निरंकुश साइबर अपराध: मोबाइल फोन के जरिये साइबर अपराध को अंजाम देने वाले गैंग का भंडाफोड़

निसंदेह भारत सूचना-तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है लेकिन विडंबना यह है कि साइबर अपराध के आगे यह ताकत प्रभावी नहीं दिखती। वास्तव में इसी कारण अपने देश में साइबर धोखाधड़ी एक धंधा सा बन गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 03:13 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 03:13 AM (IST)
निरंकुश साइबर अपराध: मोबाइल फोन के जरिये साइबर अपराध को अंजाम देने वाले गैंग का भंडाफोड़
साइबर धोखाधड़ी करने वालों का बेलगाम होते जाना गंभीर चिंता।

मोबाइल फोन के जरिये साइबर अपराध को अंजाम देने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया जाना एक अच्छी खबर तो है, लेकिन इस एक अकेले गिरोह की नकेल कसने के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि धोखाधड़ी करने वाले तत्वों के दुस्साहस का दमन होगा। देश में ऐसे गिरोहों की गिनती करना मुश्किल है, जो साइबर अपराध में लिप्त हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय और विभिन्न राज्यों की पुलिस इससे अपरिचित नहीं हो सकती कि करीब-करीब हर दिन देश के किसी न किसी न हिस्से में साइबर धोखाधड़ी होती है। यह ज्यादातर मोबाइल फोन के जरिये ही होती है। कभी किसी के खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं तो कभी छल-कपट से किसी की निजी जानकारी हासिल कर ली जाती है और फिर उसका कई तरह से दुरुपयोग किया जाता है। इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि ऐसे अपराध रोकने के लिए साइबर सेल बने हुए हैं और शिकायतें दर्ज कराने का तंत्र भी काम कर रहा है, क्योंकि सच्चाई यह है कि ये सेल उतने प्रभावी नहीं हैं, जितना उन्हेंं होना चाहिए। इसी तरह यह भी एक तथ्य है कि कई बार साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराने में मुश्किल पेश आती है। इसका लाभ साइबर धोखाधड़ी करने वाले उठाते हैं।

यह किसी से छिपा नहीं कि देश के कुछ हिस्से साइबर धोखाधड़ी करने वाले तत्वों के गढ़ बन गए हैं। इनमें से कुछ ग्रामीण इलाकों में भी हैं। स्थानीय पुलिस उनके खिलाफ सख्ती नहीं दिखाती, क्योंकि उसके पास कोई शिकायत नहीं होती और दूसरे राज्यों की पुलिस आसानी से वहां पहुंच नहीं पाती। यदि पहुंचती भी है तो उसे पर्याप्त सहयोग नहीं मिलता। साइबर धोखाधड़ी करने वाले तत्वों की केवल धरपकड़ ही पर्याप्त नहीं, क्योंकि बात तो तब बनेगी, जब उन्हेंं समय रहते सजा भी दी जा सके। यह ठीक नहीं कि साइबर अपराध में सजा की दर बहुत कम है। एक ऐसे समय जब देश में डिजिटल लेन-देन और मोबाइल बैंकिंग का चलन बढ़ता जा रहा है, तब साइबर धोखाधड़ी करने वालों का बेलगाम होते जाना गंभीर चिंता का विषय बनना चाहिए। साइबर धोखाधड़ी करना इसलिए आसान बना हुआ है, क्योंकि फर्जी या किसी दूसरे के नाम से मोबाइल फोन और सिम खरीदना अभी भी आसान बना हुआ है। यह कितना आसान है, इसका पता उस चीनी नागरिक की गिरफ्तारी से चलता है, जिसने हजारों सिम खरीदकर चीन भेज दिए थे। आखिर यह कैसे संभव हुआ? नि:संदेह भारत सूचना-तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है, लेकिन विडंबना यह है कि साइबर अपराध के आगे यह ताकत प्रभावी नहीं दिखती। वास्तव में इसी कारण अपने देश में साइबर धोखाधड़ी एक धंधा सा बन गया है।

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