देश में कोरोना संकट: नई योजनाओं पर बेन, आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाना समय की मांग है

आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें एक टीम की तरह काम करती दिखें।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:15 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:15 PM (IST)
देश में कोरोना संकट: नई योजनाओं पर बेन, आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाना समय की मांग है
देश में कोरोना संकट: नई योजनाओं पर बेन, आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाना समय की मांग है

कोरोना संकट से उपजे हालात का सामना करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में कोई नई योजना न शुरू करने का निर्णय समय की मांग के अनुरूप है। जब आर्थिक परिस्थितियां इसकी अनुमति नहीं देतीं कि नई योजनाएं शुरू की जा सकें तो फिर उचित यही है कि उन योजनाओं पर ही अधिक बल दिया जाए जो संकट का समाधान करने में सहायक बन सकती हैं। शायद इसी इरादे से यह रेखांकित किया गया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान पर ही अधिक ध्यान दिया जाएगा। यह अच्छा हुआ कि इसे भी स्पष्ट कर दिया गया कि इस अभियान के तहत घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को प्राथमिकता दी जाएगी।

चूंकि कोरोना संकट की सबसे अधिक मार कमजोर तबकों पर पड़ी है इसलिए उनकी विशेष चिंता की ही जानी चाहिए, लेकिन इस चिंता में राज्य सरकारों को भी शामिल होना चाहिए। यह ठीक है कि कुछ राज्य सरकारों ने कठिन हालात का मुकाबला करने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन अधिकांश राज्य सरकारों का रुख-रवैया ऐसा है मानों जो कुछ करना है वह केंद्र सरकार को ही करना है। अच्छा हो कि इस मामले में अन्य राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश सरकार से प्रेरणा लें, जो संसाधनों की तंगी के बावजूद हर चुनौती का सामना करने के लिए कमर कसे हुए है।

इससे बेहतर और कुछ नहीं कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें एक टीम की तरह काम करती दिखें। इस महत्वाकांक्षी अभियान को यथासंभव जमीन पर उतारने के लिए यह भी आवश्यक है कि केंद्र और राज्य सरकारें उन उपायों पर अतिरिक्त ध्यान दें जो तात्कालिक समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हों। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह अभियान दूरगामी असर वाले उपायों से अधिक लैस दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के जो मूल मंत्र तय किए हैं उनमें आधारभूत ढांचा और तकनीक आधारित व्यवस्था भी हैं। यह समझने की जरूरत है कि सक्षम आधारभूत ढांचे और तकनीक आधारित व्यवस्था का निर्माण आनन-फानन नहीं हो सकता।

हालांकि प्रधानमंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वकेंद्रित होना अथवा संरक्षणवाद को अपनाना नहीं है, लेकिन यह तो आवश्यक है ही कि जहां तक संभव हो सके, हम आयात पर अपनी निर्भरता कम करें। नि:संदेह इसके नाम पर यह भी नहीं होना चाहिए कि जरूरी तकनीक और संसाधन हासिल करने से बचा जाए। इस सिलसिले में इसकी भी चिंता की जानी चाहिए कि इस अभियान को लेकर किसी तरह का संशय न उपजने पाए। इसी तरह यह भी जरूरी है कि इसकी नियमित समीक्षा होती रहे कि यह अभियान सही गति से आगे बढ़ रहा है या नहीं?

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