Bihar Chunav 2020: वैशाली- लोकतंत्र की धरती पर दोनों गठबंधनों की परीक्षा, क्या तेजस्वी बचा पांएगे RJD की प्रतिष्ठा?
Bihar Chunav 2020 लोकतंत्र की धरती वैशाली में एनडीए एवं महागठबंधन दोनों की साख दांव पर है। यहां तेजस्वी यादव के सामने आरजेडी के लिए प्रतिष्ठा की सीट राघोपुर को बचाने की बड़ी चुनौती भी है। आइए जानें वहां की आठ सीटों का हाल।
वैशाली, रविशंकर शुक्ला। वैशाली को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। इस बार वहां दो चरणों में मतदान है। छह विधानसभा सीटों हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, राजापाकर, राघोपुर और महनार में दूसरे चरण में तीन नवंबर को वोट पड़ेंगे। जबकि, दो विधानसभा सीटों महुआ एवं पातेपुर में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होगा। राष्ट्रीय जनता दल का सुरक्षित किला माने जाने वाले वैशाली के राघोपुर से महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा एवं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव किस्मत आजमा रहे हैं। उनके समाने प्रतिष्ठा की इस सीट को बचाने की चुनौती है। इसके साथ पार्टी की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है।
पिछले चुनाव की बात करेे तो वैशाली में महागठबंधन से आरजेडी को चार सीटें पातेपुर, राजापाकर, महुआ एवं राघोपुर तथा जनता दल यूनाइटेड को वैशाली एवं महनार में जीत मिली थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी को हाजीपुर एवं लोक जनशक्ति पार्टी को लालगंज सीट पर जीत मिली थी। इस बार के चुनाव में गठबंधन का स्वरूप बदला हुआ है। ऐसे में बीजेपी हाजीपुर, लालगंज, राघोपुर एवं पातेपुर तथा जेडीयू राजापाकर, महनार, वैशाली एवं महुआ सीटों पर चुनाव लड़ रहें हैं। वहीं महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने पांच और कांग्रेस ने तीन सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।
तेजस्वी के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
गंगा के गोद में बसा राघोपुर हर बार की तरह इस बार भी हाइप्रोफाइल सीट बन गई है। यहा आरजेडी के विधायक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुनाव मैदान में हैं। उनके मुकाबले बीजेपी ने पूर्व विधायक सतीश कुमार को खड़ा किया है। एलजेपी से ई राकेश रोशन के उतर जाने से यहां का परिदृश्य रोचक हो गया है। यह क्षेत्र आरजेडी का सुरक्षित किला माना जाता है। 1995 से 2015 के बीच केवल एक बार यहां आरजेडी प्रत्याशी की हार हुई है। राबड़ी देवी यहां सतीश कुमार से चुनाव हार गई थीं। पहली बार यहां कमल खिलाने के लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पूरी ताकत झोंक रखी है। इधर, महागठबंधन के प्रमुख चेहरे तेजस्वी की जीत के लिए कार्यकर्ता मशक्कत कर रहे हैं।
राघोपुर : 14 प्रत्याशी
आरजेडी: तेजस्वी यादव
बीजेपी: सतीश कुमार
एलजेपी: राकेश रौशन
जन अधिकार पार्टी: कुमार समीर राजा यादव
हाजीपुर में हैट्रिक की राह में रोड़े
जिला मुख्यालय की हाजीपुर विधानसभा सीट हाइप्रोफाइल रही है। प्रत्याशियों और उनके दलों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक रखी है। दो दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। वर्तमान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वर्ष 2000 में पहली बार कमल खिलाया और चार बार विजयी रहे। पिछले दो चुनावों से अवधेश सिंह चुनाव जीत रहे हैं। वह इस बार हैट्रिक लगाने के प्रयास में हैं। हालांकि, राह में रोड़े भी कम नहीं हैं। आरजेडी के देव कुमार चौरसिया के अलावा बीजेपी से बगावत कर अजीत सिंह निर्दलीय मैदान में हैं। वैश्य समाज के नेता कृष्ण भगवान भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से कमल सिंह भी चुनावी मैदान में डटे हैं। कुल 18 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
हाजीपुर : 18 प्रत्याशी
बीजेपी: अवधेश सिंह
आरजेडी: देव कुमार चौरसिया
निर्दलीय: अजीत कुमार
निर्दलीय: कृष्ण भगवान
महनार में जाति का फैक्टर हावी
महनार विधानसभा सीट पर जीत-हार का फैसला जातीय समीकरण के आधार पर ही होता आया है। इस बार भी यहां जाति का फैक्टर प्रभावी है। पिछले चुनाव में महागठबंधन का समीकरण अलग था तब जेडीयू उम्मीदवार उमेश सिंह कुशवाहा की जीत हुई थी। इस बार यहां से जेडीयू ने अपने सीटिंग विधायक कुशवाहा को ही चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने महनार से लगातार तीन टर्म विधायक रहे रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह को उम्मीदवार बनाया है। आरएलएसपी ने यहां से त्रिवेणी कुमार चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा महनार विधानसभा क्षेत्र के ही मतदाता हैं। ऐसे में यहां उनके प्रभाव की भी संभावना है।
महनार : 13 प्रत्याशी
जेडीयू: उमेश सिंह कुशवाहा
आरजेडी: वीणा सिंह
एलजेपी: रविन्द्र कुमार सिंह
आरएलएसपी: त्रिवेणी कुमार चौधरी
लालगंज में बागियों पर रहेगी नजर
लालगंज विधानसभा सीट पर इस बार महागठबंधन एवं एनडीए दोनों कठिन चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं। इस सीट से महागठबंधन की ओर से कांग्रेस से राकेश कुमार एवं एनडीए की ओर से बीजेपी से संजय कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं। दोनों स्वजातीय उम्मीदवार यहां से पहली बार किस्मत आजमा रहे हैं। राकेश जहां पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के भतीजे हैं, वहीं संजय केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद के करीबी हैं। एनडीए एवं महागठबंधन के बीच सीधे मुकाबले के बीच यहां से जेडीयू से बगावत कर पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। वे लगातार तीन टर्म यहां से विधायक रहे हैं। इधर, बीजेपी से बगावत कर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजय कुमार भी चुनावी मैदान में हैं। वर्तमान विधायक राजकुमार साह इस बार एलजेपी के टिकट पर ही चुनावी मैदान में हैं।
लालगंज : 25 प्रत्याशी
बीजेपी: संजय कुमार सिंह
कांग्रेस: राकेश कुमार
एलजेपी: राज कुमार साह
निर्दलीय: विजय कुमार शुक्ला
वैशाली में दिख रहा सीधा मुकाबला
वैशाली विधानसभा सीट पर इस बार एनडीए एवं महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। एनडीए की ओर से जेडीयू के सिद्धार्थ पटेल मैदान में हैं। जबकि, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के संजीव सिंह चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवार वैशाली से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। जेडीयू उम्मीदवार को अपने चाचा आरजेडी नेता पूर्व मंत्री वृषिण पटेल का विरोध झेलना पड़ रहा है। वृषिण पटेल यहां से छह बार विधायक चुने जा चुके हैं। जातीय समीकरण को देखें तो कुर्मी वोटर सबसे अधिक हैं। यही कारण भी है कि यहां से इस समाज के लोग सर्वाधिक बार चुनाव जीते हैं। भूमिहारों का वोट यहां दूसरे नंबर पर है। मुकाबला इन्हीं दो जातियों के उम्मीदवारों के बीच रहा है। इस बीच यहां से एलजेपी के प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे हैं।
वैशाली : 14 प्रत्याशी
जेडीयू: सिद्धार्थ पटेल
कांग्रेस: संजीव सिंह
एलजेपी: अजय कुमार कुशवाहा
जन अधिकार पार्टी: विनय पासवान
राजापाकर में त्रिकोणीय हो सकता है संघर्ष
राजापाकर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। पिछले चुनाव में आरजेडी के टिकट पर पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम यहां से जीते थे। उन्होंने एलजेपी प्रत्याशी रामनाथ रमण को पराजित किया था। इस बार यहां दलीय एवं निर्दलीय मिलाकर 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी ओर से प्रचार चरम पर है। इस बार यहां मुख्य मुकाबला महागठबंधन एवं एनडीए के बीच होने के आसार हैं। महागठबंधन से कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी तो जेडीयू से महेंद्र राम चुनावी समर में डटे हैं। इस बीच एलजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दामाद धनंजय कुमार मृणाल को खड़ा कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का पूरा प्रयास शुरू कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी से रिटायर्ड पुलिस अधिकारी फरेश राम डटे हैं।
राजापाकर : 14 प्रत्याशी
जेडीयू: महेंद्र राम
कांग्रेस: प्रतिमा कुमारी
एलजेपी: धनंजय कुमार
बीएसपी: फरेश राम
महुआ में नए चेहरों पर दांव
बीते विधानसभा चुनाव में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने यहां से चुनाव जीता था। इस बार तेजप्रताप की जगह आरजेडी प्रत्याशी डॉ. मुकेश कुमार रौशन ताल ठोक रहे हैं। एनडीए की ओर से जेडीयू ने आसमां परवीन को उम्मीदवार बनाया है। बीते चुनाव में तेजप्रताप ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी रवींद्र कुमार को पराजित किया था। महुआ विधानसभा सीट 2010 के चुनाव के पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। 2010 के विधानसभा चुनाव में पहली बार सीट सामान्य हुई थी। तब यह सीट जेडीयू की झोली में गई थी। रवींद्र विधायक चुने गए। आरजेडी के समीकरण के लिहाज से मजबूत महुआ सीट से आरजेडी के उम्मीदवार को मात देने के लिए जेडीयू ने अल्पसंख्यक उम्मीदवार पर दांव लगाया है। वहीं एलजेपी ने संजय कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
महुआ : 23 प्रत्याशी
जेडीयू: आसमां परवीन
आरजेडी: मुकेश कुमार रौशन
एलजेपी: जय कुमार सिंह
आरएलएसपी: रविन्द्र कुमार
पातेपुर में दोनों गठबंधनों में मुकाबला
पातेपुर विधानसभा सुरक्षित सीट पर दो दशक बाद पुरानी जोड़ी इस बार चुनावी परिदृश्य से बाहर है। यहां से तीन-तीन टर्म विधायक रहीं प्रेमा चौधरी एवं महेंद्र बैठा चुनाव मैदान में नहीं हैं। आरजेडी की विधायक प्रेमा चौधरी जेडीयू में शामिल हो गई हैं। जबकि, महेंद्र बैठा दिवंगत हो चुके हैं। इस बार एनडीए की ओर से बीजेपी के लखेंद्र कुमार रोशन एवं महागठबंधन की ओर से आरजेडी से पूर्व मंत्री एवं राजापाकर विधायक शिवचंद्र राम मैदान में हैं। वहीं बीएसपी से देवलाल राम एवं निर्दलीय संजय रजक किस्मत आजमा रहे हैं। यह सीट इस मायने में हाइप्रोफाइल सीट है क्योंकि यह पातेपुर उजियारपुर संसदीय क्षेत्र में है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय यहां से सांसद हैं। उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। आरजेडी व बीजेपी के प्रत्याशियों ने यहां पूरी ताकत झोंक रखी है। यहां महागठबंधन एवं एनडीए के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना दिख रही है।
पातेपुर : 14 प्रत्याशी
बीजेपी: लखेन्द्र कुमार रोशन
आरजेडी: शिवचंद्र राम
बीएसपी: देवलाल राम
निर्दलीय: संजय रजक