निगम का प्रशासनिक अधिकारी और लाइसेंसिग इंस्पेक्टर गिरफ्तार

घरेलू उद्योग के लिए लाइसेंस देने के नाम पर रिश्वतखोरी करने वाले पूर्वी नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन के दो अधिकारियों को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 09:27 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 09:27 PM (IST)
निगम का प्रशासनिक अधिकारी और लाइसेंसिग इंस्पेक्टर गिरफ्तार
निगम का प्रशासनिक अधिकारी और लाइसेंसिग इंस्पेक्टर गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

घरेलू उद्योग के लिए लाइसेंस देने के नाम पर रिश्वतखोरी करने वाले पूर्वी नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन के दो अधिकारियों को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है। सीबीआइ की टीम ने शाहदरा दक्षिणी जोन कार्यालय में छापेमारी में लाइसेंस देने संबंधी कई दस्तावेजों को जब्त भी किया है। सीबीआइ की यह कार्रवाई करीब 12 घंटे चली थी।

सीबीआइ के मुताबिक कैलाश नगर के कारोबारी ने अपने व परिवार के सदस्यों के पांच घरेलू उद्योग को लाइसेंस के लिए फरवरी, 2020 में आवेदन किया था। करीब एक साल बाद 15 जनवरी को शाहदरा दक्षिणी जोन कार्यालय में तैनात जूनियर क्लर्क (लाइसेंसिग इंस्पेक्टर) एके राय ने उनकी फैक्ट्री पर आकर संपर्क साधा। सभी आवेदन दिखाते हुए कहा कि इन्हें लाइसेंस जारी करना है, लेकिन इसके लिए उन्हें एक लाख रुपये देने होंगे। पीड़ित ने हाथ खड़े कर दिए। एके राय ने कहा कि कम से कम 60 हजार तो देने होंगे तभी लाइसेंस बनेगा। उसने बताया कि इसमें ऊपर के अधिकारियों को भी हिस्सा जाता है। 19 जनवरी को पीड़ित ने सीबीआइ कार्यालय में पहुंचकर शिकायत दी। इस पर गवाहों के समक्ष पीड़ित ने एके राय से फोन पर संपर्क किया। बातचीत को सीबीआइ के अधिकारियों ने सुना। इसके बाद सीबीआइ के अधिकारी पीड़ित के साथ उनकी फैक्ट्री पर पहुंचे। यहीं पर एके राय को बुलाया गया। सीबीआइ के अधिकारी आसपास ही मौजूद थे। इस दौरान दोनों की बातचीत हुई और तय हुआ कि 40 हजार की किस्त पहले देने होगी। 20 हजार काम होने के बाद। इसके बाद बुधवार दोपहर करीब 12:00 बजे सूरजमल विहार में पहली किस्त देने के लिए एके राय को बुलाया गया। लेकिन वह निर्माण विहार पहुंच गया। इसके बाद पीड़ित यहां पहुंच गए। सीबीआइ के अधिकारी दूसरी गाड़ी में थे। जैसे ही पीड़ित ने 40 हजार रुपये एके राय को दिए, सीबीआइ ने उन्हें दबोच लिया। इसके बाद एके राय को लेकर शाहदरा दक्षिणी जोन कार्यालय पहुंचे। यहां पर उसे इसमें से अधिकारी को हिस्सा देने के लिए कहा गया। एके राय ने प्रशासनिक अधिकारी राकेश रावत को उसका हिस्सा दिया। सीबीआइ ने उसे भी दबोच लिया। इसके बाद लाइसेंसिग विभाग की फाइलों की जांच शुरू हो गई। आधी रात करीब तीन बजे सीबीआइ की टीम यहां से कई दस्तावेज लेकर निकलीं।

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