ऑनलाइन शिक्षा में शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही: सिसोदिया

फोटो- 11 ओकेएल- 6 - उपमुख्यमंत्री ने स्कूलों में सेमी ऑनलाइन शिक्षा का फीडबैक लिया - कहा-

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:19 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 09:19 PM (IST)
ऑनलाइन शिक्षा में शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही: सिसोदिया
ऑनलाइन शिक्षा में शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही: सिसोदिया

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को ग्रेटर कैलाश के चिराग एंक्लेव स्थित कौटिल्य राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में ऑनलाइन एवं सेमी ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम के अनुभवों पर शिक्षकों व अभिभावकों का फीडबैक लिया। सिसोदिया ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा को और बेहतर करने के लिए अब तक वह सात जोन के स्कूलों में जाकर यह फीडबैक ले चुके हैं। अभिभावकों के सुझाव के बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऑनलाइन पीटीएम की भी तैयारी करने को कहा। सिसोदिया ने अभिभावकों से कहा कि यह काफी मुश्किल दौर है। कोरोना संकट में बच्चों का काफी नुकसान हुआ है। हम प्रयास कर रहे हैं कि नुकसान कम से कम हो। कार्यक्रम के दौरान विधायक सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस विद्यालय के 83 फीसद बच्चे हमसे सेमी ऑनलाइन क्लासेज से जुड़ चुके हैं। लेकिन, शेष 17 फीसद बच्चों से अब तक संपर्क नहीं हो सका है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि सरकार ने सिर्फ सुविधा बढ़ाई है, सारी मेहनत तो आपने की है। कोरोना महामारी मानव जाति का सबसे बड़ा संकट है। जब सारी चीजें बंद हैं, तब भी हमें बच्चों को पढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन बन जाएगी, लेकिन शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई किसी वैक्सीन से नहीं हो सकती। अगर पढ़ाई में नुकसान हुआ तो यह किसी बच्चे या परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन का प्रयोग हमें बगैर योजना के अचानक करना पड़ा। बगैर योजना इतना अच्छा प्रयोग बड़ी सफलता है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने इस बार 98 फीसद रिजल्ट लाकर इतिहास रच दिया है। पांच साल पहले जब 84 से बढ़कर 88 फीसद रिजल्ट आया था, तब हमने 90 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था। आज रिजल्ट 98 प्रतिशत पहुंच गया है, लेकिन हमें इससे और आगे बढ़ना है।

कार्यक्रम के दौरान एक अभिभावक ने कहा कि लॉकडाउन के वक्त बच्चे चिड़चिड़े हो गए थे, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा से उन्हें अच्छा अवसर मिला है। शिक्षकों ने कहा कि अब तक हम सिर्फ बच्चों से जुड़ते थे, लेकिन अब अभिभावकों से भी जुड़ने का अवसर मिल रहा है।

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