Coronavirus के खिलाफ टीकाकरण की प्रक्रिया तेज करने से ही होगा इस महामारी से समग्र बचाव

Coronavirus Vaccine टीके की दोनों डोज लगने के बाद कम से कम छह माह तक शरीर में एंटीबॉडी मौजूद रहेंगी और अगर इतने समय तक लोगों को कोरोना से सुरक्षा मिल गई तो कोरोना की चेन को आसानी से तोड़ा जा सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:52 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:52 AM (IST)
Coronavirus के खिलाफ टीकाकरण की प्रक्रिया तेज करने से ही होगा इस महामारी से समग्र बचाव
वैक्सीन से किस व्यक्ति में कितने दिन के लिए एंटीबॉडीज बनेंगी।

योगेश कुमार गोयल। Coronavirus Vaccine भारत बहुत बड़ी आबादी वाला देश है और ऐसे में समझना मुश्किल नहीं है कि इतनी बड़ी आबादी के टीकाकरण का काम इतना सरल नहीं है। इसके लिए टीकाकरण अभियान की खामियों को दूर करते हुए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। लोगों के मन में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर जो भ्रम व्याप्त हैं, उन्हें दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने की दरकार है।

कुछ दिनों पहले एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन को लेकर गलत और आधारहीन सूचनाओं की बाढ़ ने लोगों के मन में टीके को लेकर अनिच्छा पैदा की है और इसका समाधान यही है कि लोगों के मन में उत्पन्न संदेह और भ्रम को दूर करने के लिए सरकार द्वारा समुचित कदम उठाए जाएं। कोरोना टीकों को लेकर सबसे बड़ा भ्रम लोगों के मन में इनके साइड इफैक्ट को लेकर है, लेकिन कई प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टीका लगने के आधे दिन तक टीके वाली जगह पर दर्द और हल्का बुखार रह सकता है, जो इस बात की निशानी है कि टीका काम कर रहा है। जब शरीर में दवा जाती है तो हमारा प्रतिरोधी तंत्र इसे अपनाने लगता है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोरोना के दोनों टीकों को पूर्ण सुरक्षित बताते हुए कहा था कि टीकाकरण के आरंभिक तीन दिनों में लोगों में वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव के केवल 0.18 प्रतिशत मामले सामने आए थे, जिनमें केवल 0.002 फीसद ही गंभीर किस्म के थे। अब स्वास्थ्य मंत्रलय का भी कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद केवल 0.005 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी।

कोरोना वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों के मन में जो शंकाएं हैं, उनका समाधान करने का प्रयास करते हुए कुछ विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल स्पष्ट रूप से यह तो नहीं कहा जा सकता कि वैक्सीन से किस व्यक्ति में कितने दिन के लिए एंटीबॉडीज बनेंगी।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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