सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जारी रहने से तेजी से फैल सकता है कोरोना संक्रमण, कामों में खलल डालने की क्षुद्र राजनीति

मनगढ़ंत दलीलों को महत्व देने का मतलब देश में सड़क रेल पुल मेट्रो आदि से संबंधित समस्त निर्माण कार्य रोक देना। क्या इससे संक्रमण थम जाएगा? आखिर जब कोरोना काल में ट्रेनें चल रही हैं हवाई जहाज उड़ रहे हैं तब फिर सेंट्रल विस्टा का काम क्यों नहीं हो सकता?

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:15 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 01:45 AM (IST)
सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जारी रहने से तेजी से फैल सकता है कोरोना संक्रमण, कामों में खलल डालने की क्षुद्र राजनीति
जरूरी कामों में खलल डालने के लिए हो रही क्षुद्र राजनीति।

कोरोना संकट के बीच कुछ जरूरी कामों में खलल डालने के लिए किस तरह की क्षुद्र राजनीति हो रही है और उसमें अदालतों को भी मोहरा बनाया जा रहा है, इसका प्रमाण है संसद के नए भवन के निर्माण से संबंधित सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम रोकने की मांग। यह मांग पहले सुप्रीम कोर्ट में की गई। वहां से निराशा हाथ लगने के बाद हाई कोर्ट जाया गया। कायदे से तो ऐसी फालतू की याचिकाओं को हतोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे केवल अदालतों का समय ही नष्ट करती हैं। सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की चाह रखने वाले किस कदर दुर्भावना से भरे हुए हैं, इसका पता उनकी ओर से इस परियोजना को मौत का किला करार दिए जाने से चलता है। ऐसी दलीलें वही दे सकता है, जो सेंट्रल विस्टा को लेकर नफरत से भर गया हो। याचिकाकर्ताओं की ओर से इस परियोजना की तुलना नाजियों के यातना केंद्र से करते हुए यह दलील दी गई कि इस वक्त यहां निर्माण काम जारी रहने से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल सकता है। ऐसी मनगढ़ंत दलीलों को महत्व देने का मतलब होगा, देश में सड़क, रेल, पुल, मेट्रो आदि से संबंधित समस्त निर्माण कार्य रोक देना। क्या इससे संक्रमण थम जाएगा? आखिर जब कोरोना काल में ट्रेनें चल रही हैं, हवाई जहाज उड़ रहे हैं और अन्य तमाम काम हो रहे हैं, तब फिर सेंट्रल विस्टा का काम क्यों नहीं हो सकता?

पहली नजर में किसी को यह लग सकता है कि सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की मांग करने वाले मजदूरों के हितैषी हो सकते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं, क्योंकि यदि काम रुकता है तो सबसे पहले मजदूरों के पेट पर ही लात पड़ेगी। आखिर कुछ लोग यह क्यों चाहते हैं कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य में लगे मजदूर अपनी रोजी-रोटी से हाथ धो बैठें? इस सवाल का जवाब यही है कि वे किसी न किसी बहाने राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना में अड़ंगा डालना चाहते हैं। इस तरह की चाह कई राजनीतिक दलों और खासकर कांग्रेस की भी है और इसीलिए पिछले दिनों उसके समेत अन्य दलों के नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री को कोरोना से निपटने के लिए जो सुझाव दिए गए, उनमें एक यह भी था कि सेंट्रल विस्टा का काम रोक दिया जाए। कांग्रेस पहले दिन से इस परियोजना के पीछे पड़ी है, जबकि उसकी पहल उसके सत्ता में रहते समय ही हुई थी। शायद कांग्रेस यह नहीं चाहती कि सेंट्रल विस्टा के रूप में कोई ऐसी विरासत बने, जिसका श्रेय किसी और को जाए। यह और कुछ नहीं ईर्ष्या की आग है, जिसमें उसके समेत कुछ और दल एवं समूह जल रहे हैं।

chat bot
आपका साथी