निजी अस्पतालों में नहीं होने देंगे कोविड-19 बेड की कालाबाजारी : केजरीवाल

कोरोना महामारी के दौर में भी कुछ प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोविड-19 बेड की कालाबाजारी करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 09:08 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 09:08 PM (IST)
निजी अस्पतालों में नहीं होने देंगे कोविड-19 बेड की कालाबाजारी : केजरीवाल
निजी अस्पतालों में नहीं होने देंगे कोविड-19 बेड की कालाबाजारी : केजरीवाल

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौर में भी कुछ निजी अस्पतालों द्वारा कोविड-19 बेड की कालाबाजारी करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कुछ निजी अस्पताल पहले बेड होने से इन्कार कर रहे हैं फिर मोटी रकम लेकर बेड की कालाबाजारी कर रहे हैं। अब हम दिल्ली में अस्पतालों की इस कालाबाजारी को बंद कराएंगे।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को डिजिटल प्रेसवार्ता में कहा, 'कुछ निजी अस्पताल धमकी दे रहे हैं कि कोरोना मरीजों का इलाज नही करेंगे। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि उनके आका बचा नही पाएंगे। उन्हें इलाज तो करना ही पड़ेगा। यदि नहीं मानते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी।' उन्होंने अस्पतालों से कहा कि कोई कोरोना का संदिग्ध मरीज है तो उसका इलाज करें न कि उसे इधर-उधर भटकाएं।

केजरीवाल ने कहा कि अब कोरोना बेड वाले सभी अस्पतालों के रिसेप्शन पर दिल्ली सरकार का एक प्रतिनिधि 24 घंटे बैठेगा। जो अपडेट करेगा कि अस्पताल में कितने बेड, वेंटिलेटर खाली हैं। अगर कोई मरीज वहां जाएगा, तो वह सुनिश्चित करेगा कि उसे बेड मिले। ..तो पूरा अस्पताल ही कोरोना मरीजों के लिए कर देंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में बेड की कालाबाजारी क्यों होती है, क्योंकि जनता को पता ही नहीं है कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं और कितने भर गए? इसलिए वह अपने हिसाब से कालाबाजारी कर रहे हैं। यह कालाबाजारी सिर्फ दो-चार अस्पताल ही कर रहे हैं। वे बहुत ताकतवर हैं और उनकी दूसरी पार्टी के अंदर पहुंच हैं। बाकी अन्य निजी अस्पताल बहुत अच्छे हैं और उनका स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी योगदान है। उन्होंने कहा कि हमने अस्पतालों में वेंटिलेटर, बेड आदि की उपलब्धता को लेकर पारदर्शी कदम उठाते हुए 'दिल्ली कोरोना' एप लांच किया। सभी अस्पतालों की सूची एप पर डाल दी कि किस अस्पताल में कितने बेड हैं और कितने खाली हैं। इसके बाद बवाल शुरू हो गया। मेरे ऊपर कुछ लोग ऐसे टूट पड़े जैसे मैंने कोई गुनाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने एक टीम बनाई है। टीम निजी अस्पतालों को बुलाकर पूछ रही है कि वे कोरोना के मरीजों का इलाज करने से क्यों मना कर रहे हैं। अब तक 33 अस्पतालों को बुलाया जा चुका है। सभी को बुलाएंगे। उनकी कोई समस्या है तो उसे भी हल कर रहे हैं। अगर फिर भी कोई आनाकानी करेगा तो हम 20 फीसद बेड की जगह पूरा अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए कर देंगे।

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