अनुमति मिलने की आस में छठ पूजा समितियां, तैयारी को लेकर ऊहापोह

सार्वजनिक स्थलों पर छठ महापर्व मनाने को लेकर छठ पूजा समितियां ऊहापोह की स्थिति में हैं। अभी तक अनुमति नहीं मिलने के कारण न तो तैयारी शुरू हो पाई हैं और न ही लोग इस बात का निर्णय ले पा रहे हैं कि कहां पर छठ महापर्व मनाएं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:04 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:04 PM (IST)
अनुमति मिलने की आस में छठ पूजा समितियां, तैयारी को लेकर ऊहापोह
अनुमति मिलने की आस में छठ पूजा समितियां, तैयारी को लेकर ऊहापोह

-दुर्गा पूजा और रामलीला के सार्वजनिक आयोजन की तरह ही इजाजत मांग रहे आयोजक, कोविड गाइडलाइन के पालन का दे रहे आश्वासन जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : सार्वजनिक स्थलों पर छठ महापर्व मनाने को लेकर छठ पूजा समितियां ऊहापोह की स्थिति में हैं। अभी तक अनुमति नहीं मिलने के कारण न तो तैयारी शुरू हो पाई हैं और न ही लोग इस बात का निर्णय ले पा रहे हैं कि कहां पर छठ महापर्व मनाएं। अधिकांश लोगों का मत है कि जिस तरह से दुर्गा पूजा व रामलीला मनाने की इजाजत दी गई, उसी प्रकार छठ महापर्व भी सार्वजनिक स्थलों पर मनाने की अनुमति दी जाए। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। दस दिन लगते हैं तैयारी में छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि पूजा की तैयारी में कम से कम दस दिन का समय लगता है। ऐसे में अभी तक अनुमति मिल जानी चाहिए। छठ घाट पर साफ-सफाई के अलावा बिजली, पानी व सुंदरीकरण के कार्य में काफी समय लगता है। समय से अनुमति नहीं मिली तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कई जगह पार्कों में छठ घाट बने हुए हैं। वहां पर छठ महापर्व मनाने के बाद घाट को पूरी तरह से मिट्टी से भर दिया जाता है और अगले वर्ष दोबारा मिट्टी हटाकर उसमें छठ पर्व मनाया जाता है। साथ ही कई घाटों में थोड़ा बहुत मरम्मत कार्य भी होता है। अभी स्थिति साफ नहीं हुई तो इन सब कार्यों को कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। कई जगह बनते हैं अस्थायी छठ घाट अनियोजित कालोनियों में कई जगहों पर अस्थायी घाट बनाकर छठ महापर्व मनाया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिरी समय में अनुमति मिली तो अस्थायी छठ घाट नहीं बना पाएंगे। ऐसे में घर पर ही छठ महापर्व मनाना पड़ेगा। काफी संख्या में रहते हैं पूर्वांचल के लोग पश्चिमी दिल्ली इलाके में लाखों की संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं। यहां पर विकासपुरी, जनकपुरी, डाबड़ी, उत्तम नगर, द्वारका, नजफगढ़, पालम, राजनगर, कापसहेड़ा, बिजवासन, कुतुब विहार इलाके में सैकड़ों की संख्या में घाट बने हुए हैं। इन घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु छठ महापर्व मनाने आते हैं। कोरोना की वजह से पिछले वर्ष लोगों ने घर पर ही छठ महापर्व मनाया था। इस बार कोरोना संक्रमण में कमी होने के कारण लोग मांग कर रहे हैं कि सार्वजनिक रूप से छठ महापर्व मनाने की अनुमति दी जाए। वाणी विहार छठ पूजा समिति से जुड़े हरेंद्र सिंह ने बताया कि लाखों लोगों की आस्था इस पूजा से जुड़ी हुई है। नियम व शर्तों के साथ हमें सार्वजनिक स्थलों पर पूजा की अनुमति दी जाए।

सार्वजनिक स्थलों पर छठ महापर्व मनाने की अनुमति की मांग करते हुए मैंने केंद्रीय गृह मंत्री, उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी है। अब जल्द से जल्द इसको लेकर दिशानिर्देश जारी होने चाहिए।

महाबल मिश्रा, पूर्व सांसद

कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए जिस तरह दुर्गा पूजा, रामलीला सहित अन्य त्योहार मनाने की अनुमति दी गई, उसी तरह छठ महापर्व मनाने की अनुमति समय से दी जानी चाहिए, जिससे तैयारी शुरू की जा सके।

अरुण पंजियार, अध्यक्ष, सूर्य देव छठ पूजा समिति मुझे पूरा विश्वास है कि सार्वजनिक स्थलों पर छठ महापर्व मनाने की अनुमति दी जाएगी। हमने अपने स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी है। घाटों की साफ-सफाई के अलावा अन्य कार्य किए जा रहे हैं।

प्रियंका वर्मा, नंगली सकरावती छठ महापर्व को लेकर किसी भी पार्टी को राजनीतिक रोटी नहीं सेकनी चाहिए। यह पूर्वांचलियों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसकी तैयारी में कई दिन लग जाते हैं। ऐसे में जल्द से जल्द स्थिति साफ होनी चाहिए।

विकास झा, सदस्य, सूर्य अराधना छठ पूजा समिति, श्याम विहार

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