परीक्षा पर रुख स्पष्ट करे यूजीसी-मंत्रालय : हाई कोर्ट

ोरोना महामारी को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को मंगलवार तक अपना-अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 12:29 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 12:29 AM (IST)
परीक्षा पर रुख स्पष्ट करे यूजीसी-मंत्रालय : हाई कोर्ट
परीक्षा पर रुख स्पष्ट करे यूजीसी-मंत्रालय : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

कोरोना महामारी को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को मंगलवार तक अपना-अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। अंतिम वर्ष के कई छात्रों की तरफ से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिमा एम सिंह ने साथ ही एमएचआरडी व यूजीसी को निर्देश दिया कि उनके जिम्मेदार अधिकारी सुनवाई में मौजूद रहें। पीठ ने इसके साथ ही प्रोफेसर आरसी कुहाड़ की अध्यक्षता वाली यूजीसी की समिति को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में अंतिम दिशानिर्देश पर रिपोर्ट पेश करें।

पीठ ने कहा कि यूजीसी की समिति को अपनी रिपोर्ट और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के संचालन के संबंध में विश्वविद्यालयों को जारी किए जा रहे सलाह में देरी नहीं करनी चाहिए। हाई कोर्ट डीयू अंतिम वर्ष के कई छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के संबंध में 14 मई, 30 मई और 27 जून की अधिसूचनाओं को रद करने की मांग की है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि डीयू को पिछले वर्षो के सेमेस्टर के परिणामों के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया जाए।

पीठ ने कहा कि यूजीसी और केंद्र सरकार सहित विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजित करने के प्रभारी प्रशासनिक अधिकारियों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना महामारी के कारण छात्रों को भारी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पीठ ने कहा कि बड़ी संख्या में राज्यों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद कर दी हैं। इनमें महाराष्ट्र, उड़ीसा, हरियाणा, एमपी, पंजाब, शामिल हैं।

इसने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने का विकल्प चुना है जो पहले ही पूरी हो चुकी हैं।

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