इंसानों के कारण लुप्त होते जा रहे जीव-जंतु

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की ओर से शुक्रवार रात संत कबीर दास जयंती और विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया जो देर रात तक चला। वेबिनार में शामिल हुए स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता मिथिलेश कुमार सिंह ने ग्रेटा थुनबर्ग का उदाहरण देते हुए कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के बारे में लोगों को समझाया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 07:58 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 07:58 PM (IST)
इंसानों के कारण लुप्त होते जा रहे जीव-जंतु
इंसानों के कारण लुप्त होते जा रहे जीव-जंतु

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की ओर से शुक्रवार रात संत कबीर दास जयंती और विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वेबिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन देर रात तक चला। इस वेबिनार में शामिल हुए स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता मिथिलेश कुमार सिंह ने ग्रेटा थुनबर्ग का उदाहरण देते हुए पर्यावरण के संरक्षण के बारे में लोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि इंसान की क्रियाओं के प्रभाव के कारण आज कई जीव-जंतु लुप्त हो चुके हैं और कई लुप्त होने के कगार पर हैं। उन्होंने जीवों के संरक्षण के लिए लोगों से आवाज उठाने का आग्रह किया, ताकि इनकी रक्षा के लिए लोग जागरूक हो सकें। उन्होंने लोगों से कहा कि वे पर्यावरण के हित के लिए काम करें, जिससे मनुष्य के साथ अन्य जीव-जंतुओं की रक्षा हो सके।

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की ओर से दो सत्रों में वीडियो चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनोद बब्बर ने की। पहले सत्र में साहित्यकार डॉ. करुणा शर्मा ने संत कबीर के काव्य में भारतीय संस्कृति की अभिव्यक्ति के विषय पर प्रकाश डालते हुए उनके दोहों के बारे बताया। उन्होंने कबीर के जीवन के बारे में लोगों को बताया। दूसरे सत्र में लेखक और तकनीकी विशेषज्ञ मिथिलेश कुमार सिंह ने जैव विविधता के संरक्षण के विषय पर अपनी बात रखी। लाइब्रेरी के वरिष्ठ सूचना अधिकारी आरके मीणा समेत कई अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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