शिव तत्व का सृष्टि में नहीं है कोई अंत : पंडित कौशल पांडेय
शिव तत्व का सृष्टि में कोई अंत नहीं है भगवान शिव की आत्मा तो एक है लेकिन उनके रूप अनेक
शिव तत्व का सृष्टि में कोई अंत नहीं है, भगवान शिव की आत्मा तो एक है, लेकिन उनके रूप अनेक है। जब भी धरती पर पाप बढ़ता है तो उसका अंत करने के लिए भगवान शिव किसी न किसी रूप में जन्म लेकर उसका अंत करते है। शिवलिग भी दो शब्दों से मिलकर बना है शिव संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है शुभकारी, जबकि लिग का अर्थ होता है प्रतीक या चिन्ह। अर्थात शिवलिग कल्याण का प्रतीक है। यजुर्वेद में शिव को शांतिदाता कहा जाता है। भगवान शिव पापों का अंत करने वाले देव हैं। शिव तत्व का सभी पुराणों में वर्णन है। शिव पुराण, वायु पुराण ,लिग पुराण, स्कंद पुराण तथा वामन पुराण में तो विशेष रूप से शिव तत्व का वर्णन है।
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पंडित कौशल पांडेय, पुजारी, शिव शक्ति मंदिर