बिहार विधानसभा 2020 : किसानों की सुध लेना भूल गए नेता जी, लखीसराय के झरना डैम से मोह भंग

लखीसराय में सिंचाई संसाधनों की मरम्मत करने एवं खेत तक झरना डैम का पानी पहुंचाने का भरोसा देकर वोट ले जाते रहे हैं नेता लेकिन चुनाव के बाद इस पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 05:21 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 05:21 PM (IST)
बिहार विधानसभा 2020 : किसानों की सुध लेना भूल गए नेता जी, लखीसराय के झरना डैम से मोह भंग
बकसोनिया पहाड़ी व चरकी पहाड़ी को जोड़कर बनाए गए झरना डैम का जीर्णोद्धार नहीं हो सका।

लखीसराय, जेएनएन। सूर्यगढा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चानन प्रखंड के जानकीडीह पंचायत के हजारों एकड़ जमीन की सिंचाई करने वाला बकसोनिया पहाड़ी व चरकी पहाड़ी को जोड़कर बनाए गए झरना डैम का जीर्णोद्धार कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इस कारण आज किसान मिट्टी भरे बोरी से अस्थाई बांध बना कर अपने खेत की सिंचाई करने को विवश हो रहे हैं। डैम में रिसाव के कारण एवं बांध की ऊंचाई कम रहने के कारण डैम में पानी की मात्रा कम है। डैम के बांध में पानी के रिसाव के कारण पानी के बहाव में दो से तीन बार बांधना उनकी नियति बन गयी है, जबकि हर विधानसभा चुनाव में नेता इस बीयर समेत अन्य सिंचाई संसाधनों की मरम्मत करने एवं क्षेत्र के हर खेत तक झरना डैम का पानी पहुंचाने का भरोसा देकर वोट जरूर ले लेते हैं। वहीं इसके बाद समाधान के बारे में कुछ सोचते तक नहीं हैं।

वर्ष 2000 में झरना डैम का हुआ निर्माण

जानकीडीह पंचायत के विभिन्न गांव में बासकुंड डैम का पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा था। पंचायत क्षेत्र के किसानों ने बकसोनिया एवं चरकी पहाड़ी के बीच बांध बांधकर जंगलों व पहाड़ों से गिरने वाले वर्षा के पानी को रोककर खेतों तक पहुंचाया। वर्ष 2000 में सूर्यगढ़ा विधान सभा क्षेत्र के विधायक प्रह्लाद यादव ने सैकड़ों किसानों के बीच बड़ी धूमधाम से काम के बदले अनाज योजना व ङ्क्षसचाई विभाग से झरना डैम का निर्माण कार्य की आधारशिला रखी और कार्य शुरू किया गया। पानी खेतों तक पहुंचा भी। इसके बाद झरना डैम का जीर्णोद्धार फिर कभी नहीं किया गया।

क्षेत्रीय किसानों की राय

बसंतपुर के किसान तनिक लाल यादव, ब्रह्मदेव यादव, सदाशिव यादव, कारु यादव, जानकीडीह बेलदरिया के कामेशवर यादव, रामजी यादव समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि प्रतिनिधियों द्वारा किसानों की समस्या के समाधान के प्रति बरती जा रही लापरवाही महंगी साबित हो सकती है। ङ्क्षसचाई के अभाव में जमीन बंजर हो रही है।

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