सेवा भारती की मदद से आसान हुआ श्रमिक ट्रेन के यात्रियों का सफर

श्रमिक को लेकर चल रही ट्रेनें जहां पटरियां भटक जा रही है। ट्रेनों में सवार श्रमिकों के खाना-पानी समेत अन्य मुश्किलों की खबरें आ रही हैं। उस बीच एक ऐसा मामला भी सामने आया है जब श्रमिक ट्रेन के सभी यात्रियों के खाने-पीने और जरूरतों का इंतजाम सेवा भारती ने अपने जिम्मे ले लिया। सफर में स्वयंसेवकों द्वारा न सिर्फ यात्रियों को खाना-पानी उपलब्ध कराया गया बल्कि ट्रेन में सफर कर रहे बच्चों के लिए दूध और डाइपर तक का इंतजाम किया गया। बीमार लोगों को दवाएं भी दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 08:48 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 08:48 PM (IST)
सेवा भारती की मदद से आसान हुआ श्रमिक ट्रेन के यात्रियों का सफर
सेवा भारती की मदद से आसान हुआ श्रमिक ट्रेन के यात्रियों का सफर

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

कामगारों को लेकर चल रहीं ट्रेनें जहां पटरियां भटक जा रही है। ट्रेनों में सवार श्रमिकों के खाना-पानी समेत अन्य मुश्किलों की खबरें आ रही हैं। उस बीच एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जब श्रमिक ट्रेन के सभी यात्रियों के खाने-पीने और जरूरतों का इंतजाम सेवा भारती ने किया। सफर में स्वयंसेवकों द्वारा न सिर्फ यात्रियों को खाना-पानी उपलब्ध कराया गया, बल्कि ट्रेन में सफर कर रहे बच्चों के लिए दूध और डाइपर तक का इंतजाम किया गया। बीमार लोगों को दवाइयां भी दी गई।

इस ट्रेन का सफर गुरुग्राम से 22 मई को शुरू हुआ था। 1435 यात्रियों को लेकर इसे नागालैंड के दीमापुर तक जाना था। 23 मई की रात नागालैंड के सेवा भारती के स्वयंसेवकों को संदेश मिला कि गुरुग्राम से निकली इस ट्रेन में खाना-पानी की दिक्कत है। नागालैंड के सेवा भारती के प्रमुख डॉ. शंकर देव राय ने राष्ट्रीय सेवा भारती टीम से ट्रेन में तकरीबन 40 युवाओं की सहायता का आग्रह किया। लेकिन, दिल्ली में स्वयंसेवकों को पता चला कि इस ट्रेन के सभी यात्रियों के सामने भोजन का संकट है।

सेवा भारती के राष्ट्रीय महामंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि ट्रेन में यात्रियों को सहायता पहुंचाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बड़ी दिक्कत यह कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बाहर से खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की जा सकती है। ऐसे में रेलवे मंत्रालय से विशेष हस्तक्षेप का आग्रह किया गया। तब भी कई स्टेशनों पर अवरोध का सामना करना पड़ा। ऊपर से ट्रेन कई घंटे की देरी से चल रही थी। इसलिए राहत पहुंचाने की व्यवस्था जल्दी में करनी थी। तब तक यह ट्रेन बिहार पहुंच गई थी। ऐसे में बिहार व पश्चिम बंगाल के स्वयंसेवकों से संपर्क साधा गया।

इस तरह रास्ते में पड़ने वाले स्टेशन कटिहार में और फिर न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर सभी यात्रियों के लिए खाने-पीने व अन्य जरूरी चीजों का इंतजाम किया गया। पाटलिपुत्र व दानापुर में भी नाश्ते का इंतजाम करने की कोशिश थी, पर वह सभी यात्रियों तक नहीं पहुंच सकी।

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