इंटरनेट के अभाव वाले छात्रों की होगी पहचान, नहीं होगा पढ़ाई का नुकसान

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोना के चलते स्कूल बंद होने की वजह से किसी भी बच्चे की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। एक तरफ जहां बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 12:07 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 12:07 AM (IST)
इंटरनेट के अभाव वाले छात्रों की होगी पहचान, नहीं होगा पढ़ाई का नुकसान
इंटरनेट के अभाव वाले छात्रों की होगी पहचान, नहीं होगा पढ़ाई का नुकसान

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोना के चलते स्कूल बंद होने की वजह से किसी भी बच्चे की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। एक तरफ जहां बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। वहीं दूसरी तरफ ऐसे बच्चे जिनके घरों में इंटरनेट या स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं है। उन्हें स्कूल बुलाकर पाठ्यक्रम पूरा कराया जाएगा। वहीं बच्चों को पाठ्य सामग्री भी भेजी जाएगी। इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है और सोमवार से क्रियान्वयन भी होने लगेगा।

स्कूलों को निर्देश दिया गया है, जिन छात्रों के पास स्मार्ट फोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं है। उनकी पहचान कर सूची तैयार की जाए, ताकि उन्हें इस बीच कुछ दिन अलग-अगल ग्रुपों में स्कूल बुलाकर पाठ्यक्रम को पूरा कराया जा सके। यह कक्षाएं 45-45 मिनट के लिए सप्ताह में दो दिन होंगी।

शिक्षा विभाग ने 31 जुलाई तक के लिए सभी स्कूल बंद कर दिए हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए वैकल्पिक योजना तैयार की गई है। इसमें केजी से 12वीं तक की कक्षाओं को तीन समूहों में बांटा गया है। प्रथम समूह में (केजी से कक्षा आठवीं), दूसरे समूह में (कक्षा नौ व दस ) और तीसरे समूह (11 वीं और 12 वीं) के छात्र रखे गए हैं। इन छात्रों को ऑनलाइन पाठ्य सामग्री व हैप्पीनेस क्लास से जुड़ी सामग्री भेजी जाएगी। इसके लिए सभी स्कूलों से बच्चों को व्हाट्स एप समूह से जोड़ने के लिए कहा गया है। ताकि, उन्हें होमवर्क दिया जा सके। इसके बाद बच्चे काम पूरा कर उसी ग्रुप में शिक्षक के पास भेजेंगे। 12वीं की क्लास अगले सप्ताह से जबकि 11वीं के छात्रों की कक्षाएं 10वीं का परिणाम आने के बाद शुरू होंगी।

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