370 की बहाली का सपना: पाक परस्त दिग्विजय ने 370 हटाने को दुखद करार कहकर कांग्रेस के लिए खड़ी कर दी मुसीबत

दिग्विजय का कोई जोड़ नहीं। वह कभी आतंकी सरगना लादेन को सम्मानपूर्वक संबोधित करते जाकिर नाइक के साथ मंच साझा करते और कभी मुंबई हमले को आरएसएस की साजिश बताते। उन्हेंं यह अहसास हो जाए तो बेहतर कि उन्होंने 370 की बहाली की बात करके देश का अहित ही किया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 02:50 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 02:50 AM (IST)
370 की बहाली का सपना: पाक परस्त दिग्विजय ने 370 हटाने को दुखद करार कहकर कांग्रेस के लिए खड़ी कर दी मुसीबत
यह किसी से छिपा नहीं कि कांग्रेस को अनुच्छेद 370 हटाया जाना रास नहीं आया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने यह कहकर न केवल अपने, बल्कि अपनी पार्टी के लिए भी मुसीबत खड़ी करने का काम किया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो अनुच्छेद 370 को बहाल करने पर विचार किया जाएगा। इससे भी खराब बात यह रही कि उन्होंने यह बात इंटरनेट प्लेटफार्म क्लबहाउस में एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में कही। एक तरह से उन्होंने वही कहा, जो पाकिस्तान कहता चला आ रहा है। कांग्रेसी नेताओं की ऐसी ही बातों के कारण उन पर यह आरोप लगता है कि वे पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। दिग्विजय सिंह ने अपने बयान को लेकर सफाई देने की जो कोशिश की, वह लीपापोती के अलावा और कुछ नही, क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को न केवल दुखद करार दिया, बल्कि सत्ता में आने पर उसकी बहाली की भी आस जगाई। क्या उनके बयान को कांग्रेस का आधिकारिक बयान माना जाए? यदि इस सवाल का जवाब सामने नहीं आता तो यही माना जाएगा कि 370 के बारे में जो विचार दिग्विजय सिंह के हैं, वही कांग्रेस के भी है। वैसे भी यह किसी से छिपा नहीं कि कांग्रेस को अनुच्छेद 370 हटाया जाना रास नहीं आया था और उसने इसके बावजूद इस फैसले के लिए मोदी सरकार की संसद के भीतर-बाहर आलोचना की थी कि कई कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग लाइन ली थी।

भले ही दिग्विजय सिंह और कुछ अन्य लोग अनुच्छेद 370 की वापसी का सपना देखें, लेकिन हकीकत यही है कि अब उसकी बहाली संभव नहीं। यह ठीक है कि फारुक अब्दुल्ला ने दिग्विजय सिंह को धन्यवाद देने में देर नहीं की, लेकिन भेदभाव को बढ़ावा देने, अलगाव की भावना पैदा करने और आतंकवाद को हवा देने वाले अनुच्छेद 370 की बहाली की बातों को देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता। इस अनुच्छेद की बहाली की उम्मीद करने वाले एक तरह से दिवास्वप्न ही देख रहे हैं। यदि अनुच्छेद 370 के मामले में कांग्रेस दिग्विजय सिंह के साथ खड़ी होती है तो वह अपनी बची-खुची राजनीतिक हैसियत को और कमजोर करने का ही काम करेगी। समझना कठिन है कि कांग्रेसी नेता रह-रहकर ऐसे बयान क्यों देते रहते हैं, जो देश विरोधी ताकतों के मन की मुराद पूरी करते हैं? इस मामले में दिग्विजय सिंह का कोई जोड़ नहीं। वह कभी आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को सम्मानपूर्वक संबोधित करते हैं, कभी जाकिर नाइक जैसे उन्मादी तत्व के साथ मंच साझा करते हैं और कभी मुंबई हमले को आरएसएस की साजिश बताते हैं। उन्हेंं यह अहसास हो जाए तो बेहतर कि उन्होंने 370 की बहाली की बात करके देश का अहित ही किया है।

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