द्वारका में एक्सप्रेस-वे फ्लाईओवर से यातायात होगा सुगम
द्वारका के सेक्टर 22 से 23 के बीच द्वारका एक्सप्रेस वे फ्लाईओवर बनने के बाद द्वारका की यातायात की स्थिति में ही सुधार होगा। फ्लाईओवर से वाहनों का शोर आस पास के लोगों को परेशान न करे इसके लिए दोनों तरफ अवरोध खड़ा किया जाता है। यहां भी ध्वनि प्रदूषण को रोकने के उपाय होंगे। जो वाहन द्वारका में भरथल चौक से प्रवेश करते थे जानकारी नहीं होने की वजह से चौक चौराहों पर फंस जाते थे। कहीं कहीं जाम में फंस जाते थे ऐसे बाहर से आनेवाले वाहन सवारों को द्वारका में भटकना नहीं पड़ेगा। चार लेन का फ्लाईओवर के दायरे में सड़क के साथ सर्विस लेन फूटपाथ का उपरी हिस्सा होगा। द्वारका एक्सप्रेस-वे की इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली एनसीआर में आनेजाने वाले वाहन सवारों को राहत देना है और द्वारका को जाम होने से बचाना है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : द्वारका सेक्टर 22 से 23 के बीच द्वारका एक्सप्रेस वे फ्लाईओवर बनने के बाद द्वारका की यातायात की स्थिति में ही सुधार होगा। फ्लाईओवर से वाहनों का शोर आसपास के लोगों को परेशान न करे, इसके लिए दोनों तरफ अवरोध खड़ा किया जाता है। यहां भी ध्वनि प्रदूषण को रोकने के उपाय होंगे। चार लेन का फ्लाईओवर के दायरे में सड़क के साथ सर्विस लेन फुटपाथ का ऊपरी हिस्सा होगा। द्वारका एक्सप्रेस-वे की इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली एनसीआर में आने-जाने वाले वाहन सवारों को राहत देना है और द्वारका को जाम होने से बचाना है। इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने द्वारका एक्सप्रेस वे की यह परियोजना लेकर आई। इसके साथ नजफगढ़ बिजवासन रोड को चौड़ा किया जाएगा। नजफगढ़ और द्वारका आने-जाने वालों का राह आसान होगा। लेकिन द्वारका एक्सप्रेस-वे की इस परियोजना का द्वारका की सोसायटियों में रहने वाले विरोध करने लगे हैं। इसे एनएचएआई उचित नहीं मान रहा है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रही कंपनी जेकुमार के परियोजना अधिकारी (उप-प्रबंधक) ओएस सिरोही ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि द्वारका के लोगों का विरोध सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि उनको लग रहा है कि फ्लाईओवर बनने के बाद उनकी सोसायटी ढक जाएगी। यह कोई विरोध की वजह नही है। बढ़ती आबादी और वाहनों के बढ़ते दवाब की वजह से फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। द्वारका में भीड़ बढ़ेगी नहीं वाहनों की भीड़ कम होगी। जनकपुरी से खेड़की दौला तक की राह आसान हो जाएगी। रही बात पेड़ हटाने की तो इन पेड़ों को हटाने के बाद एक की जगह नए दस पेड़ लगाया जाएगा। यह भी परियोजना का हिस्सा है।