ओमिक्रोन का खतरा: WHO इस संक्रमण के बारे में हासिल करे जरूरी जानकारी, बचाव में मिलेगी सहायता

कोरोना वायरस के बदले हुए प्रतिरूप ओमिक्रोन से संक्रमित दो मरीजों का कर्नाटक में मिलना चिंता का विषय अवश्य है लेकिन इसके बाद भी घबराने की जरूरत नहीं। इसलिए नहीं क्योंकि फिलहाल इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं कि यह कोरोना वायरस कितना घातक है?

By Pooja SinghEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:40 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:40 AM (IST)
ओमिक्रोन का खतरा: WHO इस संक्रमण के बारे में हासिल करे जरूरी जानकारी, बचाव में मिलेगी सहायता
ओमिक्रोन का खतरा: WHO इस संक्रमण के बारे में हासिल करे जरूरी जानकारी, बचाव में मिलेगी सहायता

कोरोना वायरस के बदले हुए प्रतिरूप ओमिक्रोन से संक्रमित दो मरीजों का कर्नाटक में मिलना चिंता का विषय अवश्य है, लेकिन इसके बाद भी घबराने की जरूरत नहीं। इसलिए नहीं, क्योंकि फिलहाल इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं कि यह कोरोना वायरस कितना घातक है? ओमिक्रोन के बारे में अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार यह कहीं अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित करता है और युवाओं को अधिक चपेट में लेता है। शायद इसी कारण अभी तक यह 25 से अधिक देशों में फैल चुका है, लेकिन इसी के साथ एक तथ्य यह भी है कि अभी उससे संक्रमित मरीजों की संख्या चार सौ से भी कम हैं।

इस वायरस की घातकता का पता चलने तक यह आवश्यक है कि उसके संक्रमण से बचे रहने के उपायों पर जोर दिया जाए और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं कि वैसी स्थिति न बनने पाए, जैसी संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बनी थी। हालांकि अभी तक ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं, लेकिन आगे ऐसा होने का अंदेशा है। इसी कारण ओमिक्रोन को दुनिया भर के लिए एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है।

ऐसे में यह जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तत्परता का परिचय देकर इस वायरस के बारे में जरूरी जानकारी जल्द हासिल कर उससे दुनिया को अवगत कराए। जानकारी जितनी सटीक होगी, वह संक्रमण से बचाव में उतनी ही सहायक बनेगी। भारत सरकार और विशेष रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय को भी अपने स्तर पर वही काम करना होगा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपेक्षित है। उसे राज्य सरकारों को इसके लिए प्रेरित और प्रोत्साहित भी करना होगा कि वे टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाएं। यह रफ्तार बढ़े, इसकी चिंता आम लोगों और खासकर उन्हें करनी होगी, जिन्होंने अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं ली है।

यह ठीक नहीं कि एक बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने टीके की दूसरी खुराक समय पर नहीं ली है। यह खतरनाक लापरवाही है। उन कारणों की तह तक जाकर उनका निवारण करने की जरूरत है, जिनके चलते लोग टीके की दूसरी खुराक लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। राज्य सरकारों को आम लोगों को इसके लिए भी सावधान करना होगा कि वे कोरोना संक्रमण से बचे रहने के उपायों को अपनाने के मामले में ढील न आने दें। इसके साथ ही इस सवाल का जवाब भी खोजा जाना चाहिए कि क्या मौजूदा टीके ही ओमिक्रोन पर प्रभावी होंगे या फिर उनमें कुछ बदलाव करना होगा? इस बारे में भी जितनी जल्दी स्पष्टता हो, उतना ही बेहतर कि कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज आवश्यक होगी या नहीं?

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