जब संसाधनों का होगा अभाव तो कैसे देंगे ऑनलाइन एग्जाम

लॉकडाउन के चलते कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को अपनाया गया था। पर इस पद्धति में परीक्षा देना विद्यार्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। असल में लॉकडाउन के चलते अलग-अलग राज्य में अलग-अलग माहौल है। कहीं इंटरनेट की स्पीड कम है तो कहीं बिजली कम आती है। बीते कई दिनों से विद्यार्थी इसके विरोध में अभियान चला रहे है। विद्यार्थियों का कहना है कि जनवरी फरवरी और मार्च मध्य तक कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते है जिसके चलते सभी का पढ़ाई पर कम ध्यान होता है। कक्षा भी काफी सीमित आयोजित होती है। जब पढ़ाई का समय शुरू हुआ तब लॉकडाउन हो गया। कुछ एकाध को छोड़ दे तो अधिकांश विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षा का लाभ नहीं उठा पाए है। ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा देना कैसे संभव है। कुल मिलाकर विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा के खिलाफ है और वे डीयू से अपील कर रहे है कि वे ऐसा रास्ते खोजे जिससे उनके भविष्य के लिए संकट न हो।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 May 2020 10:36 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 06:10 AM (IST)
जब संसाधनों का होगा अभाव तो कैसे देंगे ऑनलाइन एग्जाम
जब संसाधनों का होगा अभाव तो कैसे देंगे ऑनलाइन एग्जाम

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली लॉकडाउन के चलते कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को अपनाया गया था। पर इस पद्धति में परीक्षा देना विद्यार्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। असल में लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में अलग-अलग माहौल है। कहीं इंटरनेट की स्पीड कम है, तो कहीं बिजली कम आती है। बीते कई दिनों से विद्यार्थी इसके विरोध में अभियान चला रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि जनवरी, फरवरी और मार्च मध्य तक कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं, जिसके चलते सभी का पढ़ाई पर कम ध्यान होता है। कक्षा भी काफी सीमित आयोजित होती है। जब पढ़ाई का समय शुरू हुआ, तब लॉकडाउन हो गया। कुछ एकाध को छोड़ दें तो अधिकांश विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षा का लाभ नहीं उठा पाए हैं। ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा देना कैसे संभव है। कुल मिलाकर विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा के खिलाफ हैं और वे डीयू से अपील कर रहे हैं कि वे ऐसा रास्ते खोजें जिससे उनके भविष्य के लिए संकट न हो। बॉक्स

मैं जम्मू कश्मीर में रहती हूं। यहां इंटरनेट की स्पीड को लेकर काफी दिक्कत है। बीते दिनों हुए आतंकवादी हमले के कारण इंटरनेट की स्पीड पहले से भी काफी कम हो गई है। हालांकि मेरे पास वाई-फाई की सुविधा है, पर बावजूद इसके प्रोफेसर की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाले पाठ्य सामग्री को डाउनलोड करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। आलम यह है कि एक विषय की पाठ्य सामग्री को डाउनलोड करने में पूरा-पूरा दिन लग जाता है। ऐसे में अगर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित होती है तो मैं उसमें कैसे हिस्सा ले पाऊंगी। इस बाबत मैंने डीयू के कुलपति को ई-मेल किया है। इसके अलावा मेरे पास किताबें भी नहीं है। जिसके कारण बिजनेस मैथ्समैटिक और कॉस्ट अकाउंटिग दो ऐसे विषय हैं, जो मुझे बिल्कुल समझ नहीं आ रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रोफेसर की एकाद बात को छोड़कर अधिकांश बाते समझ नहीं आती हैं। मैं जिस क्षेत्र में हूं, वह फिलहाल रेड जोन है, ऐसे में मैं बाजार से कोई किताब भी नहीं खरीद पा रही हूं।

अपराजिता, बीकॉम ऑनर्स द्वितीय वर्ष, भारती कॉलेज बॉक्स

मैं बिहार के खगड़िया जिले का रहने वाला हूं। यहां इंटरनेट की 2जी स्पीड पकड़ती है। जिससे मैं जूम एप पर आयोजित होने वाली ऑनलाइन कक्षा से तो जुड़ पाता हूं, लेकिन ऑनलाइन उपलब्ध होने वाली पाठ्य सामग्री को डाउनलोड करना काफी मुश्किल होता है। इंटरनेट के अलावा यहां कई बार दो-दो दिनों तक लाइट नहीं होती और मोबाइल चार्ज नहीं होता। उस समय मैं खुद को दुनिया से कटा हुआ महसूस करता हूं। जहां तक ऑनलाइन परीक्षा की बात हैं, ऐसे विद्यार्थी जो ऑनलाइन परीक्षा दे पाने में समर्थ हैं, उनकी परीक्षा ऑनलाइन कराई जाएं। वहीं जिनके साथ इंटरनेट की समस्या है, उनके लिए परीक्षा की व्यवस्था की जाए। आखिर में यह विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है।

बैभव, फिजीकल साइंस विद कैमेस्ट्री, तृतीय वर्ष, डीडीयू कॉलेज बॉक्स

मैं प्रयागराज में रहता हूं। यहां इंटरनेट की स्पीड अन्य जगहों से थोड़ी सही है। प्रोफेसर की ओर से भी पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई है, लेकिन वह लॉकडाउन के समय की है। मैं होली पर घर आया था, ऐसे में पुराने नोट्स व प्रोजेक्टस सब दिल्ली में ही रह गए हैं। आलम यह है कि कई विद्यार्थियों को दोबारा प्रोजेक्टस बनाने पड़ रहे हैं। इसके अलावा 25 अंकों के प्रैक्टिकल शुरू हो गए हैं, जिन्हें करने में चार से पांच घंटे का समय लग रहा है। ऐसे में अगर डीयू ओपन बुक 75 अंकों की परीक्षा आयोजित करता है, तो उसे दो घंटे में पूरा करना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा के मैं खिलाफ हूं।

आदेश, तृतीय वर्ष, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज

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