर। इंटरनेट पर सीट शेयरिंग का मसला गलियों से होता हुआ सड़क में तब्दील हो गया है। वैसे इसे सड़क नहीं इसे हाईवे कहना ठीक होगा। क्योंकि पोस्ट यहां फर्राटे भर रहे हैं। सोशल मीडिया पर बिहार चुनाव से जुड़े ट्रेंडिंग शब्दों में दिल्ली पर सबकी टकटकी लगी है।
सवाल एक, कौन जाएगा किसके साथ
सीटों के बंटवारे को लेकर एक के बाद एक मीटिंग, और फिर ढाक के तीन पात। सवाल हर बार यही कि कौन जाएगा किसके साथ। उपेंद्र के उपचुनाव लडऩे से लेकर चिराग पासवान के मुख्यमंत्री का चेहरा होने की चर्चा ट्विटर, फेसबुक और वॉट्सएप पर दौड़ लगा रही है। रवि, नित्या और रंजीत जैसे कई यूजर सोशल मीडिया पर सीट शेयरिंग से जुड़े मसले पर नजर रख रहे हैैं। इधर, ट्विटर पर अविनाश का मानना है कि जो जिस दल में है वहीं ठीक है। इस समय दल-बदल तूफान में कश्ती उतारने समान है।
और छिड़ी भोजपुरी और मैथिली की चर्चा
सोशल मीडिया पर एक चर्चा भोजपुरी और मैथिली को लेकर भी उठ रही है। दीपक झा का कहना है कि चुनाव आते ही प्रत्याशी भाषा क्यों बदल लेते हैैं। अंग्रेजी बतियाने वाले वोटरों को रिझाने के लिए क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल क्यों करने लगते हैैं। ऋषि झा ने तो ट्वीट से मुहिम छेड़ दी है। कह रहे हैैं, जात पर न भात पर, बटन दबाइब विकास पर। बिहार चुनाव में चर्चा यूपी के हाथरस में हुई घटना की भी तैर रही है। इमरान कहते हैैं, ऐसी सरकार लानी है, जो बेटी और बहन की रक्षा कर सके। इस चुनाव में एक मजेदार बात ये भी है कि कुछ लोग सीधे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से टिकट की दावेदारी कर रहे हैैं। बिहार मजदूर नाम से बने एक ट्विटर अकॉउंट पर यूजर लिखते हैैं, कहां मैसेज करूं जिससे मुझे टिकट मिल जाए।
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