निगम के सिवाय किसी और को न दें कूड़ा

निगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ानिगम के सिवाय किसी को नहीं दे कूड़ा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 08:36 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 08:36 PM (IST)
निगम के सिवाय किसी और को न दें कूड़ा
निगम के सिवाय किसी और को न दें कूड़ा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने घरेलू कूड़े के निपटान के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत लोगों को अब अपने घर का कूड़ा निगम की अधिकृत एजेंसी के सिवाय किसी और को नहीं देना है। अगर कोई अनौपचारिक रूप से रैग पिकर (कूड़ा एकत्रित करने वाले) कार्य कर रहे हैं तो कंपनी उन्हें जोड़े और फिर उनसे काम करवाए। बिना अधिकृत एजेंसी कूड़ा देना पूरी तरह से मना होगा। निगम ने यह फैसला कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लिया है। निगम का कहना है कि अधिकृत कूड़ा एकत्रित करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों को रोजाना कोरोना स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है, ताकि एजेंसी के कर्मचारियों से किसी और संक्रमण न फैले। ऐसे में कोई अनधिकृत व्यक्ति कूड़ा एकत्रित करता है तो उससे संक्रमण के फैलने की संभावना है। इसलिए दक्षिणी निगम सार्वजनिक सूचना जारी कर रहा है। इसमें स्वच्छ भारत नियमों का हवाला देकर कहा गया है कि घर से निकलने वाले गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग रखने की जिम्मेदारी कूड़ा उत्पादन करने वाले की है। इसके साथ ही उसकी जिम्मेदारी है कि वह इस कूड़े को स्थानीय निकाय को दे। इसलिए सभी नागरिक यह सुनिश्चित करें कि वे केवल निगम की ओर से अधिकृत कंपनी को ही कूड़ा दें और कोई भी अनधिकृत व्यक्ति या कंपनी कूड़ा एकत्रित न करें। अधिकृत कंपनी का कार्य है कि वह कूड़े को लेकर जाए और उसका तय स्थान पर निस्तारण करें। निगम ने कहा है कि अगर कोई अनधिकृत एजेंसी या व्यक्ति कूड़ा एकत्रित करते पाया जाता है कि निगम के डीएमसी एक्ट 1957 के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि दक्षिणी दिल्ली में चार जोन हैं। इसमें तीन कंपनियां अधिकृत रूप से कूड़ा उठाने का कार्य करती हैं। ये कंपनिया ऑटो टिप्पर के माध्यम से रिहायशी क्षेत्रों से कूड़ा एकत्रित करने का कार्य करती हैं।

अनलॉक के पहले चरण में जैसे-जैसे छूट मिल रही है वैसे-वैसे ही मास्क और ग्लव्स का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन निगमों के पास इसके निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। मास्क और ग्लव्स के साथ सैलून में उपयोग होने वाले पीपीई किट का निस्तारण कैसे और कहां करना है, इसके लिए निगमों ने कोई दिशानिर्देश नहीं जारी किए हैं। इस वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। नागरिक इन उपयोग की गई वस्तुओं को सामान्य कूड़े में ही फेंक रहे हैं, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार इस कूड़े का निस्तारण बायोमेडिकल वेस्ट की तरह होना चाहिए। निगम फिलहाल उन्हीं घरों के कूड़े का निस्तारण बायोमेडिकल वेस्ट की तरह कर रहे हैं जो या तो कोरोना संक्रमित हैं या फिर क्वारंटाइन हैं।

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