हम चाहते हैं कि प्रधानाचार्यों में नेतृत्व का गुण विकसित हो : मनीष सिसोदिया

आइआइएम अहमदाबाद के सहयोग से दिल्ली सरकार के स्कूल प्रमुखों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ।

By Edited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 10:19 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 10:30 AM (IST)
हम चाहते हैं कि प्रधानाचार्यों में नेतृत्व का गुण विकसित हो : मनीष सिसोदिया
हम चाहते हैं कि प्रधानाचार्यों में नेतृत्व का गुण विकसित हो : मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) अहमदाबाद के सहयोग से दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रधानाचार्यो के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह में मौजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानाचार्यों से कहा कि आप सब टीम लीडर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लीडरशिप ऑफ एक्सीलेंस इन एजुकेशन प्रोग्राम के तहत हम आप सबको विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिलवाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि प्रधानाचार्यों में नेतृत्व का गुण विकसित हो। सिसोदिया ने कहा कि पहली बार ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रधानाचार्यों के लिए अच्छा अनुभव रहा। यह देखकर काफी अच्छा लगा कि हमारे प्रधानाचार्य सार्थक संचार सीख रहे हैं। अब तक आप शिक्षकों के माध्यम से छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे थे। लेकिन, अब यह आपके अपने अनुभव का भी हिस्सा है। तकनीकी विकास और ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते महत्व के मद्देनजर यह बेहद जरूरी भी है।

700 से अधिक प्रधानाचार्यों को किया प्रशिक्षित

लीडरशिप ऑफ एक्सीलेंस इन एजुकेशन प्रोग्राम हर साल आयोजित होता है। इसके तहत अब तक 700 से अधिक प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष पहली बार यह प्रशिक्षण ऑनलाइन आयोजित हुआ। 20 जुलाई को शुरू किए गए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 50 प्रधानाचार्य शामिल हुए। आइआइएम अहमदाबाद के वरिष्ठ प्राध्यापकों ने इन्हें 20 सत्र में प्रशिक्षण प्रदान किया। शिक्षा के लिए बेहतर संचार जरूरी सभी प्रधानाचार्यो ने प्रशिक्षण को काफी प्रभावी और उपयोगी बताया।

प्रधानाचार्या रितु ने कहा, 'इस प्रशिक्षण से हमें छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ सार्थक संचार का महत्व समझने में मदद मिली है।' सिसोदिया ने इस बात से सहमति जताते हुए कहा कि शिक्षा के लिए बेहतर संचार जरूरी है। एक अन्य प्रधानाचार्य डॉ. राजेश्वरी कापरी ने कहा, 'हम अपने विषय में विशेषज्ञ हैं, लेकिन 2009 में प्रधानाचार्य बनने के बाद हमें प्रबंधन संबंधी कोई प्रशिक्षण नहीं मिला था। इस प्रशिक्षण से हमें अपना काम करने में काफी सुविधा होगी।'

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