कोरोना की दूसरी लहर थामने के उपाय: वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना रोकने वाला व्यवहार भी अतिआवश्यक

टीकाकरण अभियान का उद्देश्य सामूहिक रोगप्रतिरोधक शक्ति प्राप्त करना है। जब तक हम उस स्तर पर नहीं पहुंच जाते तब तक हम इस लड़ाई में अपने रक्षकों को निराश नहीं होने दे सकते। कोविड-19 के विरुद्ध भारत की लड़ाई में अगले चार से छह सप्ताह बहुत ही महत्वपूर्ण होंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 01:31 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 01:31 AM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर थामने के उपाय: वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना रोकने वाला व्यवहार भी अतिआवश्यक
कोरोना मामलों में तीव्र वृद्धि के साथ टीकाकरण अभियान का तृतीय चरण।

[ अमिताभ कांत ]: भारत में कोरोना संक्रमण में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसकी दर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। हालांकि इसके बावजूद हम मृत्यु दर को नियंत्रित रखने में सक्षम हैं। प्रति दस लाख पर यहां मृत्यु की दर विश्व में सबसे कम है। यहां तक कि भारत में प्रति दस लाख जनसंख्या पर मामलों की दर भी विश्व में सबसे कम है। संक्रमण की पहली लहर के प्रति हमारी सफल प्रतिक्रिया भी हमें विश्वास देती है कि यदि हम एक देश के रूप में साथ मिलकर कार्य करेंगे तो अपने लोगों के स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर कोरोना की इस दूसरी लहर के प्रभाव को रोक सकते हैं। अब नई प्रतिबद्धताओं की तत्काल आवश्यकता है। इसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें दैनिक रूप से की जाने वाली जांचों को बढ़ाकर कम से कम 20 लाख करने और बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति, आइसीयू सुविधाओं तथा गहन उपचार सहित स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना के विस्तार के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी में अथक रूप से कार्य कर रही हैं।

कोरोना मामलों में तीव्र वृद्धि के साथ टीकाकरण अभियान का तृतीय चरण 

कोरोना मामलों में हो रही तीव्र वृद्धि के साथ-साथ हम दो टीकों-कोवैक्सीन और कोविशील्ड के साथ अपने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तृतीय चरण का आरंभ कर चुके हैं। एक अन्य टीके स्पुतनिक के आपात इस्तेमाल को भी मंजूरी दे चुके हैं। इसके अलावा कुछ वैक्सीन (टीके) ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं। जैसे-जेनोवा, बॉयोलॉजिकल ई, जायडस कैडिला द्वारा तैयार किए जा रहे टीकों का अनुमोदन प्रतीक्षित है। भारत का टीकाकरण अभियान मानव इतिहास में अभूतपूर्व है। हमने अगस्त 2021 तक लगभग 35 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना बनाई है। 16 जनवरी को अभियान आरंभ होने के बाद से हमने इसके दायरे में निरंतर वृद्धि की है। इसी क्रम में 10 अप्रैल को भारत सबसे शीघ्र 10 करोड़ खुराक देने वाला देश बन गया।

45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण

विविध भौगोलिक परिस्थितियों में हमारी मजबूत डिलीवरी क्षमता के साथ मिलकर हमारी वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता ने टीकाकरण अभियान को सक्षम बनाया है। इसके तहत प्रतिदिन औसतन 40 लाख खुराक प्रदान की जा रही हैं, जो कि विश्व में सबसे अधिक हैं। हमारी वर्तमान नीति 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण करना है। यह वर्ग कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित है। महामारी के नियंत्रण के संबंध में हमारी कार्यनीति गंभीर बीमारी और मृत्यु की संख्या को सीमित करने पर लक्षित है। ऐसे व्यक्ति जिनके वायरस के कारण गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका अधिक है, यदि उन्हें टीका लग जाता है तो इससे उन्हें अस्पताल में दाखिल कराने की जरूरत कम हो जाएगी। इससे स्वास्थ्य अवसंरचना पर बोझ भी कम होगा।

वैक्सीन विनिर्माण की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में हो रहा कार्य

इस टीकाकरण अभियान के लिए डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों और ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस सहित अन्य राष्ट्रों द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण के अनुरूप ही अधिमान्य समूह निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही हम वैक्सीन विनिर्माण की अपनी क्षमता को बढ़ाने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। वैक्सीन विनिर्माण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें प्रत्येक बैच के लिए उच्च गुणवत्ता आश्वासन और परीक्षणों की आवश्यकता होती है। इसलिए इसके विनिर्माण में वृद्धि करने के लिए समुचित योजना और क्रियान्वयन अपेक्षित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक खुराक सुरक्षित और प्रभावी है। यह एक ही दिन में पूरा कर लिया जाने वाला प्रयास नहीं है। तथापि देश की वैक्सीन विनिर्माण क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए हम अपना टीकाकरण बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना रोकने वाले उपाय अत्यावश्यक हैं

केंद्र सरकार ने वैक्सीन का समुचित स्टॉक और राज्यों को वितरण सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन अपव्यय दर को एक प्रतिशत तक करने का निर्देश भी दिया है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि वैक्सीन तत्काल उपचार नहीं है। इसलिए यह मामलों के बढ़ने की स्थिति में तत्काल परिणाम प्रदान नहीं करती। वैक्सीन के प्रभाव वृहत प्रकृति के होते हैं। इसलिए नागरिकों को यह समझना चाहिए कि प्रभावकारी परिणामों के लिए वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना रोकने वाले उपाय भी अत्यावश्यक हैं, क्योंकि अभी हमारी जनसंख्या के अन्य वर्गों को कवर करने के लिए टीकाकरण अभियान प्रतीक्षित है। हम अन्य माध्यमों जैसे-जांच बढ़ाकर, सख्त तथा प्रभावी ट्र्रैंकग सुनिश्चित कर, संक्रमितों की देखरेख कर और मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने एवं बार-बार हाथ धोने पर ध्यान देकर संक्रमण के मामलों में हो रही मौजूदा बढ़ोतरी को थाम सकते हैं। मास्क एक सामाजिक वैक्सीन है, जो सभी के पास उपलब्ध है। मास्क लगाना कोविड के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी रूप से कार्यसाधक सिद्ध हुआ है।

कोरोना वायरस कैसे व्यवहार करता है

किसी बुराई को परास्त करने के लिए उसके व्यवहार के बारे में जानना महत्वपूर्ण होता है। जब बात कोविड-19 जैसी किसी बड़ी बुराई की हो तो हमें यह जानने की आवश्यकता है कि यह वायरस कैसे व्यवहार करता है और यही इससे प्रभावी रूप से निपटने की कुंजी है। यह जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से संभव है, जिसमें समय-समय पर वायरस की संरचना में परिवर्तन का अध्ययन किया जाता है। इससे हम भिन्न-भिन्न म्युटेशन, उसके प्रभाव तथा महामारी पर नियंत्रण में सक्षम होंगे।

टीकाकरण अभियान का उद्देश्य सामूहिक रोगप्रतिरोधक शक्ति प्राप्त करना है

कुल मिलाकर हमारे टीकाकरण अभियान का उद्देश्य सामूहिक रोगप्रतिरोधक शक्ति प्राप्त करना है। जब तक हम उस स्तर पर नहीं पहुंच जाते, तब तक हम इस लड़ाई में अपने रक्षकों को निराश नहीं होने दे सकते। कोविड-19 के विरुद्ध भारत की लड़ाई में अगले चार से छह सप्ताह बहुत ही महत्वपूर्ण होंगे। ऐसे सभी भारतीय नागरिक, जो टीकाकरण के लिए पात्र हैं, उन्हें यथाशीघ्र टीका लगवाना चाहिए और कोविड से बचाव करने वाले उपायों का पालन करना चाहिए। याद रखें हम सब साथ मिलकर ही इस वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं।

( लेखक नीति आयोग के सीईओ हैं ) 

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