Bihar Election 2020 HIGHLIGHTS : विधान सभा चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के साथ ही प‍ढि़ए चुनावी झलकियां

Bihar Election 2020 2015 के मुकाबले 2020 में चुनावी समीकरण पूरी तरह बदले हुए हैं। बदले हालात में किसमें कितना है दम क्‍या हो सकता है इस बार का एजेंडा आचार स‍ंहिता कोविड19 के दौरान किए गए बदलाव अापको कब और कहां डालना है वोट पढि़ए चुनाव की झलकियां।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 04:45 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 09:33 PM (IST)
Bihar Election 2020 HIGHLIGHTS : विधान सभा चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के साथ ही प‍ढि़ए चुनावी झलकियां
बिहार में होनेवाले चुनाव के लिए सांकंतिक तस्‍वीर ।

पटना,जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020:  बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों (Date of Assembly Polls) का ऐलान हो गया है। बिहार में चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी पूरे उफान पर है। कब, कहां चुनाव होने हैं, चुनाव की तारीख का एेलान होते ही राजनीतिक दलों की क्‍या रही प्रतिक्रिया, 2015 में क्‍या था चुनावी पिक्‍चर, अब कैसे बदले हैं हालात, आगामी चुनाव में कैसे होगी राजनीति‍क दलों के ताकत की परीक्षा , 2015 में किसके पास थी कितनी सीट, कोरोना काल में कैसे होना है चुनाव सहित बिहार में चुनाव आचार संहिता संबंधी जानकारी, गठबंधनों की स्थिति और अन्‍य चुनावी हाईलाइट्स  के  लिए पढि़ए ये पूरी  रिपोर्ट:-

कई मायनों में ऐतिहासिक होगा बिहार का चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच पूरी दुनिया में बिहार का चुनाव  संभवत: पहला सबसे बड़ा चुनाव है। यह कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। कोविड काल में तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। दुनिया के 40 से अधिक देशों में कोरोना के चलते चुनाव टल रहा है। इनमें कई देश ऐसे हैं जिनकी आबादी बिहार से कम है। इस संकट के दौर में मतदान का यह प्रयोग देश में और अपने प्रदेश में हो रहा है। बिहार में ठीक ढंग से चुनाव संपन्न हो गया तो यह अपने आप में राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। यहां के वोटर राजनीतिक तौर पर पहले से परिपक्व हैं। इस चुनाव में उन्हें और अधिक परिपक्वता का परिचय देना होगा। बिना भीड़ जुटाए जनता तक अपनी बात पहुंचाना राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए भी चुनौती होगी।

क्या हो सकता है एजेंडा

राज्य में आधारभूत संरचना का विकास हुआ है। सड़क, बिजली, सिंचाई आदि के क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल हुई है। स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी आधारभूत संरचनाएं विस्तृत हुई हैं। कुछ नए शहर हवाई मार्ग से जुडऩे जा रहे हैं। विकास की योजनाओं की सूची लंबी है। इस चुनाव का एक एजेंडा यह हो सकता है कि विकसित आधारभूत संरचना का उपयोग उत्पादन के साधन बढ़ाने और अंतत: रोजगार के ढेर सारे अवसर सृजित करने में कैसे हो सकता है। यह सुनने-देखने में अच्छा नहीं लगता है कि राज्य में बिजली का ज्यादा उपयोग उत्पादन में नहीं सजावट में होता है। इसी तरह अच्छी सड़कों का उपयोग माल की आवाजाही से अधिक तेज रफ्तार से गाडिय़ां चलाने के लिए होता है। जनता अपने जन प्रतिनिधियों से करार करवा सकती है कि इस बार जीत कर गए तो विकास की सूची में उत्पादन और रोजगार को जोड़ेंगे। चार-चार साल विलंब से चलने वाले विश्वविद्यालयों के सत्र को नियमित करने का करार भी वोटरों के एजेंडा में हो सकता है।

पहले चरण में हो जाएगी नीतीश और लालू की ताकत की परख

एनडीए और महागठबंधन के बीच पहले चरण के मतदान से ही अस्तित्व बचाने की लड़ाई शुरू हो जाएगी। बांका, भागलपुर, पटना,  मंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, औरंगाबाद, बक्सर,  रोहतास एवं कैमूर जिलों की 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को मतदान होना है। 2010 में एनडीए के घटक के तौर पर भाजपा और जदयू साथ लड़े थे। राजद, कांग्रेस और लोजपा का गठबंधन था।

2015 में गठबंधन बदल गया। भाजपा से अलग होकर जदयू राजद से मिल गया। कांग्रेस भी महागठबंधन के नाम से बने मोर्चे से जुड़ी। जबकि लोजपा ने एनडीए का साथ दिया। जदयू से अलग होकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी एनडीए के अंग बन गए। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी एनडीए का हिस्सा बना। लेकिन, महागठबंधन की बढ़त को ये दल रोक नहीं पाए। परख यह भी होगी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद में से वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता किनमें अधिक है।

अब 2020 में नया समीकरण बन गया है । एनडीए के सामने 2010 और महागठबंधन के सामने 2015 के परिणाम को बनाए रखने की चुनौती पैदा हो गई है। 2010 में इन 71 सीटों में से जदयू की 39 और भाजपा की 22 सीटों पर जीत हुई थी। यानी राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के लिए सिर्फ 10 सीटें बची थीं। एनडीए के लिए यह सवाल है कि क्या वह 61 के आंकड़े को छू पाएगा।

2015 में परिणाम पलट गया था। जदयू 21 सीट गंवाकर 18 पर जीत हासिल कर पाया। जबकि राजद का ग्राफ पांच से बढ़कर 27 पर पहुंच गया। भाजपा 22 से घटकर 13 पर आ गई। कांग्रेस का आंकड़ा भी एक से नौ पर पहुंच गया। एनडीए के घटक के तौर पर हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली। निर्दलीय और भाकपा माले को भी एक-एक सीट का लाभ मिला। भूपेंद्र यादव से मुलाकात में भी कुशवाहा को नहीं मिला भाव

2010 में एनडीए को बढ़त तो 2015 में महागठबंधन को

  बिहार में दूसरे चरण के मतदान के दौरान प्रदेश की 94 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। ये वैसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 2010 में एनडीए को बड़ी बढ़त हासिल हुई थी। तब भाजपा-जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन वहीं दूसरी ओर राजद और लोजपा के बीच भी दोस्ती थी और दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था। वहीं कांग्रेस ने अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन 2015 आते-आते राजनीतिक दोस्ती बदल चुकी थी। 17 वर्षों तक साथ चलने वाले भाजपा-जदयू के रास्ते अलग हो चुके थे जदयू महागठबंधन के साथ चुनाव मैदान में आया था। इनके साथ कांग्रेस भी थी। इस चुनाव में महागठबंधन को बंपर सफलता मिली। राजद सबसे बड़ा दल बना तो जदयू दूसरे नंबर पर और भाजपा तीसरे पायदान पर रही।

चिराग हुए भावुक, कहा विश्‍वास है पापा भी जल्‍द जुड़ेंगे अापसे

 चुनाव की घोषणा के साथ ही लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान भावुक हो गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट कर अस्पताल में भर्ती अपने पिता व लोजपा के संस्‍थापाक रामविलास पासवान के लिए भावनात्मक प्रतिक्रियां दीं। चिराग ने लिखा-पापा का अंश हूं। विपरीत परिस्थितियों में लड़कर जीतना उन्हीं से सीखा है। ऐसा 50 वर्षो में पहली बार है कि चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया मगर पापा बिहार में नहीं हैं। मुझे विश्‍वास है पापा जल्‍द सबसे वर्चुअल माध्‍यम से जुड़ेंगे। इस मुश्किल घड़ी में मेरे साथ खड़े होने के लिए आप सब का आभार। चिराग ने कहा कि जो लोग बिहार पर नाज करना चाहते हैं, उन सभी से अपील करता हूं कि 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' की सोच के साथ आगे आएं और नया बिहार युवा बिहार बनाएं।

बिहार को एशिया का नंबर एक राज्‍य बनाएंगे

मतदान की घोषणा के साथ ही प्रदेश में राजनीति सरगर्मी बढऩे लगी है। छोटे से लेकर तमाम बड़े दल चुनावी बाजी जीतने के लिए जीन-जान से जुट गए हैं। इस बीच जन अधिकार पार्टी (लो.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (Pappu Yadav)  ने दावा किया यदि वे चुनाव जीतते हैं तो बिहार को एशिया का नंबर वन राज्य (Will make Bihar number one state in Asia ) बना देंगे। कहा , हम एक साल के भीतर सभी भूमिहीन परिवारों को तीन डिसमिल जमीन और शहरी गरीबों को एक बेडरूम फ्लैट (One BHK flat)   देंगे। भूमि अधिग्रहण (land aquisition) मामलों को सुलझाएंगे और रियल एस्टेट (Real Estate) , बालू और भू माफिया (land Mafia)  को सलाखों के पीछे भेजेंगे। राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुधारेंगे और दो साल में सरकारी स्कूल को प्राइवेट से बेहतर बनाएंगे और राज्य को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेंगे।

 सीट शेयरिंग को जल्‍दबाजी क्‍या है : तेजस्‍वी

चुनाव की घोषणा के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि राजद और उनका गठबंधन चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारा गठबंधन कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ है।

सीट शेयरिंग से जुड़े सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी इतनी जल्दीबाजी क्या है? अभी तो किसी भी राजनीतिक दल ने सीट शेयरिंग को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सम्मान सभी को चाहिए। अगर आप किसी को सम्मान देंगे तभी आपको भी सम्मान मिलेगा।

नहीं बनी बात तो कांग्रेस सभी 243 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

चुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस अपने तेवर में आने लगी है। कांग्रेस को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव मैदान में जाने से ऐतराज नहीं, लेकिन यदि सीट बंटवारे में सम्मानजनक समझौता नहीं हुआ तो कांग्रेस अकेले अपने दम पर सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। बिहार के चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय शनिवार को पटना पहुंचे। वे यहां दो दिन रहेंगे और चुनाव की संभावित सीटों के साथ ही प्रत्याशी चयन को अंतिम रूप देंगे। पटना पहुंचने के साथ ही पांडेय ने मीडिया से बात की और कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव महागठबंधन का चेहरा बनते हैं तो कांग्रेस को इससे परहेज नहीं। कांग्रेस की पहली शर्त है कि उसे सम्मानजनक सीट मिलनी चाहिए। कांग्रेस पूरे देश में भाजपा विरोध का नेतृत्व करती है। बिहार में यह काम तेजस्वी यादव के साथ मिलकर किया जाएगा।

जल्द ही सीट शेयरिंग पर होगी बात, लोजपा को भाजपा देखेगी :  नीतीश

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा है कि एनडीए में जल्‍द ही सीट शेयरिंग पर बात होगी। सीट बंटवारें की बात साफ हो जाएगी। उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में आने की कोई जानकारी नहीं है । लोजपा के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी लोग भाजपा के साथ पहले से हैैं उन्हें भाजपा को देखना है। खुद के चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर कहा कि हम तो एलायंस के लिए लड़ते हैैं ।

जनता ने आगे भरोसा किया तो सात निश्चय-2 पर करेंगे काम : नीतीश

मुख्यमंत्री ने बीते शुक्रवार को सात निश्चय-2 के विषयों की आरंभिक जानकारी दी

एक नजर में सात निश्चय-दो

1.युवा शक्ति बिहार की प्रगति

2.सशक्त महिला-सक्षम महिला

3.हर खेत को सिंचाई का पानी

4. हर गांव में सोलर सिस्टम आधारित स्ट्रीट लाइट

5.स्वच्छ गांव, समृद्ध गांव

6.स्वच्छ शहर

7. हर घाट व विद्युत शवदाह गृह  मोक्ष धाम

8. शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिली इमारत

9.हर शहर में वृद्धजनों के लिए आश्रय स्थल

10. सुलभ संपर्क निश्चय

11. सभी शहरों में आबादी के घनत्व के हिसाब बाईपास का निर्माण

जान है, जहान है और लोकतंत्र का सम्‍मान भी है : उपमुख्‍यमंत्री

  उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में विधानसभा के चुनाव समय पर कराने के लिए चुनाव आयोग ने जिस प्रबल प्रशासनिक इच्छाशक्ति से काम लिया और जितनी व्यापक तैयारी की है, उसके लिए आयोग की सराहना की जानी चाहिए। आयोग का निर्णय 'जान भी, जहान भी और लोकतंत्र का सम्मान भी' के मंत्र का पालन करता है।

 एकल खिड़की पर उपलब्ध होगी तमाम सुविधाएं

विधानसभा चुनाव में प्रचार और तमाम गतिविधियों की मंजूरी को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बताया कि एकल खिड़की सुविधा का प्रावधान गया किया है। एक खिड़की के तहत ऑनलाइन आवेदन की करने की सुविधा भी आयोग देगा। ऑफलाइन भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

आम सभाओं, रैलियों, जुलूस, लाउडस्पीकरों के उपयोग, वाहनों के उपयोग, गैर व्यवसायिक, हेलीपेड आदि के उपयोग के संबंध में राजनैतिक दलों व चुनाव लडऩे  वाले प्रत्याशियों को एकल खिड़की प्रणाली काम करेगा।  यह सुविधा अनुमंडल तक उपलब्ध होगी। दलों के साथ प्रत्याशियों को जरूरी स्वीकृति के लिए जगह- जगह भागदौड़ नहीं करनी होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी को जेड प्लस सुरक्षा

 सरकार ने  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल फागू चौहान समेत 31 विशिष्ट व्यक्तियों के सुरक्षा इंतजाम में फेर बदल कर दिया है। गृह विभाग ने शुक्रवार को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया।

राज्यपाल व मुख्यमंत्री को जेड प्लस एवं एएसएल प्रोटेक्टी सुरक्षा श्रेणी में रखा गया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राज्यसभा सदस्य व जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा में रखा गया है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, विधानसभा में नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, पूर्व मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह, शरद यादव और शकील अहमद को वाई श्रेणी सुरक्षा दी गई है। इसके अलावा लोकसभा सदस्य पशुपति कुमार पारस, पूर्व विधायक रणविजय सिंह, लोकसभा सदस्य सुशील सिंह, पूर्व मंत्री पीके शाही और राजीव प्रताप रूढ़ी को भी वाई श्रेणी सुरक्षा मुहैया कराया गया है। पूर्व केंद्रीय राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को वाई श्रेणी सुरक्षा मिलेगी। वहीं, पूर्व मंत्री अनिल कुमार को एक्स श्रेणी की सुरक्षा में रखा गया है।

आदर्श आचार संहिता लागू, सड़कों से हटाए गए पार्टी के पोस्टर, होर्डिंग व झंडे

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। 25 सितंबर से 10 नवंबर तक आयोग की तरफ से तमाम पाबंदिया प्रभावी रहेंगी। सरकार इस दौरान कोई घोषणा नहीं कर सकेगी। राजनीतिक दल और उम्मीदवार इनके पालन के लिए बाध्य होंगे।

आचार संहिता के नियमों के अनुसार सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम में नहीं किया जा सकेगा। इस पर पाबंदी रहेगी।

सरकार के मंत्री सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर पाएंगे। किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा, किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी। किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट मांगने पर रोक लग गई है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दलों द्वारा लगाए गए पोस्टर, झंडा, होर्डिंग और बैनर हटा दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री ने वापस की गाड़ी

आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सरकारी वाहनों को वापस कर दिया है। सुशील मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

 विधानसभा में कुल कितनी सीटें, अभी कितनी किसके पास?

बिहार विधानसभा में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। इस वक्त भाजपा और जदयू का गठबंधन सत्ता में है। राजद बिहार में अभी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास 73 सीटें हैं। लेकिन नीतीश कुमार की जदयू ने 2017 में आरजेडी से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाई है। बिहार में एक बार फिर चुनावी जंग एनडीए और महागठबंधन के बीच लड़ी जानी है। भाजपा की ओर से ऐलान किया गया है कि एनडीए नीतीश कुमार की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगा।

एनडीए ( कुल सीटें- 130)

• जदयू – 69

• भाजपा – 54

• लोजपा - 2

• हम – 1

• निर्दलीय – 4

महागठबंधन (कुल सीटें 101)

• राजद – 73

• कांग्रेस – 23

• सीपीआई (ML) – 3

• निर्दलीय - 1

अन्य

1. AIMIM – 1

2. खाली सीटें – 12

कोराेना काल के चुनाव में ये हुए बड़े बदलाव

इस बार के चुनाव में आयोग ने कई बड़े बदलाव किए हैं। कोरोना के संक्रमण काल में मतदान केंद्रों पर तमाम एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। मतदान केंद्रों पर भीड़ नहीं लगे, इसे ध्‍यान में रखकर चुनाव में उम्र के अनुसार मतदान का समय निर्धारित किया जाएगा। सबसे पहले बुजुर्गों को मतदान का मौका मिलेगा। इसके बाद युवाओं व महिलाओं की बारी आएगी। साथ ही कोरोना संक्रमित वोटरों के लिए अलग मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध होगी। चुनाव आयोग ने कहा है कि दिव्यांग मतदाताओं को भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।

उम्र के अनुसार वोटिंग की व्‍यवस्‍था

मतदान केंद्रों पर भीड़ इकट्ठा न हो, इसके लिए उम्र के अनुसार वोटिंग की व्‍यवस्‍था की जानी है। इसके लिए टाइमिंग तय किया जाएगा। बुजुर्ग मतदाताओं को सुबह में तो युवाओं को दोपहर से शाम के बीच मतदान का मौका दिया जाएगा।

80 वर्ष से अधिक उम्र वालाें को डाक मतपत्र की सुविधा

बिहार विधानसभा चुनाव में 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध मिलेगी। दिव्यांग मतदाताओं को भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 60 के तहत आयोग ने यह प्रावधान किया है।

अनावश्‍यक भीड़-भाड़ से बचने की कोशिश

मतदाता उम्र के अनुसार मतदान केंद्रों पर पहुंचें, इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इस काम में ग्राम पंचायत स्तर तक अभियान चलेगा। इसके लिए बनाई गई टीम घर-घर लोगों को जागरुक करेगी।

उम्र के अनुसार मतदान का समय निर्धारित होने से मतदान केंद्रों पर अनावश्‍यक भीड़-भाड़ से बचा जा सकेगा।

शारीरिक दूरी का रखना है ध्‍यान, मास्‍क अनिवार्य

मतदान केंद्रों पर शारीरिक दूरी का पूरा ध्‍यान रखा जाएगा। वहां मास्‍क पहन कर जाना अनिवार्य होगा। मतदान के समय मतदाता ईवीएम को नहीं छू सके, इसकी भी व्यवस्था की जाएगी। मतदानकर्मी पारदर्शी प्लास्टिक सीट के पीछे रहेंगे। कोरोना संक्रमित मतदाताओं के लिए अलग मतदान केंद्र होंगे। वहां मतदानकर्मी पीपीई किट पहनकर रहेंगे।

चुनाव कर्मियों का 30 लाख बीमा लाभ

आयोग ने चुनाव कार्य में जुटे सुरक्षाकर्मियों, मतदान कॢमयों और इवीएम के इंजीनियरों को चुनावी ड्यूटी के दौरान कोविड से होनेवाली मौत पर बड़ी राहत देने का निर्देश दिया है। आयोग ने आदेश दिया है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड से मौत होने पर मतदान कर्मी के परिजन को 30 लाख रुपये दिया जाएगा। इवीएम के लिए बीइएल और इसीआइएल के इंजीनियरों को कोविड संक्रमण होने पर कैशलेश इलाज का इंतजाम होगा।

 तीसरा चरण : सात नवंबर : 78 सीट 

वाल्मीकि नगर, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, नरकटिया, मोतिहारी, चिरैया, ढाका, रीगा, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, लौकहा, निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छातापुर, नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर, बायसी, कसबा, बनमनखी, रुपौली, धमदाहा, पूॢणया, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कोढ़ा, आलमनगर, बिहारीगंज, सिंहेश्वर, मधेपुरा, सोनबरसा, सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी, जाले, गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा, कुढऩी, मुजफ्फरपुर, महुआ, पातेपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर, समस्तीपुर, मोरवा, सरायरंजन।

 दूसरा चरण : तीन नवंबर : 94 सीट 

नौतन, चनपटिया, बेतिया, हरसिद्धि, गोविंदगंज, केसरिया कल्याणपुर, पिपरा, मधुबन, शिवहर, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, मधुबनी, राजनगर, झंझारपुर, फूलपरास, कुशेश्वरस्थान, गौड़ाबौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, मीनापुर, कांटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज, बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे, हथुआ, सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गोरियाकोठी, महाराजगंज, एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मरहौरा, छपरा, गरखा, अमनौर, परसा, सोनपुर, हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, राजापाकर, राघोपुर, महनार, उजियारपुर, मोहिउद्दीननगर, विभूतिपुर, रोसड़ा, हसनपुर, चेरिया-बरियारपुर, बछवारा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी, अलौली, खगडिय़ा, बेलदौर, परबत्ता, बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, भागलपुर, नाथनगर, अस्थावन, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, हरनौत, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी।

पहला चरण : 28 अक्टूबर : 71 सीट

कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया, बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़, लखीसराय, शेखपुरा, बरबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बड़हरा, आरा, अगियांव, तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, रायपुर, मोहनिया, भभुआ, चैनपुर, चेनारी, सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, देहरी, काराकट, अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर, गोह, ओबरा, नवीनगर, कुटुम्बा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, टेकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, रजौली, हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर, वरसलीगंज, सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई।

 तीन चरणों में होंगे चुनाव

पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर 2020 को होगा। दूसरे चरण का तीन नवंबर और तीसरे चरण का चुनाव सात नवंबर को कराया जाएगा।  विधान सभा चुनावों के नतीजों का ऐलान 10 नवंबर को किया जाएगा। पिछली बार यानी 2015 में पांच चरणों में चुनाव संपन्न हुआ था। जानिए आपको कब और कहां डालान है वोट।

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