याद रखें-कोरोना वायरस को हराने के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर उपाय

कोरोना की दूसरी लहर जा चुकी है। बाजार खुलने लगे हैं लेकिन फिर भीड़ बेपरवाह हो रही है। यद्यपि सरकार समझा रही है कि मास्क और शारीरिक दूरी हमारे सुरक्षा कवच हैं लेकिन बहुतायत लोग न तो शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और मास्क पहन रहे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:16 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:18 AM (IST)
याद रखें-कोरोना वायरस को हराने के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर उपाय
21 जून को लोगों को टीके लगाए गए उसी तरह इस विशेष अभियान में भी टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा।

संजय मिश्र। कोरोना के खिलाफ जंग में मध्य प्रदेश ने एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण का रिकार्ड बनाकर स्पष्ट कर दिया है कि वह तीसरी लहर को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीकाकरण में जन भागीदारी का शानदार माडल तैयार कर देश के सामने अनूठा उदाहरण पेश किया है। यही कारण है कि टीकाकरण महाअभियान के पहले दिन 16 लाख से ज्यादा लोगों ने टीके लगवाकर स्पष्ट कर दिया कि मध्य प्रदेश कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए हर स्तर पर तैयार है।

'देश के विभिन्न भागों से अब तक यही सूचनाएं आती रही हैं कि टीकाकरण को लेकर आमजन में उत्साह की कमी है। यह भी कहा जाता रहा है कि बड़ी संख्या में लोग गलतफहमी के कारण टीका नहीं लगवाना चाहते। मध्य प्रदेश ने इस भ्रांतियों को अपनी अनूठी जनभागीदारी से निर्मूल साबित किया है। सामाजिक, धाíमक एवं स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लेकर प्रशासन एवं सरकार ने बता दिया कि यदि ठीक ढंग से तैयारी की जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। यह कम दिलचस्प नहीं है कि राज्य के कई गांवों में अस्सी फीसद से अधिक तक टीकाकरण हो चुका है। सरकार ऐसे गांवों में अब सौ फीसद टीकाकरण कराकर नया आदर्श प्रस्तुत करना चाहती है। इसके लिए खाका तैयार कर लिया गया है।

21 जून को टीकाकरण महाभियान में मिली कामयाबी ने सरकार को अपनी रणनीति पर आगे बढ़ने का हौसला दिया है। सरकार आमजन तक यह संदेश पहुंचाने में कामयाब दिख रही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को हराने और सभी को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर उपाय है। सभी को टीका लगे, इसके लिए सरकार के साथ समाज की भागीदारी होनी चाहिए। जाति और मजहब के भेद से अलग मनुष्यता के लिए सबको आगे आने होगा। सरकार का यह संदेश काफी पसंद किया जा रहा है। यही कारण है कि अनेक संगठन टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने में खुलकर मदद दे रहे हैं।

हालांकि राज्य का विपक्षी दल कांग्रेस महाअभियान के पहले दिन की उल्लेखनीय सफलता में भी सियासत खोज रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने जनता से टीकाकरण में आगे आने और सहयोग करने की अपील करके अपना राजधर्म जरूर निभाया था, लेकिन अगले ही दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश महाअभियान की सफलता पर चुटकी लेने से पीछे नहीं रहे। प्रदेश में 22 जून को नो वैक्सीनेशन डे था। इसके बावजूद पांच हजार से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए। इस पर जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि पहले दिन 16 लाख और अगले ही दिन महज पांच हजार को टीका लगा। उनके ट्वीट को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रीट्वीट करके पूरे महाअभियान को पागलपन करार दे दिया। इससे स्पष्ट है कि समूची कांग्रेस में अच्छाई में भी खामियां गिनाने का रिवाज रच बस गया है। हालांकि उसके इस रवैये से जनता भी पूरी तरह वाकिफ हो चुकी है और इस तरह के कसीदों पर ध्यान दिए बगैर टीकाकरण के शत प्रतिशत लक्ष्य को पाने के लिए संकल्पबद्ध नजर आ रही है।

कोरोना काल की परिस्थितियों की समीक्षा करें तो पाएंगे कि पिछले वर्ष कोरोना वायरस के बारे में पर्याप्त जानकारी न होने के बावजूद उसका मुकाबला करने में लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। स्व अनुशासन एवं सरकार की पाबंदियों के अनुपालन के कारण कोरोना का प्रसार रोकने में कामयाबी मिली। लोग शारीरिक दूरी बनाने एवं मास्क पहनने की अनिवार्यता समझने लगे थे। लगने लगा था कि कोरोना अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। 2020 के अंतिम महीनों में कोरोना की पहली लहर कमजोर पड़ी तो पुराने दिनों के लौटने की उम्मीद जागने लगी थी। इसी उम्मीद में लोग इस तरह लापरवाह हो गए कि जाता हुआ कोरोना लौट आया और वह भी पहले से ज्यादा ताकतवर बनकर। इस तरह राज्य में मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हो गई। उसके कहर ने आम और खास किसी को नहीं बख्शा। अप्रैल आते-आते इसने प्रदेश में कोहराम मचा दिया। मार्च से 24 मई तक 5,02,572 लोग संक्रमित हो गए। मौत के आंकड़ों ने पहली लहर का रिकार्ड तोड़ दिया। सरकारी रिकार्ड में मौतों की संख्या अब भी अपडेट की जा रही है। 1,707 संक्रमित मरीज अस्पतालों में अभी भी भर्ती हैं और उनका इलाज किया जा रहा है।

अब एक बार फिर अपनी गलतियों से सबक लेने का समय है। कोरोना की दूसरी लहर जा चुकी है। बाजार खुलने लगे हैं, लेकिन फिर भीड़ बेपरवाह हो रही है। यद्यपि सरकार समझा रही है कि मास्क और शारीरिक दूरी हमारे सुरक्षा कवच हैं, लेकिन बहुतायत लोग न तो शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और मास्क पहन रहे। जाहिर है लोग खतरे को दावत दे रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार के साथ कदमताल किया जाए और टीकाकरण से सबको जोड़कर सुरक्षा चक्र मजबूत किया जाए। यह सुखद है कि सरकार ने अक्टूबर तक 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य पूरा करने का संकल्प दोहराया है। जून के शेष दिनों में तो टीके लगेंगे ही एक जुलाई से विशेष महाभियान शुरू किया जाएगा। जिस तरह 21 जून को लोगों को टीके लगाए गए उसी तरह इस विशेष अभियान में भी टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा।

[स्थानीय संपादक, नवदुनिया, भोपाल]

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