विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर हो सार्थक चर्चा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र भी शुरू हो गया है। उम्मीद है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। सत्ता पक्ष को विपक्ष की बातें सुननी चाहिए और उनकी शंकाओं का समाधान करना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। किसी भी राज्य के लिए विधानसभा सत्र बेहद अहम होता है। इसमें प्रदेश के भविष्य की दशा और दिशा तय की जाती है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र भी शुरू हो गया है। इस बार सत्र में 10 बैठकें होंगी, जिससे उम्मीद है कि सत्ता पक्ष एवं विपक्ष मुद्दों पर सार्थक बातचीत करेंगे और प्रदेश के विकास का खाका खींचने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक सरकार से प्रदेश के लोगों से जुड़े 953 अधिक सवाल पूछेंगे, जबकि कई अहम विषयों पर भी चर्चा होगी। जनता से जुड़े कई अहम विधेयक भी सत्र के दौरान पेश किए जाएंगे। कोरोना संकट के कारण प्रदेश के विकास की रफ्तार कम हुई है। कई अहम विषय हैं, जिन पर चर्चा किए जाने की जरूरत है। कोरोना संकट के कारण विधानसभा के बजट सत्र में भी कटौती करनी पड़ी थी। निर्धारित समय से पहले अनिश्चितकाल के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा था।
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर विपक्ष ने विवाद किया था और कई दिन तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया था। ऐसी परिस्थितियां प्रदेश के हित में नहीं हैं। उम्मीद है कि सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच प्रदेश हित से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। सत्ता पक्ष को विपक्ष की बातें सुननी चाहिए और उनकी शंकाओं का समाधान करना चाहिए।
विपक्ष के सदस्यों को भी चाहिए कि अहम सत्र में किसी तरह का व्यवधान न पड़े। अगर किसी बात या मुद्दे पर असहमति हो तो उसे तर्कों के साथ सदन के पटल पर रखा जाए। बहिर्गमन जैसे कदम से कार्यवाही प्रभावित होने के अलावा कुछ हासिल नहीं होगा। यदि इस दौरान किसी तरह का व्यवधान पड़ता है तो विकास के लिए की जानी वाली चर्चा नहीं हो सकेगी और कई विकास योजनाएं भी छूट सकती हैं। इसलिए सभी का दायित्व है कि इस समय का सदुपयोग किया जाए और सार्थक बहस हो। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रदेश हित के लिए सभी सदस्य विकास के लिए चर्चा करेंगे।