Bihar Election 2020: सुलझने लगी हैं महागठबंधन की गांठें, एनडीए में लोजपा के रूख का इंतजार
कांग्रेस को 65 तो वाम दलों को 20 सीटों का प्रस्ताव । लालू से मिलकर तेजस्वी करेंगे अंतिम निर्णय । सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला आंशिक रूप से तय पर कांग्रेस माले और वीआइपी अब भी अधिक की उम्मीद। संभावनाओं की तलाश में दिल्ली में डटे हैं उपेंद्र
पटना, राज्य ब्यूरो । Bihar Election 2020: महागठबंधन के दलों के बीच सीटों के तालमेल के मसले पर फाॅर्मूला तय हो गया है। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच जल्द की आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। उधर एनडीए में लोजपा को लेकर पेच फंसा ही हुआ है। जदयू और भाजपा के बीच मोटे तौर पर सहमति बन गई है। लोजपा के स्पष्ट निर्णय की जानकारी मिलते ही एनडीए में भी सीटों का ऐलान हो जाएगा। जबकि रालोसपा गठबंधन या तीसरे मोर्चा की दुविधा में फंसी हुई है। पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इस समय दिल्ली में एनडीए के साथ गठबंधन की संभावना तलाश रहे हैं।
फॉर्मूला पर अंतिम सहमति के लिए लालू से मिलेंगे तेजस्वी
महागठबंधन में सहयोगियों के बीच सीटों के विवाद को लेकर आई गांठे सुझलने लगी है। हालांकि अभी भी कांग्रेस-माले और वीआइपी जैसे दल दबाव की राजनीति में जुटे हुए हैं। फाॅर्मूला पर अंतिम सहमति के लिए जल्द ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिलेंगे तो वहीं कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल कांग्रेस आलाकमान को वस्तु स्थिति से अवगत करा सीटों पर उनकी अंतिम रजामंदी प्राप्त करेंगे।
एक-दो दिनों में होगा अधिकारिक एेलान
सीट बंटवारे का जो फार्मूला महागठबंधन में तय हुआ है उसके तहत राजद 153 से 155 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। साथ ही वह अपने कोटे की सीटों में से विकासशील इंसान पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी सीटें देगा। सीट बंटवारे के फार्मूले में कांग्रेस को 65 सीटें ऑफर की गई हैं। कांग्रेस को राष्ट्रवादी कांग्रेस को अपने कोटे में से सीटें देनी होंगी। इन दो प्रमुख दलों के अलावा तीसरे सहयोगी भाकपा माले को 14, सीपीआइ को तीन और सीपीएम को दो सीट देने पर सहमति बनी है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि एक-दो दिनों के अंदर महागठबंधन सीट बंटवारे का आधिकारिक एलान करेगा। इसके पहले महागठबंधन के सभी सहयोगियों की मंगलवार को बैठक होने की चर्चा भी है।
अभी भी कांग्रेस-माले और वीआइपी कर रहे दबाव की राजनीति
महागठबंधन ने भले ही सीट बंटवारे के फार्मूले पर आंशिक सहमति बना ली हो, लेकिन 'कुछ ज्यादा की चाहत' अभी भी कम नहीं हुई है। कांग्रेस 65 की बजाय अब भी 70 सीटों के लिए राजद पर दबाव बना रही है। वीआइपी को भले ही राजद के कोटे से सीटें मिलनी हो, लेकिन वीआइपी लगातार अपनी 25 सीटों की दावेदारी पर अड़ी है। परन्तु इस मुद्दे को लेकर बहुत विवाद होगा इसकी संभावना करीब-करीब नहीं के बराबर है।
वाम दलों के सीटों का मामला सलटा
महागठबंधन से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अलग होते ही वामपंथी दलों की लॉटरी निकल आई। कई दौर की बातचीत के बाद राजद और वामपंथी दलों के बीच सीटों को लेकर लगभग सहमति बन गई है। यह भी तय हो गया कि वाम दल महागठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे। हालांकि वाम दलों की ओर से और 10-12 सीटों की मांग है। खबर है कि महागठबंधन में माले को 14 सीटें मिलेंगी। जबकि वह और पांच-छह सीटें मांगने पर अड़ी है। इसमें उसे दो-तीन सीटें राजद से मिल भी सकती हैं। राजद की ओर से माले से उम्मीदवारों के नाम भी मांगे गए हैं। वहीं राजद ने माकपा को दो और भाकपा को तीन सीटें देने पर सहमति दी है।