वैक्सीन के प्रभावों को परखेगा नया शोध
राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टर कोरोना की वैक्सीन के प्रभावों को और विस्तार से समझने के लिए नया शोध करेंगे। इसके तहत टीका लगाने वाले करीब दो सौ लोगों को चुना जाएगा। छह चरणों में इनकी एंटीबाडी जांच की जाएगी। ताकि यह पता चल सके कि पहले और दूसरे डोज के बाद कितना प्रभाव पड़ा। इसके अन्य प्रभाव और क्या-क्या हैं।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टर कोरोना की वैक्सीन के प्रभावों को और विस्तार से समझने के लिए नया शोध करेंगे। इसके तहत टीका लगाने वाले करीब दो सौ लोगों को चुना जाएगा। छह चरणों में इनकी एंटीबाडी जांच की जाएगी। ताकि यह पता चल सके कि पहले और दूसरे डोज के बाद कितना प्रभाव पड़ा। इसके अन्य प्रभाव और क्या-क्या हैं।
इसके लिए राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के साथ दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में टीका लगाने वाले दो सौ लोगों का चयन होगा। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह शोध हम लोग अपने स्तर पर कर रहे हैं। इससे वैक्सीन की और क्षमताओं को जानने का मौका मिलेगा। उम्मीद है कि जबतक टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होगा तब तक यह कुछ शोध कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इससे लोगों की हिचकिचाहट दूर होगी। अस्पताल के कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी डॉ. अजीत जैन ने बताया कि अभी अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। इसमें हम लोग टीके से पहले शरीर में एंटीबाडी की उपलब्धता को देखेंगे। फिर टीकाकरण के बाद कितना प्रभाव पड़ा, इसकी भी जांच होगी। इसके साथ कुछ अन्य जांच भी कराए जा सकते हैं, ताकि वैक्सीन से शरीर के अन्य अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखा जा सके। सूत्रों के मुताबिक अभी अस्पताल को पांच चरण में एंटीबाडी की जांच करने की इजाजत मिली है। लेकिन शोधकर्ता छह चरणों के लिए अनुमति मांग रहे हैं। अनुमति मिलने के बाद अगले हफ्ते से जांच शुरू कर दी जाएगी। छह चरणों में होगी जांच
टीके से पहले
टीका लगने के 14 दिन बाद
दूसरे टीके से पहले
दूसरे टीके के 14 दिन बाद
तीन महीने के बाद
छह महीने के बाद