Barh Election 2020 : 2.76 लाख मतदाताओं ने किया 18 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला, दियारा का दर्द बड़ा मुद्दा
Barh Election News 2020 बाढ़ की आवाज राजधानी तक गूंजती है। जिला बनाने की मांग हो जमीन का मालिकाना हक या फिर जलजमाव। इस बार भी ये मुद्दे चुनाव में उठे। इस सीट के लिए इस बार 18 प्रत्याशी मैदान में हैं।
जेएनएन, पटना। राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से बाढ़ विधानसभा क्षेत्र महत्वपूर्ण है। बाढ़ की आवाज राजधानी तक गूंजती है। जिला बनाने की मांग हो, जमीन का मालिकाना हक या फिर जलजमाव। इस बार भी ये मुद्दे चुनाव में उठने लगे हैं। चौक-चौराहों पर जोरशोर से चर्चा हो रही है। इस सीट के लिए इस बार 18 प्रत्याशी मैदान में हैं। बुधवार को उनके भाग्य का फैसला मतदाताओं ने लिख दिया। यहां वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जेडीयू के मनोज कुमार को 8358 मत से पछाड़ा था।
मुद्दा पहला
बाढ़ विधानसभा के दियारा क्षेत्र के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है, जमीन पर मालिकाना हक। इस समस्या का मूल कारण, पूरे दियारा की भूमि को असर्वेक्षित बता जमाबंदी रद करने का आदेश है। इसकेबाद से हजारों एकड़ में विस्तारित इस जमीन पर किसान खेती करते हैं, लेकिन मालिक नहीं हैं। जमीन पर मालिकाना हक को किसान मुद्दा बना रहे हैं।
मुद्दा दूसरा
नगर परिषद क्षेत्र में बेतरतीब ढंग से भवन निर्माण और आबादी के विस्तार के बाद जल निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने से यहां जलजमाव बड़ी समस्या बन गई है। हाल है कि यहां के युवा कीचड़ सने मैदान में अभ्यास करते हैं। दूसरी ओर टाल क्षेत्र में जलजमाव से निजात दिलाने के अनेक सरकारी प्रयास के बाद भी समस्या कायम है। दियारा के लोगों को बाढ़ का खतरा भी सताता रहता है।
मुद्दा तीसरा
बाढ़ के ग्रामीण इलाकों में आज भी स्वास्थ्य सेवा एक बड़ी समस्या है। विधानसभा क्षेत्र के अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा में बने एपीएचसी का तो वजूद ही खत्म हो चुका है। करजान में एपीएचसी का भवन तो है लेकिन सुविधा नहीं। पंडारक पीएचसी का भी भवन खस्ताहाल है।
मुद्दा चार
अथमलगोला, पंडारक ,बाढ़ एवं बेलछी प्रखंड के प्लस टू विद्यालयों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षकों का अभाव है। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में भी पढ़ाई की स्थिति बेहतर नहीं है। शारीरिक शिक्षा के लिए भी न तो उपयुक्त मैदान न ही संसाधन ।
मुद्दा पांचवां
प्रदेश के सबसे पुराने अनुमंडल को जिला बनाने के बाद भी जिला न बनने का मुद्दा बाढ़ में हर चुनाव से पहले ङ्क्षजदा होता है। इस बार भी बाढ़ को जिला बनाने का मुद्दा मतदाता उठाने लगे हैं।
एक नजर
कुल मतदाता : 276887
पुरुष मतदाता : 146108
महिला मतदाता : 130776
थर्ड जेंडर : 3
लिंगानुपात : 895.06
18 प्रत्याशी आजमा रहे बाढ़ से किस्मत
बाढ़ विधानसभा से भाजपा के ज्ञानेंद्र कुमार सिंह और कांग्रेस के सत्येंद्र बहादुर सहित 18 प्रत्याशी चुनावी जंग लड़ रहे हैं। यहां से भी किसी ने नाम वापस लिया। मैदान में भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के साथ ही भारतीय राष्ट्रीय दल के दीना साव, अखिल भारतीय मानवाधिकार विचार मंच के कृष्ण कुमार सिंह, जन संघर्ष विराट पार्टी के मोहन प्रसाद सिंह, भारतीय सब लोग पार्टी के राहुल राज, रालोसपा के राकेश सिंह, जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के श्यामदेव प्रसाद सिंह, भारतीय जन क्रांति दल डेमोक्रेटिक के सियाराम पंडित जमे हुए हैं। इनके अलावा निर्दलीय बाल्मिकी प्रसाद, कर्णवीर सिंह यादव, मधुकर जय विजय, प्रतिमा सिन्हा, राज कुमारी, राणा सुधीर कुमार सिंह, रणवीर कुमार पंकज, सुबोध कुमार और विनय सिंह बाढ़ से ताल ठोक रहे हैं।
वर्ष 2010 विस चुनाव
जीत
जेडीयू के ज्ञानेंद्र सिंह
प्राप्त वोट 53129
हार
राजद के विजय कृष्णा
प्राप्त वोट 33734
हार का अंतर 19395
वर्ष 2015 विस चुनाव
जीत
भाजपा के ज्ञानेंद्र कुमार सिंह
प्राप्त वोट 63989
हार
जेडीयू के मनोज कुमार
प्राप्त वोट 55630
हार का अंतर 8359