Delhi Air Pollution: जुर्माने से बचने के लिए किसान चल रहे चाल
लोग जुर्माने से बचने के लिए पराली जलाते ही उस पर ट्रैक्टर से जुताई कर देते हैं। इस वजह से पता ही नहीं लग पाता कि उस खेत में पराली जलाई गई है या केवल जुताई की गई है लेकिन इससे पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली में पराली जलाने पर प्रतिबंध है। अगर कोई भी व्यक्ति पराली जलाता पाया जाता है या उसके खेत में पराली जलती पाई जाती है तो जिस भी व्यक्ति के नाम पर खेत है उस पर जुर्माना तो लगाया ही जा रहा है, साथ में केस भी दर्ज किया जा रहा है। कराला व चांदपुर गांव के कुछ लोगों पर पराली जलाने पर जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा केस भी दर्ज किया गया है। इस जुर्माने से बचने के लिए कुछ किसान अलग ही तरीके की चाल चलते नजर आ रहे हैं। इससे उनका पराली से भी पीछा छूट जाता है और प्रशासन को पता भी नहीं चलता। हालांकि प्रशासन को इस बात का बेशक पता न लगे, लेकिन वायु की गुणवत्ता इस बात का सुबूत दे देती है कि यहां किसी ने तो पराली से छेड़छाड़ की है।
दरअसल, लोग जुर्माने से बचने के लिए पराली जलाते ही उस पर ट्रैक्टर से जुताई कर देते हैं। इस वजह से पता ही नहीं लग पाता कि उस खेत में पराली जलाई गई है या केवल जुताई की गई है, लेकिन इससे पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है। सूत्रों के अनुसार, कई गांवों में कई लोगों ने ऐसे ही पराली जलाई है, जिसके बारे में अब तक पता नहीं लग पाया है। वह पर्यावरण को प्रदूषित कर अब आराम से अगली फसल की बुआई करने की तैयारी कर रहे हैं।
कराला गांव में 16 व 17 अक्टूबर को पराली जलाई गई थी। 18 अक्टूबर को खेतों में जाकर देखा गया तो वहां पर पराली जलाने का कोई सुबूत नहीं मिला। जाहिर है कि पराली जलाकर उसे मिट्टी में इतनी सफाई से दबा दिया गया कि किसी को पता भी नहीं चल सके। इसी तरह सोमवार को नांगल ठाकरान गांव में जलाई गई पराली को भी जुताई कर खेत में मिला दिया गया।
मंगलवार को जब उस खेत में जाकर देखा गया तो खेत बुआई के लिए तैयार था। खेत में पराली जलाने जैसा कुछ नजर नहीं आया। पराली जलाने से आबोहवा में घुल रहा जहर राजधानी में पराली जलाने के चलते प्रदूषण बढ़ गया है। दिल्ली के आसमान पर सुबह-शाम छाए रहने वाली धुएं की परत की वजह से लाखों लोगों को सांस लेना में परेशानी हो रही है। कोहरे जैसा दिखने वाला ये धुआं राजधानी व पड़ोसी राज्यों में जलाए जाने वाले पराली का धुआं है, जिसने राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कई गुना बढ़ा दिया है।
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