हास्य-व्यंग्य: सर्वर डाउन होने के नुकसान, प्रत्येक वर्ग के लोगों पर पड़ा प्रभाव

हास्य-व्यंग्य पता नहीं आपको पता है या नहीं। कुछ दिन पहले फेसबुक इंस्ट्राग्राम और वाट्सएप का सर्वर डाउन होने से ये सब प्लेटफार्म दिव्यांग हो गए थे। आभासी दुनिया का आभास दुनिया के किसी कोने से नहीं हो पा रहा था।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 12:56 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 12:56 PM (IST)
हास्य-व्यंग्य: सर्वर डाउन होने के नुकसान, प्रत्येक वर्ग के लोगों पर पड़ा प्रभाव
हास्य-व्यंग्य: सर्वर डाउन होने के नुकसान, प्रत्येक वर्ग के लोगों पर पड़ा प्रभाव

कमल किशोर सक्सेना। पता नहीं, आपको पता है या नहीं। कुछ दिन पहले फेसबुक, इंस्ट्राग्राम और वाट्सएप का सर्वर डाउन होने से ये सब प्लेटफार्म दिव्यांग हो गए थे। आभासी दुनिया का आभास दुनिया के किसी कोने से नहीं हो पा रहा था। कुछ घंटे की इस खराबी ने पूरी दुनिया में इतने बड़े-बड़े गुल खिला दिए कि उन्हें ढकने में मार्क जुकरबर्ग की चादर भी छोटी पड़ गई। पूरी दुनिया की बात करेंगे तो सर्वर को फिर खतरा हो सकता है, इसलिए बात सिर्फ अपने देश की। जुकरबर्ग के दूर के रिश्तेदार भी जानते हैं कि अपने देश यानी भारत में 115 करोड़ से भी ज्यादा लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इनमें अंगूठा टेक भी शामिल हैं, जो चैटिंग तो नहीं कर सकते, किंतु रांग नंबर पूरे आत्मविश्वास से मिलाकर बात कर लेते हैं।

लिहाजा उस रात जब सर्वर भरभरा कर बैठ गया तो उसके इतने भयानक नतीजे सामने आए कि सातवें आसमान से सात प्रकाशवर्ष दूर स्थित ग्रह भी अनिष्ट की आशंका से कांप उठे। अपने देश की कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार रहीं। कृषि कानून विरोधी आंदोलन में किसानों को ढूंढ़ने जा रहे किसान नेता रास्ता भटक गए। ऐन वक्त पर गूगल मैप ने धोखा दे दिया और वे बेचारे लखीमपुर खीरी के बजाय तराई के जंगलों में पहुंच गए। जंगली जानवरों को देखकर उन्हें कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने वाले पोस्टर-बैनर दिखाने लगे। जानवरों ने भाव नहीं दिया तो उनकी हाय-हाय करने लगे। इस सबका जंगली जानवरों पर भी खासा असर पड़ा। वे शहरों में बसने की योजना बनाने लगे। बिना ये विचार किए कि शहर अब मनुष्यों को ही पूरे नहीं पड़ रहे हैं।

सर्वर खराब होने का पंजाब की राजनीति पर दोहरा असर हुआ। वहां कई नेताओं का सर्वर पहले से ही डाउन चल रहा था। अत: सीपीयू जलते-जलते बचा। इस्तीफे को प्राप्त एक नेता/क्रिकेटर तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह क्या हैं, क्यों हैं और कब तक ऐसे ही रहेंगे? वह इधर से उधर लुढ़क रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे किधर जाएं। लखीमपुर खीरी जाने वाले और कई नेताओं को भी यह समझ नहीं आया कि राजस्थान कहां है और वहां कैसे जाया जा सकता है?

अंतरराष्ट्रीय सर्वर खराब होने के कुछ और देसी परिणाम इस प्रकार रहे। घर से भागने की योजना बना रहे कुछ प्रेमी युगल गलत पार्टनर के साथ भाग गए, क्योंकि वाट्सएप काम नहीं कर रहा था। घर के अलग-अलग कमरों में चैन से लेटे पति-पत्नी में द्विसदस्यीय महाभारत छिड़ गया, क्योंकि पत्नी ने वाट्सएप पर पति से पानी लाने को कहा और ऐन वक्त पर सर्वर ने धोखा दे दिया। बालीवुड की एक अभिनेत्री ने फ्रांस से खरीदी तीन लाख रुपये की सैंडल वापस कर दी, क्योंकि इंस्टाग्राम खराब होने के कारण वह उसकी फोटो नहीं डाल सकी।

फेसबुक निष्क्रिय होने का सर्वाधिक असर पोस्ट लिखने वालों पर हुआ। हर घंटे एकता की अलख जगाने वाले हमारे एक मित्र की अंगुलियों ने ही विद्रोह कर दिया। कुछ ही देर कोई संदेश टाइप न कर पाने के फलस्वरूप बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली आंख में घुस जाने की मुद्रा में मित्र के ही चेहरे पर तन गई। अंगूठे ने उन्हें ही लाइक करने से इन्कार कर दिया। मित्र के एक शत्रु, जिन्होंने अफवाह उड़ाने का पत्रचार कोर्स पाकिस्तान से किया है, उनका पेट खराब हो गया। फेसबुक पर अफवाह चस्पा न कर पाने की वजह से एक अन्य की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें आइसीयू में भर्ती कराना पड़ गया।

इस दौरान उन्हें फर्जी खबरें सुनाने के लिए बाहर से लोगों को बुलाना पड़ा। सुधार नहीं हुआ तो पता लगा कि ये उन्हीं की गढ़ी फर्जी खबरें सुना रहे थे। बाद में फर्जी खबरों के विशेषज्ञों को बुलाया गया। यह तो भला हो जुकरबर्ग का, जिन्होंने इस खराबी को कुछ घंटे में ठीक करके दुनिया को बड़े खतरे से बचा लिया। वरना हमारे यहां के जले ट्रांसफार्मर की तरह सर्वर बनने में महीनों लगते तो अनर्थ हो जाता। शायद मुर्गियां अंडे देना भूल जातीं। गाय-भैंस रिश्वत लेकर भी दूध न देतीं। और भी न जाने क्या-क्या हो जाता।

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