जीवन को मूल्य प्रदान करती हैं पुस्तकें

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : समय के साथ किताबें हमारे जीवन में अपनी अहमियत खोती होती जा रही

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Aug 2018 10:50 PM (IST) Updated:Fri, 24 Aug 2018 10:50 PM (IST)
जीवन को मूल्य प्रदान करती हैं पुस्तकें
जीवन को मूल्य प्रदान करती हैं पुस्तकें

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : समय के साथ किताबें हमारे जीवन में अपनी अहमियत खोती होती जा रही है। जीवन में आई व्यस्तता के कारण हम किताबों को समय नहीं दे पाते हैं। किताबें हमारे लिए फिजूलखर्ची बन गई हैं। शुक्रवार को शिवाजी कॉलेज में आयोजित टेडएक्स कार्यक्रम के दौरान 'ऑन द दिल्ली मेट्रो' की संस्थापक श्रुति शर्मा ने बताया कि उनका मकसद है कि वे लोगों में पढ़ने की आदत को दोबारा पैदा करें। अपनी एक कहानी को साझा करते हुए श्रुति ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली पूरी तनख्वाह किताबें खरीदने में खर्च की थी। किताबें जीवन को मूल्य प्रदान करती हैं। किताबें जीवन को दिशानिर्देश देने का काम करती हैं।

वहीं मयना महिना फाउंडेशन की संस्थापक सुहानी जलोटा ने बताया कि अब देश को आजाद हुए कितने साल हो गए हैं, लेकिन आज भी महिलाएं सफाई व स्वास्थ्य को लेकर बिल्कुल सतर्क नहीं हैं। इस कारण हर साल हजारों महिलाओं की मौत हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण है हमारी पिछड़ी सोच। महिलाओं के जीवन को सुधारने के लिए कई संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन जब तक सोच में बदलाव नहीं लाएंगे तब तक सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसमें धैर्य और समय दोनों की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान अमरूत भट्ट ने अपने प्रदर्शन से माहौल में चार-चांद लगा दिया। उन्होंने ड्रम की धुन पर कार्यक्रम में मौजूद सभी युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

आइआइटी, दिल्ली से आए डॉ. निलादरी चटर्जी ने कहा कि आधुनिक युग में हमारी धरोहर ही हमारी ज्ञान है। समय के साथ हम भले ही आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन हमारे पूर्वजों की लिखी किताबें हमारे लिए ज्ञान का सागर है।

¨हदी लेखक दिव्या प्रकाश दुबे, मॉडल रूद्धानी अड्डा की संस्थापक अनामिका ¨सह ने भी अपने विचारों को सभी के समक्ष रखा। इस अवसर पर कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. शशि निझावन ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में सोच की नई लहर को पैदा करना है, ताकि वे समाज को सही दिशा में ले जा सकें। टेडएक्स एक ऐसा मंच है जहां ऐसे लोग जो आज किसी मुकाम पर हैं वे अपने विचारों और अनुभव को साझा कर दूसरों को प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में आए सभी स्पीकर को उनके स्केच बतौर भेंट दिए गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों से आए छात्रों ने भाग लिया था।

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