Chakai Election 2020 : चकाई में इतिहास बनेगा या दोहराएगा, 'संजय' ने चुनावी परिदृश्य बनाया रोचक
Chakai Election News 2020 जमुई जिले के चकाई विधानसभा में कुल 13 प्रत्याशी हैं। इस चुनावी महाभारत में दो-दो संजय ने इंट्री ले ली है। इस कारण बीते चुनावों से यह चुनाव और भी दिलचस्प रहा। हालांकि इस विधानसभा में अक्सर दिलचस्प मुकाबला होता रहा है।
जमुई, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020 : इस बार इतिहास बनेगा या दोहराएगा, चकाई की राजनीतिक फिजां में यह सवाल शुरू से ही तैरता दिखा। वैसे तो 1967 से ही श्रीकृष्ण सिंह और फाल्गुनी यादव घराने की चकाई में इंट्री हो गई थी, लेकिन 1972 में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने ब्रेक दिया था। इसके बाद 1977 से फाल्गुनी यादव एवं नरेंद्र सिंह (श्रीकृष्ण सिंह के पुत्र) घराना को ही चकाई का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता रहा है। इस चुनाव में एक बार फिर फाल्गुनी प्रसाद की पत्नी तथा नरेंद्र सिंह के पुत्र आमने-सामने हैं, लेकिन 2020 के चुनावी महाभारत को दो संजय ने इसे रोचक बना दिया है। एक संजय ने जदयू का तीर हासिल कर सुमित की उम्मीद को जख्म दिया है तो दूसरे संजय ने लोजपा के बंगले से पहले संजय और सावित्री की नींद उड़ा दी है। अब देखने वाली बात होगी कि 28 अक्टूबर को हुए 62 फीसद मतदान ही प्रत्याशियों का भाग्य लिखेगा। अब चुनाव परिणाम ही बताएगा कि चकाई का सिकंदर कौन बनेगा।
दिलचस्प मुकाबला
चकाई का मुकाबला इस बार बीते चुनावों से काफी दिलचस्प रहा। पहले भी यहां की लड़ाई त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय होती रही है। इस बार की लड़ाई में कई कोण दिखे। फोर एस (सावित्री, सुमित तथा दोनों संजय) के बीच पांचवें एस तथा एबीएस की जोरदार एंट्री ने मुकाबले के कारण रोचक रहा। पांचवें एस बसपा के सीताराम साव हैं जबकि एबीएस झामुमो से पोलुस हेंब्रम की पत्नी एलिजाबेथ सोरेन। चकाई के पन्ने में विधानसभा चुनाव 2000 का एक और इतिहास दर्ज है। तब सुमित के पिता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सेब छाप से ही मैदान में उतरे थे और 58 हजार मत प्राप्त कर जीत हासिल किया था। इससे अधिक मत आज तक किसी भी उम्मीदवार को चकाई के मतदाताओं ने नहीं दिया है। झारखंड की सीमाओं को छूते इस क्षेत्र में जंगल और पहाड़ी की हरियाली के बीच कलकल बहती छोटी-बड़ी नदियां मनोरम दृश्य का अहसास कराती है तो बंजर भूमि क्षेत्र की बेबसी....। बरनार सहित अन्य छोटे-बड़े जलाशय निर्माण का मुद्दा यहां नेताओं की राजनीतिक जमीन को बंजर और उर्वर बनाती रही है। इस चुनाव में 28 अक्टूबर को 2,86,739 मतदाता किस प्रत्याशी की जमीन में वोट का कितना खाद डालते हैं यह तो 10 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
चकाई से अबतक निर्वाचित विधायक
1962 लखन मूर्मू
1967 श्रीकृष्ण सिंह
1969 श्रीकृष्ण सिंह
1972 चंद्रशेखर सिंह
1977 फाल्गुनी प्रसाद यादव
1980 फाल्गुनी प्रसाद यादव
1985 नरेंद्र सिंह
1990 नरेंद्र सिंह
1995 फाल्गुनी प्रसाद यादव
2000 नरेंद्र सिंह
2005 फरवरी अभय सिंह
2005 अक्टूबर फाल्गुनी प्रसाद यादव
2010 सुमित कुमार सिंह
2015 सावित्री देवी