उपद्रव के लिए किसान नेताओं को देना होगा जवाब

धनंजय मिश्रा बाहरी दिल्ली गत वर्ष 26 जनवरी के बाद ही उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिसा का

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 09:34 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 09:34 PM (IST)
उपद्रव के लिए किसान नेताओं को देना होगा जवाब
उपद्रव के लिए किसान नेताओं को देना होगा जवाब

धनंजय मिश्रा, बाहरी दिल्ली

गत वर्ष 26 जनवरी के बाद ही उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिसा का दौर शुरू हुआ था। इस वर्ष भी यही हालात बनते नजर आ रहे हैं। लेकिन यह हिसा किसानों की हित की बात कहकर फैलाई जा रही है। सिघु बार्डर पर नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर किया जा रहा धरना प्रदर्शन मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के नाम पर हिसक हो गया। हजारों की संख्या में उपद्रवियों ने ट्रैक्टरों को पुलिस सुरक्षा को धता साबित कर लाल किले तक ले गए। इस दौरान कई रास्तों को पुलिस को बंद करना पड़ा। इससे कई लोग रास्ते में ही फंस गए।

वहीं हिसा की बात सुनकर लोग घरों से निकलने से भी कतरा रहे थे। लोगों का कहना है कि किसानों को कम से कम गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर शांति का परिचय देना चाहिए था। एक तरफ देश के जवान परेड निकाल रहे थे, तो दूसरी तरफ उपद्रवियों की ओर से ट्रैक्टर परेड के नाम पर हिसा फैलाई जा रही थी।

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उपद्रवियों की ओर से जो किया गया है, वह कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। अब कोई संदेह नहीं रहा कि आंदोलन में असामाजिक तत्व शामिल हो चुके हैं। किसान नेताओं को उन्हें रोकना चाहिए था।

-राजेश कौशिक

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मंगलवार को हुई घटना देश को शर्मसार करने वाली है। किसान नेताओं की विफलता के कारण ऐसा हुआ है। किसान नेताओं को अब सामने आकर इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। दिल्ली पुलिस ने संयम और धैर्य का परिचय देकर सराहनीय कार्य किया है।

-अमित राणा

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