Bihar assembly election 2020 : भागलपुर के ‘माननीय’ नहीं हो सके हाईटेक, सोशल मीडिया से हैं दूर

Bihar assembly election 2020 भागलपुर जिले के माननीय अब तक हाईटेक नहीं हो सके हैं। उनका चुनावी प्रचार का तरीका कोरोना काल में भी बहुत नहीं बदला है। कई विधायक सोशल मीडिया से कोसों दूर हैं। कुछ ने फेसबुक पर अकाउंट तो बना लिया है पर सक्रियता नहीं दिखती।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 02:00 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 02:00 PM (IST)
Bihar assembly election 2020 : भागलपुर के ‘माननीय’ नहीं हो सके हाईटेक, सोशल मीडिया से हैं दूर
भागलपुर जिले के ज्‍यादतर विधायक और सांसद सोशल नेटवर्क से दूर हैं।

भागलपुर [अभिषेक कुमार]। Bihar assembly election 2020 :  कोरोना काल में बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव ने सोशल मीडिया के महत्व को बढ़ा दिया है। वचरुअल रैली व वचरुअल संवाद जैसे नए-नए शब्दों से मतदाता रूबरू हो रहे हैं। लेकिन, भागलपुर जिले के माननीय अब तक हाईटेक नहीं हो सके हैं। उनका चुनावी प्रचार का तरीका कोरोना काल में भी बहुत नहीं बदला है।

कई विधायक सोशल मीडिया से कोसों दूर हैं। कुछ माननीय ने फेसबुक पर अपना अकाउंट तो बना लिया है पर उनकी सक्रियता नहीं दिखती। ये हालात तब हैं जब भागलपुर में कोरोना से 7246 लोग संक्रिमित हो चुके हैं। इसमें से करीब 50 की मौत हो चुकी है। इससे साफ है कि इस बार चुनाव का पुराना तरीका चौपाल और सभा नहीं चलने वाली है।

कांग्रेस के दोनों विधायक सक्रिय: फेसबुक पर सबसे अधिक सक्रिय कहलगांव के कांग्रेस विधायक सदानंद सिंह दिख रहे हैं। वे लगभग हर दिन की गतिविधयों को अपडेट कर रहे हैं। हालांकि इस बार वे खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। यहां से उनके पुत्र शुभानंद मुकेश मैदान में हैं। वह भी लगातार सोशल मीडिया पर अपनी हर गतिविधियों को अपडेट कर रहे हैं। फेसबुक पर उनके फॉलोवर्स आठ हजार के पार हैं। वहीं, भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय हैं। चुनाव से पहले वे सोशल मीडिया पर उतने सक्रिय नहीं थे। इन दिनों वे हर रोज फेसबुक पर कई पोस्ट कर रहे हैं। अजित शर्मा ट्विटर पर भी सक्रिय हैं।

बिहपुर और सुल्तानगंज के विधायक का अकाउंट किसी भी सोशल मीडिया पर नहीं दिखता, मित्र और फॉलवर्स की सूची में पीरपैंती विधायक सबसे ऊपर

जदयू के विधायक नहीं ले रहे रूचि

सुल्तानगंज से जदयू विधायक सुबोध राय की प्रोफाइल खोजने पर भी नहीं मिलती है। साथ ही कोई अपडेट भी उनका नहीं दिखता है। हालांकि वे इस बार मैदान में भी नहीं हैं। उनकी जगह पार्टी ने प्रो. ललित मंडल को उतारा है। वह भी सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं। अकाउंट बनाने के बाद उन्होंने एक भी पोस्ट नहीं किया है। नाथनगर के जदयू विधायक लक्ष्मीकांत मंडल ने फेसबुक पर अकाउंट तो बनाया है, लेकिन वे पोस्ट आदि नहीं करते हैं। ट्विटर पर दोनों में से किसी का अकाउंट नहीं है। गोपालपुर के विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ गोपाल मंडल भी पिछले साल भर से सक्रिय नहीं दिख रहे थे। चुनाव की घोषणा होने के बाद सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता अचानक बढ़ गई है।

पीरपैंती से राजद के विधायक रामविलास पासवान इन दिनों फेसबुक पर काफी सक्रिय दिख रहे हैं। वह हर गतिविधि की पोस्ट भी कर रहे हैं। वहीं, बिहपुर से राजद की विधायक वर्षा रानी इस मामले में काफी पीछे दिख रही हैं। उनकी जगह इस बार उनके पति शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को पार्टी ने टिकट दिया है। वे काफी सक्रिय हैं।

राजद के रामविलास इन दिनों दिख रहे सक्रिय

वर्चुअल संवाद रहेगा असरदार

2015 के चुनाव से यह चुनाव कई मामले में अलग है। चुनाव आयोग ने चुनावी रैली, प्रचार, नामांकन सहित अन्य तरह के कैंपेन के लिए गाइडलाइन जारी कर रखी है। यदि इस गाइडलाइन का पालन कड़ाई से कराया गया तो सोशल मीडिया पर पिछड़े माननीय अपने वोटरों से सीधा संवाद नहीं कर पाएंगे। उन्हें सोशल मीडिया का सहारा लेना ही होगा।

सोशल मीडिया पर नजर

इस बार के चुनाव में लोग सोशल मीडिया पर भड़काऊ अपडेट से बच रहे हैं। चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर पैनी नजर बनाए हुए है। चुनाव आयोग की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति, प्रत्याशी या राजनीतिक दल चुनावी विज्ञापन, रिंग टोन, कॉलर ट्यून आदि जारी नहीं कर सकता है।

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