Bihar Chunav 2020: तेजस्वी जीत के प्रति आश्वस्त, सतीश भी नाउम्मीद नहीं क्योंकि राघोपुर में राबड़ी को दे चुके हैं शिकस्त

Bihar Chunav 2020 राघोपुर में राजद के तेजस्वी यादव और भाजपा के सतीश कुमार के बीच तीखी लड़ाई है। सतीश वही हैं जिन्होंने 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार की हैसियत से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पराजित किया था।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:19 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:19 PM (IST)
Bihar Chunav 2020: तेजस्वी जीत के प्रति आश्वस्त, सतीश भी नाउम्मीद नहीं क्योंकि राघोपुर में राबड़ी को दे चुके हैं शिकस्त
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सतीश राय और राजद के तेजस्वी यादव के बीच दिलचस्प मुकाबला है।

पटना, जेएनएन। Bihar Chunav 2020 विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के चुनाव लड़ने के कारण राघोपुर विधानसभा क्षेत्र एकबार फिर चर्चा में है। वह महागठबंधन की तरफ से सीएम फेस भी हैं। राज्य के लोगों की नजर इस क्षेत्र पर है। लेकिन, महागठबंधन और एनडीए के बड़े नेता प्रचार के लिहाज से इस क्षेत्र को खास महत्व नहीं दे रहे हैं। यहां तक कि तेजस्वी यादव ने अबतक अपने क्षेत्र में सिर्फ एक रोड शो किया है। जबकि वे अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के क्षेत्र हसनपुर में दो सभाएं कर चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई सभा राघोपुर में नहीं हुई है। मतदान तीन नवम्बर को है। रविवार की शाम इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा।

तेजस्वी की मां राबड़ी देवी को पराजित कर चुके हैं सतीश कुमार

राघोपुर में राजद के तेजस्वी यादव और भाजपा के सतीश कुमार के बीच तीखी लड़ाई है। सतीश वही हैं, जिन्होंने 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार की हैसियत से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पराजित किया था। 2015 के चुनाव में राजनीतिक समीकरण बदला। राजद और जदयू एक साथ आ गए। नतीजा यह निकला कि तेजस्वी यादव 22 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए। सतीश 2015 में भाजपा के उम्मीदवार थे। इसबार भी भाजपा के ही उम्मीदवार हैं। दोनों चुनावों में फर्क यह है कि इस चुनाव में भाजपा को जदयू का साथ मिल रहा है। बसपा और लोजपा के उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जिनके बारे में दोनों मुख्य दलों का अलग-अलग आकलन है।

मुख्यमंत्री की एक भी सभा नहीं

राघोपुर चुनाव का दिलचस्प हिस्सा यह है कि दोनों गठबंधनों के बड़े नेता क्षेत्र में बहुत अधिक प्रचार नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अबतक एक भी चुनावी सभा राघोपुर में नहीं हुई है। रविवार को उनके रोड शो की संभावना है। लेकिन, वह इस बात पर निर्भर है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन दो सभाओं से कितनी जल्दी निकल पाते हैं, जिनमें उन्हें मौजूद रहना है। प्रधानमंत्री की अंतिम सभा तीन बजे बगहा में है। वहां से निकल कर मुख्यमंत्री राघोपुर में भाजपा उम्मीदवार के लिए रोड शो करें, यह संभव नहीं लगता है। क्योंकि शाम पांच बजे के बाद चुनाव प्रचार नहीं होगा। भाजपा के बड़े नेताओं में अबतक सिर्फ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी सभा राघोपुर में हुई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय जरूर राघोपुर में दिलचस्पी ले रहे हैं। वह इसलिए कि यह उनके गृह जिला का मामला है। बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव शनिवार को जा रहे हैं।

तेजस्वी ने किया रोड शो

विपक्ष के नेता और इस चुनाव में महागठबंधन के प्रस्तावित मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नामांकन के लिए क्षेत्र में रोड शो भी किया था। गुरुवार को भी उनका रोड शो था। राजद सूत्रों के मुताबिक चुनाव प्रचार की मियाद खत्म होने से पहले तेजस्वी एकबार फिर क्षेत्र में आएंगे। महागठबंधन के दूसरे घटक कांग्रेस और वाम दलों के किसी प्रदेश स्तरीय नेता ने राघोपुर का रूख नहीं किया। हालांकि सभी दलों की जिला इकाइयां और जिला स्तर के नेता राघोपुर के में जरूर प्रचार कर रहे हैं।

कार्यकर्ता अधिक सक्रिय हैं

ऐसा नहीं है कि बड़े नेताओं के धुंआधार प्रचार न होने के चलते राघोपुर में कम सरगर्मी है। बड़े नेताओं की कमी को दोनों गठबंधनों के कार्यकर्ता पूरी कर रहे हैं। राजद और भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर दस्तक दे रहे हैं। राजद ने कुछ खास लोगों को क्षेत्र में तैनात किया है, जो हर स्तर पर प्रबंधन देख रहे हैं। उधर भाजपा के पक्ष में पूर्व मंत्री भोला राय मैदान में डटे हुए हैं। वह पहले राजद का चुनाव प्रबंधन देखते थे। सतीश राय 110 प्रतिशत जीत का दावा करते हैं।

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